इतिहास के 25 प्रश्न के श्रृंखला की शुरुआत की गई है। यह PSC/UPPSC/BPSC/SSC CGL/NTA NET HISTORY/RAILWAY इत्यादि के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्नों का संग्रह किया गया है। आप अपने तैयारी की जांच कर सकते हैं। साथ ही यह सभी परीक्षाओं के लिए तैयार किया गया है।
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History MCQ/GK Free Practice Set -39 (951-975)
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951. 23 जनवरी, 1948 को किसने सुभाष चन्द्र बोस के लिए कहा था, “हमें उनका अनुसरण करना चाहिए। वे महान् देशभक्त तथा संकीर्णताओं एवं जाति भेदभाव से मुक्त हैं। वे सबके साथ समान व्यवहार करते हैं।” (a) जवाहर लाल नेहरू (b) भूलाभाई देसाई (c) महात्मा गाँधी (d) मौलाना अबुल कलाम आजाद |
उत्तर-(c) व्याख्या – 23 जनवरी, 1948 को गांधी जी ने सुभाष चन्द्र बर के बारे में कहा था कि “हमें उनका अनुसरण करना चाहिए। वे महान् देशभक्त तथा संकीर्णताओं एवं जाति भेदभाव से मुक्त हैं। वे सबके साथ समान व्यवहार करते हैं।” गाँधी जी ने ये शब्द अपनी मृत्यु के एक सप्ताह पूर्व सुभाष का जन्मदिन मनाते हुए कहे थे। -भारत का स्वतन्त्रता संग्राम – विपिन चन्द्रा |
952. निम्नलिखित में से कौन एक कथन श्यामजी कृष्णा वर्मा के विषय में असत्य है ? (a) वह काठियावाड़ के निवासी थे (b) उन्होंने मासिक पत्र ‘इण्डियन सोशियोलॉजिस्ट’ प्रारम्भ किया था। (c) भारतीय विद्यार्थियों के लिए उन्होंने लन्दन में एक छात्रावास स्थापित किया था, जिसे ‘इण्डिया हाउस’ कहा जाता था (d) वह ‘गदर’ पत्र के सम्पादक थे |
उतर (d) व्याख्या- गदर पार्टी की स्थापना 1913 ई० में सान फ्रांसिस्को में लाला हरदयाल, रामचन्द्र तथा बरकतुल्ला ने मिलकर की थी। इस संगठन ने ‘युगान्तर प्रेस’ की स्थापना कर 1 नवम्बर, 1913 से ‘गदर’ नामक पत्र प्रकाशित किया। यह समाचार पत्र गुरुमुख, हिन्दी, उर्दू एवं गुजराती भाषा में निकाला गया। श्यामजी कृष्ण वर्मा ने 1905 ई० में ‘भारत स्वशासन समिति’ का गठन किया जिसे ‘इण्डिया हाउस’ की संज्ञा दी जाती है। उन्होंने एक मासिक पत्र ‘इण्डियन सोशियोलॉजिस्ट’ प्रारम्भ किया। स्रोत- भारत का स्वतन्त्रता संग्राम – विपिन चन्द्रा |
953. निम्नलिखित में से कौन रेम्यूलेटिंग अधिनियम, 1773 में उल्लिखित गवर्नर-जनरल की परिषद् का सदस्य नहीं था ? (a) क्लेवरिंग (b) मॉनसन (c) बारवेल (d) हाइड |
उत्तर- (d) व्याख्या – प्रथम गवर्नर-जनरल वारेन हेस्टिंग्स तथा उसकी परिषद् के सदस्यों; फिलिप फ्रांसिस, क्लेवरिंग, मॉनसन तथा बरवैल; का नाम अधिनियम में ही लिख दिया था। इस प्रशासन मण्डल में अध्यक्ष गवर्नर-जनरल था जो केवल मत बराबर होने की स्थिति में ही निर्णायक मत दे सकता था। कोरम या गणपूर्ति तीन का था। इस अधिनियम के अनुसार 1774 ई० में उच्चतम न्यायालय गठित किया गया। सर एलीजाह इम्पे इसके मुख्य न्यायाधीश तथा चैम्बर्ज, लिमेस्टर और हाइड कनिष्ठ सहयोगी न्यायाधीश बनाए गए। स्त्रोत- आधुनिक भारत का इतिहास- बी०एल० ग्रोवर |
954. भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के किस अधिवेशन में स्वदेशी के प्रस्ताव को अपनाया गया था ? (a) मद्रास अधिवेशन, 1903 (b) बम्बई अधिवेशन, 1904 (c) बनारस अधिवेशन, 1905 (d) कलकत्ता अधिवेशन, 1906 |
उत्तर- (c) व्याख्या – बनारस अधिवेशन (1905 ई०) में स्वदेशी तथा बहिष्कार आन्दोलन का समर्थन किया गया। कलकत्ता अधिवेशन (1906 ई०) में कांग्रेस पर एक प्रकार से उग्रवादी प्रभाव छाया रहा तथा बहिष्कार, स्वदेशी, राष्ट्रीय शिक्षा और स्वायत्त शासन पर प्रस्ताव रखे गए। स्त्रोत- भारत का स्वतन्त्रता संग्राम – विपिन चन्द्रा |
955. बिहार और उड़ीसा में प्रचलित ‘कमिओटी’ प्रथा का तात्पर्य था- (a) एक सामाजिक प्रथा (b) एक धार्मिक कृत्य (c) बन्धुआ मजदूरी का एक रूप (d) एक परम्परागत ग्राम्य संस्था |
उत्तर-(c) व्याख्या- बिहार और उड़ीसा में प्रचलित ‘कमिऔटी प्रथा’ का तात्पर्य बन्धुआ मजदूरी से था। इस प्रथा के अन्तर्गत कृषि दास के रूप में खेती करने वाले कमियाँ जाति के लोग अपने मालिकों द्वारा प्राप्त ऋण पर दी जाने वाली ब्याज की राशि के बदले जीवन भर उनकी सेवा करते थे। ब्रिटिश शासनकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़ी कुछ अन्य प्रथाएँ थीं— दादनी प्रथा, तिनकठिया प्रथा तथा दुबला- हाली प्रथा आदि। स्त्रोत- इग्नू नोट्स |
956. भरत की शैक्षिक नीति में ‘फिल्ट्रेशन सिद्धान्त’ के प्रतिपादक थे- (a) डब्ल्यू०सी० वुड (b) लॉर्ड मैकॉले (c) जे०एस० मिल (d) लॉर्ड कार्नवालिस |
उत्तर-(b) व्याख्या- मैकॉले की पद्धति भारत के उच्च वर्ग को अंग्रेजी माध्यम द्वारा शिक्षित करने का प्रयत्न था। मैकॉले का उद्देश्य जनसाधारण को शिक्षित करना नहीं था। वह स्पष्ट रूप से यह जानता था कि सीमित साधनों से समस्त जनता को शिक्षित करना असम्भव है। वह विप्रवेशन सिद्धान्त (Infiltration theory) में विश्वास करता था। उसके अनुसार अंग्रेजी भाषा में शिक्षित लोग एक ‘दुभाषिया श्रेणी’ के रूप में कार्य करेंगे और भारतीय भाषाओं और साहित्य को समृद्धिशाली बनाएँगे और इस प्रकार पाश्चात्य शिक्षा जनसाधारण तक पहुँच जाएगी। |
957. निम्नलिखित में से किस वर्ष ‘देशी भाषा प्रेस अधिनियम’ पारित किया गया ? (a) 1884 (b) 1875 (c) 1882 (d) 1878 |
उत्तर- (d) व्याख्या-1878 ई० के देशी भाषा से सम्बन्धित वर्नाक्युलर प्रेस अधिनियम (Vernacular Press Act) से सरकार ने भारतीय समाचार-पत्रों को अधिक नियन्त्रण में लाने का प्रयत्न किया। यह अधिनियम लॉर्ड लिटन के समय पारित हुआ था। अधिनियम में सरकार विरोधी लेख नहीं प्रकाशित करने के लिए बन्धन पत्र (Bond) पर हस्ताक्षर करने तथा पूर्व पत्रेक्षण (Censor) करवाने सम्बन्धी धाराएँ सम्मिलित थीं। |
