History MCQ/ G.K. Free Practice Set -18 # इतिहास अभ्यास प्रश्न सेट-18

History MCQइतिहास के 25 प्रश्न के श्रृंखला की शुरुआत की गई है। यह UPSC/UPPSC/BPSC/SSC CGL/NTA NET HISTORY/RAILWAY इत्यादि के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्नों का संग्रह किया गया है। यह श्रंखला का लक्ष्य 1000 प्रश्नों का है। अतः सब्सक्राइव कर ले एवम् इसका लाभ उठाए।इससे आप अपने तैयारी की जांच कर सकते हैं। साथ ही यह सभी परीक्षाओं के लिए तैयार किया गया है।इसके pdf को आप हमारे वेबसाइट पर डाउनलोड कर सकते हैं

History Practice set

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History MCQ Set -18 (426-450)

426. निम्नलिखित में से कौन-सा विद्रोह सिद्ध और कान्हू से सम्बन्धित था ?  

(a) मुण्डा विद्रोह (Munda Rebellion)
(b) कोल विद्रोह (Kole Rebellion)
(c) सन्थाल विद्रोह (Santhal Rebellion) (d) भील विद्राह (Bhil Rebellion)
उत्तर-(c) व्याख्या सिद्ध और कान्हू से सम्बन्धित विद्रोह सन्थाल विद्रोह था। 1855-1856 ई. में हुआ सन्थाल आदिवासियों का विद्रोह आदिवासी विद्रोह में सबसे जबर्दस्त था। यह विद्रोह मुख्यतः भागलपुर से राजमहल के बीच केन्द्रित था। सन्थाल लोगों ने भूमिकर अधिकारियों के हाथों दुर्व्यवहार, पुलिस के दमन, जमींदारों- साहूकारों की वसूलियों के विरुद्ध अपना रोष प्रकट करते हुए विद्रोह किया। इस समय आदिवासियों के क्षेत्र में प्रवेश कर उनके साथ ज्यादतियां किया करते थे, को दिक्नाम से सम्बोधित किया गया। सन्थाल विद्रोह को सिद्ध और कान्हू नामक दो सन्थालों ने अपना नेतृत्व प्रदान किया। सिद्ध ने घोषणा की थी कि ठाकुर जी (भगवान) ने उन्हें आदेश दिया हैं कि वो अपनी आजादी के लिए अब हथियार उठा ले। सरकार को सन्थाल के विद्रोह को कुचलने के लिए उपद्रवग्रस्त क्षेत्रों में मार्शल लॉ लगाना पड़ा तथा इनके विद्रोही नेताओं को पकड़ने के लिए दस हजार का ईनाम घोषित किया गया सिद्ध अगस्त 1855 तथा कान्हू फरवरी 1886 में पकड़ा गया और मार दिया गया।
427. लखनऊ में 1857 ई. का विद्रोह इस तिथि को शुरू हुआ—  

(a) 30 मई, 1857
(b) 4 जून, 1857
(c) 15 मई, 1857
(d) 15 जून, 1857
उत्तर-(b) व्याख्या – लखनऊ में विद्रोह की शुरूआत 4 जून, 1857 को हुई और यहाँ के विद्रोही सैनिकों द्वारा ब्रिटिश रेजीडेन्सी के घेराव के बाद ब्रिटिश रेजिडेन्ट हेनरी लारेन्स की मृत्यु हो गई। हैवलक आउट्रम ने लखनऊ में विद्रोह को दबाने का भरसक प्रयत्न किया पर असफल रहा। अन्तत: कालिन कैम्पवेल ने गोरखा रेजिडेन्ट के सहयोग से मार्च, 1858 में शहर पर अधिकार कर लिया। वैसे यहाँ विद्रोह का प्रभाव सितम्बर तक रहा।    
428. कलकत्ता में एशियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल की स्थापना इन्होंने की-

