History MCQ–इतिहास के 25 प्रश्न के श्रृंखला की शुरुआत की गई है। यह यूपीएससी/यूपीपीसीएस/बीपीएससी/NTA NET HISTORY/एसएससी/रेलवे इत्यादि के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्नों का संग्रह किया गया है। यह श्रंखला का लक्ष्य 1000 प्रश्नों का है। अतः सब्सक्राइव कर ले एवम् इसका लाभ उठाए।इससे आप अपने तैयारी की जांच कर सकते हैं। साथ ही यह सभी परीक्षाओं के लिए तैयार किया गया है।इसके pdf को आप हमारे वेबसाइट पर डाउनलोड कर सकते हैं।

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History MCQ Set -13 (301-325)
History MCQ: 301. निम्नलिखित में से किसने वैदिक ग्रन्थों का बंगला (बंगाली) भाषा में अनुवाद प्रकाशित किया था ? (a) राजा राममोहन राय (b) देवेन्द्रनाथ टैगोर (ठाकुर) (c) ईश्वरचन्द्र विद्यासागर (d) इनमें से कोई नहीं |
उत्तर- (a) व्याख्या- राजा राममोहन राय , इन्हें भारतीय पुनर्जागरण का मसीहा माना जाता था। ये विद्वान थे, इन्हें फारसी, अरबी, संस्कृत जैसी प्राच्य भाषाओं एवं लैटिन, यूनानी, फ्रांसीसी, अंग्रेजी, हिब्रू जैसी पाश्चात्य भाषाओं में निपुणता प्राप्त थी। राजा राममोहन राय ने एकेश्वरवाद में विश्वास व्यक्त करते हुए मूर्तिपूजा एवं अवतारवाद का विरोध किया। इन्होंने कर्म के सिद्धान्त तथा पुनर्जन्म पर कोई निश्चित मत व्यक्त नहीं किया। राय ने धर्म ग्रन्थों को माननीय अन्तरयात्मा तथा तर्क से ऊपर नहीं माना। राजा राममोहन राय के उपदेशों का सार सर्व धर्म सेवाभाव था। राजा राममोहन राय की कुछ महत्त्वपूर्ण कृतियाँ इस प्रकार की थीं।- तुहफर्तुल मुवहिद्दीन, गिफ्ट टू मोनोथेइस्ट्स (1809 में पारसी में) प्रीसैप्ट्स ऑफ जीसस आदि। इन्होंने संवाद कौमुदी का सम्पादन किया। राजा राममोहन राय ने 1814 ई. में आत्मीय सभा की स्थापना की। 1825 ई. में इन्होंने कॉलेज की स्थापना की। राजा राममोहन राय अपने समय में सम्पूर्ण मानव समाज में एक मात्र ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने आधुनिक युग के महत्त्व को पूरी तरह से समझा। राजा राममोहन राय ने भारतीय स्वतन्त्रता एवं राष्ट्रीय आन्दोलन का समर्थन किया। 1821 ई. में नेपल्स की क्रान्ति की असफलता पर उन्हें काफी निराशा हुई। |
302. भारत में प्रकाशित प्रथम समाचार पत्र था ? (a) द बंगाल गजट (b) द कलकत्ता गजट (c) द कलकत्ता क्रॉनिकल (d) द इण्डियन गजट |
उत्तर- (a) Ans:- व्याख्या- भारत में प्रकाशित प्रथम समाचार पत्र द बंगाल गजट था। यह सर्वप्रथम 1780 ई. में प्रकाशित हुआ था। इसके सम्पादक जेम्स आगस्टस हिक्की थे। स्त्रोत- भारत का स्वतन्त्रता संघर्ष – विपिन चन्द्र |
303. निम्नलिखित में से किसने कहा था, “भारत को पुनः एक होना होगा तथा अपनी शक्ति से पूर्ण विश्व को विजित करना होगा”? (a) स्वामी दयानन्द (b) रामकृष्ण परमहंस (c) स्वामी विवेकानन्द (d) श्रीमती ऐनी बेसेन्ट |