958. निम्नलिखित में से कौन गवर्नर-जनरल अंग्रेजी के अतिरिक्त अरबी, फारसी एवं बंगाली भाषा का जानकार था ? (a) सर जॉन शोर (b) लॉर्ड कार्नवालिस (c) लॉर्ड विलियम बैन्टिक (d) वारेन हेस्टिंग्स |
उत्तर- (d) व्याख्या-वारेन हेस्टिंग्स की साहित्य में रुचि थी। उसने प्राचीन विद्याओं तथा साहित्य को संरक्षण दिया। वह अरबी तथा फारसी जानता था और बंगला भी बोल सकता था। उसने चार्ल्स विल्किन्स के ‘गीता’ के प्रथम अंग्रेजी अनुवाद की प्रस्तावना लिखी। उससे प्रेरणा पाकर विल्किन्स, हॉलहेड तथा सर विलियम जोन्स आदि ने प्राचीन भारतीय पुस्तकों का अध्ययन किया। विल्किन्स ने फारसी तथा बंगला मुद्रण के लिए ढलाई के अक्षरों का आविष्कार किया तथा ‘गीता’ और ‘हितोपदेश’ का अनुवाद भी किया। हॉलहेड ने 1778 ई० में संस्कृत व्याकरण प्रकाशित किया। सर विलियम जोन्स ने 1778 ई० में ‘एशियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल की नींव डाली। स्रोत- आधुनिक भारत का इतिहास- बी० एल० प्रोवर; पृष्ठ-117 |
959. किसने कहा था- “बैन्टिंक ने प्राच्य निरंकुशता में ब्रिटिश स्वतन्त्रता की भावना भर दी।” (a) जेरेमी बेन्थम (b) लॉर्ड मैकॉले (c) जे०एस० मिल (d) ग्रेनविल |
उत्तर-(b) व्याख्या – लॉर्ड मैकॉले ने बैन्टिंक की प्रशंसा करते हुए कहा था कि बैन्टिंक ने प्राच्य स्वेच्छाचारिता में अंग्रेजी स्वतन्त्रता की भावना भर दी। ये शब्द कलकत्ता में बैन्टिक की प्रतिमा पर खुदे हुए थे। बैन्टिक ने क्रूर रीति-रिवाजों को बन्द किया, अपमानजनक भेदभावों को समाप्त किया तथा जनता को अपने विचार प्रकट करने की स्वतन्त्रता दी। स्त्रोत- आधुनिक भारत का इतिहास- बी०एल० ग्रोवर |
960. ‘बंगाल गजट’ पत्र था- (a) साप्ताहिक (b) पाक्षिक (c) मासिक (d) दैनिक |
उत्तर-(b)व्याख्या-बंगाल बजट जेम्स ऑगस्टस हिक्की द्वारा 1780 ई० में प्रकाशित किया गया था। यह भारत में प्रकाशित पहला समाचार-पत्र था। यह एक पाक्षिक पत्र था। स्त्रोत- आधुनिक भारत का इतिहास- बी०एल० ग्रोवर |
961. बेलग्रेड में हुए गुटनिरपेक्ष देशों के प्रथम सम्मेलन में कितने देशों ने भाग लिया ? (a) 20 (b) 22 (c) 24 (d) 25 |
उत्तर- (d) व्याख्या – गुटनिरपेक्ष देशों का पहला सम्मेलन, 1961 ई० में बेलग्रेड में हुआ । इस सम्मेलन में 25 देशों ने भाग लिया गुटनिरपेक्ष आन्दोलन पण्डित नेहरू, मिस्र के राष्ट्रपति नासिर तथा युगोस्लाविया के राष्ट्रपति मार्शल टीटो के प्रयत्न से अस्तित्व में आया था। |
962. किस पंचवर्षीय योजना के अन्तर्गत सामुदायिक विकास कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया गया था ? (a) प्रथम (b) द्वितीय (c) तृतीय (d) पंचम |