(a) राजा राममोहन राय
(b) सर विलियम जोन्स
(c) वारेन हेस्टिंग्स
(d) केशवचन्द्र सेन
उत्तर-(b) व्याख्या कलकत्ता में 1778 ई. में हेस्टिग्स के सहयोग से सर विलियम जोन्स ने एशियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल की स्थापना की जिसने प्राचीन भारतीय इतिहास और संस्कृति के अध्ययन हेतु महत्त्वपूर्ण प्रयास किए।
429. थियोसोफिकल सोसायटी ने खुद को इससे जोड़ा-  
(a) ईसाई पुनरुत्थान आन्दोलन
(b) इस्लामी पुनरुत्थान आन्दोलन
(c) हिन्दू पुनरुत्थान आन्दोलन
(d) उपर्युक्त सभी  
उत्तर-(c) व्याख्या-थियोसोफिकल सोसायटी ने खुद को हिन्दू पुनरुत्थान आन्दोलन के साथ जोड़ा। थियोसोफी (Theosphy) शब्द ग्रीक भाषा के Theos (God) और Sophia (Wisdom) शब्दों से मिलकर बना है जिसका अर्थ है ‘ईश्वर का ज्ञान’ संस्कृत में इसके लिए ‘ब्रह्मविद्या’ शब्द का प्रयोग होता है। थियोसोफिकल सोसायटी की स्थापना 1875 ई. में एक रूसी महिला मदाम हेलना पेट्रोना ब्लावत्सकी (1831-91) और इंग्लैण्ड के एक भूतपूर्व सैनिक अधिकारी एच.एस. आलकॉट ने अमेरिका में की थी। थियोसोफिकल सोसायटी की स्थापना का उद्देश्य धर्म को समाज सेवा का साधन बनाना था और धार्मिक भ्रातृत्व का प्रचार और प्रसार करना था। इस सोसायटी ने हिन्दू धर्म को विश्व का सबसे गूढ़ एक आध्यात्मिक धर्म माना है। थियोसोफी पुनर्जन्म और कर्म के सिद्धान्त को स्वीकार करते थे तथा सांख्य व उपनिषदों के दर्शन को अपना प्रेरणास्रोत मानते थे। इस सोसायटी की हिन्दू धर्म की व्याख्या रूढ़िवादी थी और इसके कई धार्मिक नेता जैसे—भगवानदास औरएस. सुब्रमण्यम अय्यर हिन्दू रूढ़िवादिता के समर्थक थे। सामाजिक क्षेत्र के कार्य करते हुए थियोसोफिकल ने बाल विवाह का विरोध किया था।  
430. रामकृष्ण मिशन के बारे में कौन-सा कथन गलत है ?  
(a) वह शुद्ध वैदिक सिद्धान्त को मानता था (b) उसका उद्देश्य मनुष्य का उच्चतम आध्यात्मिक विकास था
(c) वह मूर्तिपूजा (Worship of images) का निषेध करता था
(d) वह विज्ञान और टेक्नोलॉजी के आधुनिक विकास को स्वीकार करता था  
उत्तर-(c) व्याख्या – रामकृष्ण मिशन की स्थापना 1896-97 ई. में रामकृष्ण परमहंस ने की थी। सर्वप्रथम मठ की स्थापना कलकत्ता के समीप कराह नगर में की गई। तत्पश्चात् वेल्लूर (कलकत्ता) में मिशन की स्थापना की गई। इसका उद्देश्य मानव समाज के हित के लिए एवं मनुष्य की शारीरिक, मानसिक व परमार्थिक उन्नति के लिए जिस प्रकार सब तत्त्वों का प्रयोग हो सके उन विषयों में सहायता करना एवं उनका प्रचार करना था। रामकृष्ण परमहंस कलकत्ता के एक मन्दिर में पुजारी थे। इन्होंने भारतीय विचार एवं संस्कृति में अपनी पूर्ण निष्ठा जताई। वे सभी धर्मों में सत्यता के अंश को मानते थे। रामकृष्ण परमहंस ने मूर्तिपूजा को ईश्वर प्राप्ति का एक साधन अवश्य माना परन्तु इन्होंने चिह्न एवं कर्मकाण्ड की तुलना में आत्मशुद्धि पर अधिक बल दिया।
431. निम्नलिखित में से किस एक्ट ने ईस्ट इण्डिया कम्पनी के व्यापारिक अधिकार को समाप्त किया?  