उत्तर-(c) व्याख्या- उपरोक्त कथन स्वामी विवेकानन्द का है। नरेन्द्रनाथ दत्त (स्वामी विवेकानन्द 1863-1902 ई.) के रामकृष्ण आन्दोलन के मुख्य प्रेरक स्वामी एक मन्दिर में पुजारी थे। इन्होंने भारतीय विचार एवं संस्कृति में अपनी पूर्ण निष्ठा जताई। वे सभी धर्मों में सत्यता के अंश को मानते थे। रामकृष्ण जी ने मूर्तिपूजा को ईश्वर प्राप्ति का एक साधन अवश्य माना परन्तु इन्होंने चिह्न एवं कर्मकाण्ड की तुलना में आत्मशुद्धि पर अधिक बल दिया। रामकृष्ण की शिक्षाओं के प्रचार-प्रसार का श्रेय उनके योग्य शिष्य विवेकानन्द जी को ही मिला। 1893 ई. में स्वामी विवेकानन्द ने शिकागो में हुए धर्म संसद में भाग लेकर पाश्चात्य जगत को भारतीय संस्कृति एवं दर्शन से अवगत कराया। स्त्रोत- आधुनिक भारत का इतिहास- बी.एल. ग्रोवर |
304. ‘आत्मीय सभा’ की स्थापना निम्नलिखित में से किसने की थी ? (a) राजा राममोहन राय (b) देवेन्द्र नाथ ठाकुर (टैगोर) (c) स्वामी विवेकानन्द (d) अक्षय कुमार दत्त |
उत्तर- (a) व्याख्या- राजा राममोहन राय ने आत्मीय सभा की स्थापना कलकत्ता में 1815 ई. में की थी। इसका उद्देश्य एकेश्वरवाद के प्रचार तथा मूर्ति पूजा व धार्मिक-सामाजिक बुराइयों को दूर करना था। राजा राममोहन राय का ईश्वर की एकता पर अटूट विश्वास था। उन्होंने अपनी कृति ‘तुहफात-उल-मुहाविदीन‘ और ‘ए गिफ्ट टू मोनोथिस्टस‘ में एकेश्वरवाद की वकालत की थी। धार्मिक मामलों में उन्होंने मानवीय विवेक तथा तर्क पद्धति पर बल दिया। हिन्दू धर्म में सुधार हेतु तथा एकेश्वरवाद के प्रचार के लिए उन्होंने 1828 ई. में ‘ब्रह्म सभा‘ की स्थापना की थी। वे जीवन भर सती प्रथा के विरुद्ध संघर्ष करते रहे और उन्हीं के विचारों से प्रभावित होकर लॉर्ड विलियम बैटिंक ने 1829 ई. में सती प्रथा को कानून बनाकर अवैध घोषित कर दिया। स्रोत- भारत का स्वतन्त्रता संघर्ष |
305. किस पहले भारतीय ने एक भारतीय भाषा में 1857 ई. के विद्रोह के कारणों के बारे में पुस्तक लिखी ? (a) सैयद अहमद खाँ (b) वी.डी. सावरकर (c) बंकिम चन्द्र चटर्जी (d) इनमें से कोई नहीं |
उत्तर- (a) व्याख्या-1857 ई. के विद्रोह से सम्बन्धित पुस्तक लेखक पुस्तक एस.एन.सेन — 1857 मौलाना अबुल कलाम आजाद — एट्टीन फिफ्टी सेवन (1857) वी.डी. सावरकर — भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम, 1857 आर. सी. मजूमदार — Sepoy Mutiny and Revolt of 1857 (सीपॉय म्यूटिनी एण्ड रीवोल्ट ऑफ 1857 ) सर सैयद अहमद खाँ प्रथम भारतीय थे जिन्होंने भारतीय भाषा में 1857 ई. के विद्रोह के कारणों के बारे में पुस्तक लिखी थी। स्त्रोत- आधुनिक भारत का इतिहास — सुमित सरकार |