उत्तर- (a) व्याख्या- ‘सामुदायिक विकास कार्यक्रम’ प्रथम पंचवर्षीय योजना में प्रारम्भ किया गया था। 1951-56 |
963. हड़प्पा काल की ताम्र-निधि संस्कृति निम्नलिखित में से किस एक मृद्भाण्ड प्रकार से अन्तरिम रूप में पहचानी गई है ? (a) सोठी मृद्भाण्ड (b) गेरुवर्णी मृद्भाण्ड (c) चित्रित धूसर मृद्भाण्ड (d) उत्तरी काली पालिश वाले मृद्भाण्ड |
उत्तर-(b) व्याख्या- उत्तर हड़प्पा काल की ताम्र-निधि संस्कृति गेरूवर्णी मृद्भाण्ड से अन्तरिम रूप से पहचानी गई है। गेरूवर्णी मृद्भाण्ड गंगा घाटी के मध्य भाग में ताम्र पाषाणिक काल में पाए गए हैं। यह गेरूवर्णी मृद्भाण्ड अहाड़, गिलुन्द एवं बलथल नामक स्थान में पाए गए हैं। |
964. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए— 1. मोहनजोदड़ो में आवास निर्माण में कभी चूना गारा का प्रयोग नहीं हुआ। 2. धौलावीरा में आवास निर्माण में कभी पत्थर का प्रयोग नहीं हुआ। उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ? (a) केवल 1 (b) केवल 2 (c) 1 और 2 दोनों (d) न तो 1 और न ही 2 |
उत्तर- (d) व्याख्या – मोहनजोदड़ो में आवास पकाई गई ईंटों से पूर्णतः बने थे। कभी-कभी चूने और जिप्सम का भी प्रयोग किया जाता था। जबकि धौलावीरा में आवास निर्माण में पत्थरों का प्रयोग हुआ। धौलावीरा एक दुर्गीकृत स्थल था। अत: दोनों कथन असत्य हैं। स्रोत- प्राचीन भारत का इतिहास-झा एवं श्रीमाली |
965. सिन्धु घाटी सभ्यता के सन्दर्भ में, निम्नलिखित पशुओं पर विचार कीजिए— 1. बैल 2. हाथी 3. गैंडा उपरोक्त में से किस पशु/ किन पशुओं की आकृति / आकृतियाँ सिन्धु मुद्राओं पर पाई जाती है/हैं ? (a) केवल 1 (c) 2 और 3 (b) 1 और 2 (d) 1, 2 और 3 |
उत्तर- (d) व्याख्या-सिन्धु सभ्यता में पाए जाने वाले पशुओं में से मुद्राओं पर पाए गए पशुओं की आकृति वाले पशु- वृषभ (बैल), गैंडा, बाघ, बकरा, हिरन, भैसा, हाथी, खरगोश आदि है। स्रोत- प्राचीन भारत का इतिहास एवं श्रीमाली |
966. निम्नलिखित में से वह कौन-सी नदी है जिससे लोथल का गोदी क्षेत्र एक नहर के द्वारा जुड़ा हुआ है ? (a) भारावी (b) भोगवा (c) चित्रा (d) चक्रा |
उत्तर-(b) व्याख्या – लोथल साबरमती और (भोगवा नदियों के मध्य खम्भात की खाड़ी के नजदीक अवस्थित (अहमदाबाद के सरागवावाला ग्राम से 80 किमी दक्षिण में) था। इस स्थल की खोज डॉ० एस०आर० राव ने 1957 ई० में की थी। सागर तट पर स्थित यह स्थल पश्चिमी एशिया से व्यापार का प्रमुख बन्दरगाह था। लोथल से मिले एक मकान का दरवाजा गली की ओर न खुलकर सड़के की ओर खुलता था। उत्खननों से लोथल की जो नगर योजना और अन्य भौतिक वस्तुएँ प्रकाश में आई हैं उनसे लोथल एक ‘लघु हड़प्पा’ या ‘मोहनजोदड़ो’ नगर प्रतीत होता