(a) 1773 के रेग्युलेटिंग एक्ट ने
(b) 1813 के चार्टर एक्ट ने
(c) 1833 के चार्टर एक्ट ने
(d) 1853 के चार्टर एक्ट ने  
उत्तर-(b) व्याख्या-1813 के चार्टर एक्ट के द्वारा कम्पनी ने भारतीय व्यापार के एकाधिकार को समाप्त कर दिया। केवल चीन के साथ व्यापार और चाय के व्यापार पर कम्पनी का एकाधिकार रह गया, जिसे 1853 के चार्टर एक्ट में समाप्त कर दिया। कम्पनी के भागीदारों को भारतीय राजस्व से 10% लाभांश देने का निश्चय किया गया, भारतीयों के लिए एक लाख रुपए वार्षिक शिक्षा में सुधार, साहित्य के सुधार एवं पुनरुत्थान के लिए और भारतीय प्रदेशों में विज्ञान की प्रगति खर्च करने का प्रावधान किया गया।
432. भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में यह कहा गया है कि पोषण के स्तर को और लोगों के जीवन स्तर को उठाना और ‘जनस्वास्थ्य सुधार करना’ राज्यों का प्राथमिक कर्त्तव्य है ?  

(a) अनुच्छेद 46
(b) अनुच्छेद 47
(c) अनुच्छेद 48
(d) अनुच्छेद 49  
उत्तर-(b) व्याख्या- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 47 के अनुसार पोषण के स्तर को और लोगों के जीवन स्तर को उठाना और जनस्वास्थ्य में सुधार करना राज्यों के प्राथमिक कर्तव्य हैं। इसका उल्लेख भारतीय संविधान के नीति-निदेशक तत्त्वों में है।  
433. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का पाँचवाँ अधिवेशन 1889 ई. में यहाँ हुआ था-  

(a) कलकत्ता
(b) मद्रास
(c) बम्बई
(d) ढाका
उत्तर-(c) व्याख्या- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का पाँचवाँ अधिवेशन 1889 ई. में बम्बई में हुआ था। इस अधिवेशन की अध्यक्षता विलियम वेडरबर्न ने की थी।
434. नरम (Moderates) और गरम दल (Extremists) लोग कांग्रेस के इस अधिवेशन में एक हो गए-

(a) लाहौर
(b) बम्बई
(c) इलाहाबाद
(d) लखनऊ
उत्तर—(d) व्याख्या- नरम एवं गरम दल के लोग कांग्रेस के लखनऊ अधिवेशन (आयोजन 1916 ई.) में पुनः एक हो गए थे। 1916 ई. के लखनऊ सम्मेलन की इस कांग्रेस अधिवेशन की अध्यक्षता अम्बिका चरण मजुमदार ने की थी। गरम दल एवं नरम दल को पुन: कांग्रेस के मंच पर एक साथ लाने का प्रयास बाल गंगाधर तिलक एवं ऐनी बेसेन्ट ने किया था। इस प्रकार सूरत अधिवेशन (1907 ई.) में कांग्रेस में हुआ विभाजन 1916 में (लखनऊ अधिवेशन) में पुनः एक हो गया। 1916 ई. में कांग्रेस के लखनऊ अधिवेशन में कांग्रेस तथा मुस्लिम लीग दोनों एक समान माँगों पर सहमत हो गई एवं दोनों के बीच एक समझौता हुआ। लखनऊ अधिवेशन में हुए समझौते में कांग्रेस द्वारा मुस्लिम लीग को साम्प्रदायिक प्रतिनिधित्व देने जैसी अनुचित माँगों को मान लिया गया। बाद में जिसके हानिकारक परिणाम सामने आए। इसी प्रयास से कांग्रेस के उदारवादी दल तथा उग्रवादी दल दोनों में पुनः एकता स्थापित हो गई।
435. निम्नलिखित में से कौन खिलाफत समिति में नहीं था ?  

(a) मजहर उल हक
(b) हसरत मोहानी
(c) मौलाना शौकत अली
(d) हकीम अजमलखाँ  
उत्तर- (a) व्याख्या- उपरोक्त स्वतन्त्रता सेनानी नेताओं में से मजहर उल हक खिलाफत समिति में नहीं थे। हजरत मोहानी, मौलाना शौकत अली, हकीम अजमल खाँ, मुहम्मद अली इत्यादि खिलाफत समिति में थे। खिलाफत आन्दोलन के साथ ही राष्ट्रवादी आन्दोलन में एक नई धारा आई। 1919 ई. तुर्की में खलीफा का पद समाप्त कर दिया गया। इससे भारतीय मुसलमानों को गहरा धक्का लगा। फलस्वरूप 1919 ई. में भारत में अली बन्धुओं (मुहम्मद अली और शौकत अली) ने खिलाफत कमेटी का गठन कर ‘खिलाफत आन्दोलन’ शुरू किया। हिन्दू-मुस्लिम एकता स्थापित करने का उत्कृष्ट समय समझकर गाँधीजी के नेतृत्व में इसका समर्थन किया। 1922 ई. में यह आन्दोलन उस समय स्वतः ही समाप्त हो गया जब मुस्तफा कमाल पाशा के नेतृत्व में तुर्की में खलीफा की सत्ता समाप्त कर दी गई और आधुनिक लोकतान्त्रिक व्यवस्था की शुरूआत की गई।
436. एक सर्वदलीय सम्मेलन ने एक उप-समिति (1828) की नियुक्ति की जिसमें अली इमाम, तेज बहादुर सप्रु तथा सुभाष चन्द्र बोस थे, इस उपसमिति की अध्यक्षता कौन कर रहा था ?

(a) मौलाना आजाद                      
(b) वल्लभभाई पटेल
(c) मदन मोहन मालवीय            
(d) मोतीलाल नेहरू
उत्तर- (d) व्याख्या— साइमन कमीशन का बहिष्कार करने पर लॉर्ड वर्कन हेड ने भारतीयों को संविधान बनाने की चुनौती दी। कांग्रेस ने इस चुनौती को स्वीकार किया एवं मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता में भारतीय संविधान के मसविदे को तैयार करने के लिए एक आठ सदस्यों की नियुक्ति की। इन आठ सदस्य के नाम थे—सर अली इमाम, शुएब कुरैशी, एम.एस. अणे, एम. आर. जयकर मंगल सिंह, तेज बहादूर सूत्र, एन. एम. जोशी, जी.पी. प्रधान एवं सुभाष चन्द्र बोस। भारत के संविधान के सिद्धान्तों के तय करने के लिए सर्वदलीय सम्मेलन की समिति की रिपोर्ट को आमतौर पर नेहरू रिपोर्ट को अन्तिम रूप से अगस्त 1928 में आयोजित सर्वदलीय सम्मेलन में स्वीकार किया गया। रिपोर्ट में ‘डोमिनियन स्टेट्स’ को पहला लक्ष्य एवं पूँजी स्वराज्य’ को दूसरा लक्ष्य घोषित किया गया।
437. निम्नलिखित में से किस व्यक्ति ने तीनों गोलमेज सम्मेलनों में भाग लिया ?  

(a) मदनमोहन मालवीय
(b) बी.आर. अम्बेडकर
(c) सरदार पटेल
(d) इनमें से कोई नहीं  
उत्तर-(b) व्याख्या- बी.आर. अम्बेडकर ने तीनों गोलमेज सम्मेलनों लिया था।

सम्मेलन               आयोजन वर्ष
प्रथम गोलमेज सम्मेलन– 12 नवंबर 1930 – 19 जनवरी 1931
द्वितीय गोलमेज सम्मेलन –7 सितम्बर, 1930 से 1 दिसम्बर, 1931
तृतीय गोलमेज सम्मेलन –17 नवंबर 1932 – 24 दिसंबर 1932      
438. निम्नलिखित में से कौन-सी जोड़ी सही है ?  