है। फारस की मुद्रा या सील और पक्के रंग में रंगे हुए पात्रों की उपलब्धि से स्पष्ट है कि लोथल सिन्धु सभ्यता काल में सामुद्रिक व्यापारिक गतिविधियों का केन्द्र था। लोथल की सबसे बड़ी उपलब्धि जहाजों की गोदी (डॉकयार्ड) है। यह लोथल के पूर्वी खण्ड में पक्की ईंटों का एक तालाब जैसा घेरा था। यहाँ से चावल, बाजरे का साक्ष्य, घोड़े की लघु मृण्मूर्ति, तीन युगल समाधियों के अवशेष प्राप्त हुए हैं। स्त्रोत- हड़प्पा सभ्यता एवं संस्कृति – अंशुमान द्विवेदी |
967. निम्नलिखित में से किसमें विख्यात गायत्री मन्त्र मिलता है ? (a) ऋग्वेद (b) सामवेद (c) यजुर्वेद (d) अथर्ववेद |
उत्तर- (a) व्याख्या-विख्यात गायत्री मन्त्र ऋग्वेद में मिलता है। गायत्री मन्त्र ऋग्वेद के तृतीय मण्डल से सम्बन्धित है जिसके रचनाकार विश्वामित्र हैं। गायत्री मन्त्र को सावित्री, जो प्रातःकाल की देवी (Morning Goddess) थी, के लिए गाया जाता है। |
968. प्रसिद्ध सूक्ति ‘तत्त्वमसि’ निम्नलिखित में से किस एक उपनिषद में मिलती है ? (a) छान्दोग्य (b) मुण्डक (c) माण्डुक्य (d) ईशावास्य |
उत्तर- (a) व्याख्या प्रसिद्ध सूक्ति ‘तत्त्वमसि’ छान्दोग्य उपनिषद् में मिलती है। |
969. निम्नलिखित में से किस एक स्मृति में यह कथन मिलता है- “राजपत्र कपड़े पर अथवा ताम्र पट्टिका पर लिखे जाते थे” ? (a) मनुस्मृति (b) पाराशर स्मृति (c) याज्ञवल्क्यस्मृति (d) शंखस्मृति |
उत्तर-(a) व्याख्या-‘ ‘मनुस्मृति’ में यह कथन मिलता है कि, “राजपत्र कपड़े पर अथवा ताम्र पट्टिका पर लिखे जाते थे। |
970. प्रसिद्ध दाशराज (दस राजाओं का युद्ध) का उल्लेख है- (a) ऋग्वेद में (b) यजुर्वेद में (c) सामवेद में (d) इनमें से कोई नहीं |
उत्तर- (a) व्याख्या- प्रसिद्ध दाशराज्ञ (दस राजाओं का युद्ध) का उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है। ऋग्वेद की रचनाओं में उस युग के बहुत से जनों का उल्लेख है। विशेषतया वहाँ जहाँ जनों के पारस्परिक संघर्षो जैसे- दाशराज्ञ युद्ध की चर्चा होती है। ऐसा कहा जाता है कि सुदास पश्चिमी पंजाब में भरत जन का राजा था और विश्वामित्र उनके पुरोहित थे। जिन्होंने सुदास के लिए अनेक युद्ध किये और उनमें सफलता भी प्राप्त की थी। |
971. निम्नलिखित में से किस वैदिक सूक्त में चार वर्णों के उद्गम का सन्दर्भ मिलता है ? (a) उषस् (b) पुरुष (c) नासदीय (d) आरण्यानी |
उत्तर-(b) व्याख्या- वैदिक सूक्त ‘पुरुष सूक्त’ में चार वर्णों का उद्गम मिलता है। ‘पुरुष सूक्त’ ऋग्वेद के दसवें मंडल में शामिल है। |
972. महायान बौद्ध मत को दो दार्शनिक शाखाएँ थीं। निम्नलिखित में से किसका महायान बौद्धमत से सम्बन्ध है ? (a) माध्यमिका और योगाचार (b) विज्ञानवाद और स्थविरवाद (c) महासंघिक और थेरवाद (d) आचार्यवाद और सर्वास्तिवाद |