(a) रामप्रसाद बिस्मिल –लाहौर षड्यन्त्र केस (b) सूर्यसेन –चटगाँव केस
(c) भगतसिंह –काकोरी षड्यन्त्र
(d) चन्द्रशेखर आजाद –दिल्ली बम काण्ड  
उत्तर-(b) व्याख्या-सही सुमेलन इस प्रकार है। (a) रामप्रसाद बिस्मिल– काकोरी षड्यन्त्र (b) सूर्यसेन –चटगाँव केस
(c) भगत सिंह– हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक एसोसियेशन
(d) चन्द्रशेखर –आजाद दिल्ली बम काण्ड  
       
439. ग्यारह प्रान्तों में से सात प्रान्तों में कांग्रेस की सरकार कब बनी थी ?  

(a) जुलाई 1935
(b) जुलाई 1936
(c) जुलाई 1937
(d) जुलाई 1938
उत्तर-(c) व्याख्या- भारत सरकार अधिनियम 1935 के द्वारा भारतीयों को प्रान्तीय शासन प्रबन्ध का अधिकार मिल गया। परिणामस्वरूप 1937 ई. में प्रान्तीय विधानसभाओं के चुनाव हुए। कांग्रेस को संयुक्त प्राप्त मद्रास, मध्य प्रदेश, बरार उड़ीसा, बिहार में पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ। स्व-केन्द्रीय व्यवस्थापिका सभा में वह सबसे बड़े दल के रूप में आई। कांग्रेस ने इस आश्वासन पर कि गवर्नर बिना वजह हस्तक्षेप नहीं करेंगे 8 प्रान्तों में अपनी सरकार जुलाई 1937 ई. में बनाई एवं सिन्ध उत्तर-पश्चिम सीमा प्रान्त तथा असम में मिला-जुला मन्त्रिमण्डल बनाया।
440. निम्नलिखित में से कौन-सी जोड़ी सही है ?  

(a) चेम्सफोर्ड – रौलेट एक्ट
(b) लॉर्ड रीडिंग – दिल्ली दरबार
(c) लॉर्ड विलिंगटन –प्रिन्स ऑफ वेल्स का भारत आगमन
(d) लॉर्ड हार्डिंग– दूसरा गोलमेज सम्मेलन  
उत्तर- (a)व्याख्या-
गवर्नर-जनरल      —     घटना
(a) चेम्सफोर्ड– रौलेट एक्ट
(b) लॉर्ड रीडिंग–प्रिन्स ऑफ वेल्स का आगमन
(c) लॉर्ड विलिंग्टन –दूसरा गोमलेज सम्मेलन (d) लॉर्ड हार्डिंग –दिल्ली दरबार  
441. सुभाष चन्द्र बोस ने इस जगह आजाद भारत की सरकार का उद्घाटन किया-  

(a) बर्मा
(b) जापान
(c) जर्मनी
(d) सिंगापुर  
उत्तर—(d) व्याख्या-21 अक्टूबर, 1943 को सुभाषचन्द्र बोस ने सिंगापुर में स्वतन्त्र भारत की अस्थायी सरकार का गठन किया जिसके मन्त्रियों में एच.सी. चटर्जी (वित्त), एम.ए. अय्यर (प्रचार) तथा लक्ष्मी स्वाभिमान (स्त्रियों के विभाग) आदि शामिल थे।
442. दिसम्बर 1931 में कोमिला की दो स्कूली छात्राओं ने गोली मारकर जिला न्यायाधीश की हत्या की थी, उनके नाम थे-  
(a) सुनीति चौधरी और बीना दास
(b) शान्ति घोष और सुनीति चौधरी
(c) बीना दास और कल्पना दत्त
(d) कल्पना दत्त और शान्ति घोष
उत्तर-(b)व्याख्या – दिसम्बर 1931 में कोमिला की दो युवतियों सुनीति चौधरी और शान्ति घोष ने कोमिला के जिलाधिकारी की हत्या की थी।
443. निम्नलिखित में से कौन-सी जोड़ी सही है ?  
(a) चुआर विद्रोह– उड़ीसा
(b) संन्यासी विद्रोह–बिहार
(c) पार्लाखेमुन्दी विद्रोह– उड़ीसा
(d) रम्पा विद्रोह—कर्नाटक
उत्तर-(b)व्याख्या-सही सुमेलन इस प्रकार है क्षेत्र                विद्रोह
(a) कुमार विद्रोह –बंगाल
(b) संन्यासी विद्रोह –बिहार
(c) पार्लाखेमुन्दी विद्रोह– उड़ीसा
(d) रम्पा विद्रोह– आंध्र प्रदेश
444. बाण्डुंग सम्मेलन के आयोजन का उत्तरदायित्व इन देशों ने उठाया  

(a) इण्डोनेशिया, बर्मा, कम्बोडिया
(b) भारत, बर्मा, इण्डोनेशिया
(c) श्रीलंका, इण्डोनेशिया, कम्बोडिया
(d) चीन, जापान, थाइलैण्ड
उत्तर-(b) व्याख्या- अप्रैल 1955 में इण्डोनेशिया के बाण्डुंग शहर में राज्यों-एशियाई देशों को एक सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें 29 देशों के 340 एशियाई और अफ्रीकी प्रतिनिधि एकत्रित हुए थे। इस सम्मेलन का आयोजन भारत, बर्मा तथा इण्डोनेशिया ने सम्मिलित रूप से किया था।  
 
445. पहिए का आविष्कार कब हुआ ?    

(a) नवपाषाण काल
(b) मध्यपाषाण काल
(d) लौह का
(c) पुरापाषाण काल
उत्तर- (a) व्याख्या – पहिए का आविष्कार नवपाषाण काल में हुआ था।
446. हड़प्पा काल की दो महत्त्वपूर्ण फसलें थी—  
(a) गेहूँ और जौ
(b) गेहूँ और चावल
(c) मटर और सरसों
(d) कपास और गन्ना  
उत्तर- (a) व्याख्या – हड़प्पा काल की दो महत्त्वपूर्ण फसलें गेहूँ और जौ थीं। सिन्धु घाटी के लोग बाढ़ उतर जाने पर नवम्बर के महीने में बाढ़ वाले मैदानों में बीज बो देते थे और अप्रैल महीने में गेहूँ और जौ की फसलें काट लेते थे। नौ प्रकार की फसलों की पहचान की गई है-चावल (गुजरात एवं राजस्थान), गेहूँ (तीन किस्में), जौ (दो किस्में), खजूर, तरबूज, मटर, राई, तिल आदि किन्तु सैन्धव सभ्यता के मुख्य खाद्यान्न गेहूँ एवं जौ थे। मोहनजोदड़ो, हड़प्पा एवं कालीबंगा में अनाज के बड़े-बड़े कोठारों में जमा किया जाता था। हड़प्पाकालीन अर्थव्यवस्था सिंचित कृषि अधिशेष पशुपालन, विभिन्न दस्तकारियों में दक्षता और समृद्ध आन्तरिक और विदेश व्यापार पर आधारित थी। सम्भवतः किसानों से राजस्व के रूप में अनाज लिया जाता था। लोथल के लोग 1800 ई.पू. में भी चावल का प्रयोग करते थे (यहाँ चावल के अवशेष प्राप्त हुए हैं)। सर्वप्रथम कपास उत्पन्न करने का श्रेय सिन्धु सभ्यता के लोगों को था, इसलिए यूनानियों ने इसे सिडोन जिसकी उत्पत्ति सिन्धु से हुई है, नाम दिया है।        
447. मध्य पाषाणकालीन मानव शिकार के लिए जिन उपकरणों का प्रयोग करता था, वे अधिकांश बने होते थे-  