उत्तर- (a) व्याख्या महायान मत के विकास का श्रेय नागार्जुन को है जो कनिष्क (कुषाण वंश) के समकालीन थे। महायान सम्प्रदाय में गुणों के स्थानान्तरण में विश्वास था एवं बुद्ध का मानव रूप में चित्रण किया जाता था। इसमें मूर्ति पूजा का प्रचलन था एवं इसके अनेक बोधिसत्वों की परिकल्पना की गई थी। महायान बौद्धमत की दो दार्शनिक शाखाएं थी- (1) शून्यवाद, माध्यमिक दर्शन प्रतिपादक- नागार्जुन चूंकि प्रत्येक वस्तु किसी कारण से बनी है। वह शून्य है। यह आइन्स्टाइन के सापेक्षता सिद्धान्त से मिलता-जुलता है। महत्वपूर्ण ग्रन्थ- माध्यमिक कारिका मकर श्रीवत्स (2) विज्ञानवाद, योगाचार • प्रतिपादक- मैत्रेयनाथ मैत्रेयनाथ के शिष्य असंग ने इसे स्पष्टता दी। • प्राचीनतम ग्रन्य असंग कृत सुत्रालंकार सम्बन्धित दार्शनिक वसुवन्धु, दिक्न्नाग, धर्मकृति • इसके अनुसार संसार का निर्माण चेतना से किया गया है जो स्वप्न से अधिक वास्तविक नहीं है। |
973. बाइसवें तीर्थंकर कौन थे ? (a) पार्श्वनाथ (b) ऋषभदेव (c) अरिष्टनेमि (d) नेमिनाथ |
उत्तर-(c) व्याख्या- जैन धर्म के 22 वें तीर्थकर ‘अरिष्टनेमि’ थे। जैन तीर्थकरों के संज्ञान अथवा प्रतीक- तीर्थंकर प्रतीक ऋषभदेव या आदिनाथ वृषभ अजितनाथ गज सम्भवनाथ अश्व अभिनन्दन नाथ कपि पद्म प्रभु पद्म चन्द्रप्रभु चन्द्र पूज्यनाथ महिष महावीर सिंह |
974. स्तूप एवं चैत्य निर्माण के निर्देश तथा इनमें स्थापित करने के लिए बुद्ध के अवशेषों को लेकर विवाद का विवरण सर्वप्रथम मिलता है- (a) मिलिन्दपन्हो में (b) मज्झिमनिकाय में में (c) महापरिनिब्बान सुत्त में (d) ज्ञानप्रस्थान सूत्र |
उत्तर-(c) व्याख्या- स्तूप एवं चैत्य निर्माण के निर्देश तथा इनमें स्थापित के लिए बुद्ध के अवशेषों को लेकर विवाद का सर्वप्रथम विवरण करने ‘महापरिनिब्बान सुत्त’ में मिलता है। |
975. कुण्डग्राम का, जहाँ महावीर का जन्म हुआ था, आधुनिक नाम क्या है ? (a) वैशाली (b) पटना (c) वासुकुण्ड (d) पैठण |
उत्तर-(c) व्याख्या-कुण्डग्राम, जहाँ महावीर का जन्म हुआ था, का आधुनिक नाम ‘बासुकुण्ड’ है। महावीर का जन्म 540 ई०पू० में हुआ था। इनके पिता सिद्धार्थ ज्ञातक कुल के प्रधान थे जबकि माता ‘त्रिशला’ लिच्छवि गणराज्य प्रमुख की बहन थी। वासुकुण्ड जो कुण्डग्राम का आधुनिक नाम है, बिहार राज्य के वैशाली जिला में अवस्थित है। |
History MCQ Free Set :-यह इतिहास के 25 प्रश्न के श्रृंखला है। यह UPSC/UPPSC/BPSC/SSC CGL/NTA NET HISTORY/RAILWAY/TEACHING EXAMS इत्यादि के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्नों का संग्रह किया गया है। यह श्रंखला का लक्ष्य 1000 प्रश्नों का है। इससे आप अपने तैयारी की जांच कर सकते है । यह सीरीज आपको कैसा लगा। आप हम कमेंट और सब्सक्राइब करें। धन्यवाद ।