(a) पत्थर
(b) ताम्र
(c) हड्डी
(d) लोहे
उत्तर- (a) व्याख्या— मध्य पाषाणकालीन मानव शिकार के लिए जिन उपकरणों का प्रयोग करता था, वे अधिकांश पत्थर के बने होते थे।
448. सिन्धु घाटी सभ्यता का महान् स्नानागार कहाँ पाया गया था ?  

(a) मोहनजोदड़ो
(b) हड़प्पा
(c) रोपड़
(d) एलोरा
उत्तर- (a) व्याख्या-सिन्धु घाटी सभ्यता का महान् स्नानागार मोहनजोदड़ो में पाया गया था। सिन्धी में इसका शाब्दिक अर्थ ‘मृतकों का टीला’ है। यह सिन्ध के लरकाना जिले में सिन्धु नदी तट पर स्थित है। इसकी खोज सर्वप्रथम राखालदास बनर्जी ने 1922 ई. में की थी। मोहनजोदड़ो सबसे महत्त्वपूर्ण सार्वजनिक स्थल है। विशाल स्नानागार, जिसका जलाशय दुर्ग के टीले में है। यह 11.88.मी. लम्बा, 7.01 मी. चौड़ा और 2.43 मी. गहरा है। यह विशाल स्नानागार धर्मानुष्ठान सम्बन्धी स्नान के लिए था। मार्शल ने इसे तत्कालीन विश्व का एक आश्चर्यजनक निर्माण कहा है।
449. निम्नलिखित में से कौन-सा एक आहत (पंचमार्क) सिक्कों के विषय में सही नहीं है ?  

(a) भारत में वे सबसे पहले विद्यमान सिक्के हैं (b) उन पर एक से अधिक पंच की मोहरें हैं (c) उन पर अनेक प्रकार के प्रतीक निरूपित हैं (d) उन पर हमेशा जारी करने वालों के उत्कीर्ण लेख होते हैं।  
उत्तर- (d) व्याख्या – आहत सिक्कों (पंचमार्क) पर हमेशा जारी करने वालों के उत्कीर्ण लेख नहीं होते थे। सिक्कों के अध्ययन को न्यूमिस (मुद्राशास्त्र) कहा जाता है। अभिलेखों के बाद सिक्कों को भी भारतीय इतिहास के पुनर्निर्माण का सबसे महत्त्वपूर्ण स्रोत समझा जाता है। भारत के प्राचीनतम सिक्कों को जो 5 वीं अथवा 6ठी शताब्दी ईसा पूर्व के हैं, ‘पंचमार्क’ अथवा ‘आहत’ सिक्के कहा जाता है। ये अधिकांशत: चाँदी के हैं। परन्तु कुछ ताँबे के भी आहत सिक्के प्राप्त हुए हैं। इन्हें आहत इसलिए कहा जाता है क्योंकि इन पर अलग से ठप्पा मारकर विभिन्न प्रतीक अंकित (पंच) किए गए हैं। ऐसे सिक्के समूचे देश में तक्षशिला से मगध तक और मगध से मैसूर तक तथा दूर दक्षिण में भी मिले हैं। उन पर कोई शब्द अथवा लेख अंकित नहीं है। साहित्य में इन सिक्कों को कर्षापण कहा गया है।
450. निम्नलिखित में से कौन व्यक्ति सिन्धु घाटी सभ्यता के उत्खनन से सम्बन्धित नहीं थे ?  

(a) एन.जी. मजूमदार
(b) आर.सी. मजूमदार
(c) दयाराम साहनी
(d) एम.एस. वत्स  
उत्तर-(b) व्याख्या-आर. सी. मजूमदार सिन्धु घाटी सभ्यता के उत्खन्न सम्बन्धित नहीं थे।  

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