306. 1857 ई. की भारतीय क्रान्ति से सम्बन्धित निम्नलिखित घटनाओं को नीचे दिए गए कूट की सहायता से उनके सही कालक्रम में लगाइए- 1. बैरकपुर में मंगल पाण्डेय काण्ड 2. मेरठ में सैनिक-काण्ड 3. झाँसी में विप्लव 4. कानपुर में विप्लव (a) 1, 2, 3, 4 (b) 4,3,2, 1 (c) 2, 3, 1, 4 (d) 4, 2, 1, 3 |
उत्तर- (a) व्याख्या- घटना तिथि 1. बैरकपुर में मंगल पाण्डेय काण्ड -29 मार्च, 1857 ई. 2. मेरठ में सैनिक-काण्ड- 10 मई, 1857 ई. 3. झाँसी में विप्लव–5 जून, 1857 ई. 4. कानपुर में विप्लव–5 जून, 1857 ई. |
307. निम्नलिखित में से कौन अन्तरिम सरकार (1946) में रेल मन्त्री थे ? (a) बलदव सिंह (b) टी.टी. चुन्दरीगर (c) आसफ अली (d) अब्दुल रब निस्तार |
उत्तर-(c) व्याख्या- आसफ अली अन्तरिम सरकार में रेल मन्त्री थे। 2 सितम्बर, 1946 को लॉर्ड माउण्ट बेटन ने पण्डित जवाहर लाल नेहरू को अन्तरिम सरकार में मुखिया के रूप में शपथ दिलाई। नेहरू के नेतृत्व में एक सिख, तीन मुसलमान, एक ईसाई, एक अनुसूचित जाति तथा पाँच स्वर्ण हिन्दुओं का मन्त्रिमण्डल बना था, जो इस प्रकार है अन्तरिम केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल 1946 नाम विभाग जवाहर लाल नेहरू- प्रधानमन्त्री, विदेश व राष्ट्र मण्डल सरदार वल्लभभाई पटेल- गृह, सूचना एवं प्रसारण सरदार बलदेव सिंह– रक्षा जॉन मथाई–उद्योग तथा आपूर्ति सी.एच. भाभा –खान एवं बन्दरगाह राजेन्द्र प्रसाद –खाद्य एवं कृषि आसफ अली –रेलवे जगजीवनराम– श्रम सी. राजगोपालाचारी—शिक्षा लियाकत अली खान– वित्त आई. आई. चुन्दरीगर– वाणिज्य अब्दुल रब नश्तर– संचार योगेन्द्र नाथ मण्डल– विधि गजनफर अली खान–स्वास्थ्य |
308. ‘साम्प्रदायिक पंचाट’ का जनक कौन था ? (a) लॉर्ड लिनलिथगो (b) लॉर्ड रीडिंग (c) लॉर्ड इर्विन (d) रैम्जे मैक्डोनल्ड |
उत्तर- (d) व्याख्या-अगस्त, 1932 में ब्रिटिश प्रधान मन्त्री ‘रैम्जे मैक्डोनल्ड‘ ने साम्प्रदायिक पंचाट की घोषणा की जिसमें दलित वर्ग के लिए पृथक् प्रतिनिधित्व का प्रावधान रखा गया। गाँधी जी ने इस निर्णय के विरुद्ध आमरण अनशन शुरू किया। अन्ततः 24 सितम्बर, 1932 को गाँधी जी और दलित वर्ग के नेता अम्बेडकर के बीच पूना समझौते के माध्यम से इस समस्या का समाधान कर लिया गया। |
309. किसने किसको भारतीय राष्ट्रवाद का आध्यात्मिक जनक कहा है ? (a) लाला हरदयाल – तिलक (b) सुभाष चन्द्र बोस – स्वामी विवेकानन्द (c) विपिन चन्द्र पाल – स्वामी दयानन्द सरस्वती (d) तिलक— पण्डित मदन मोहन मालवीय |
उत्तर-(b)• व्याख्या- सुभाष चन्द्र बोस ने स्वामी विवेकानन्द को भारतीय राष्ट्रवाद का आध्यात्मिक जनक कहा है। स्त्रोत- भारत का स्वतन्त्रता संघर्ष – विपिन चन्द्र |
310. ‘व्यक्तिगत सत्याग्रह’ के लिए विनोबा भावे को प्रथम सत्याग्रही चुना गया था, दूसरा सत्याग्रही कौन था ? (a) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद (b) पण्डित जवाहरलाल नेहरू (c) सी. राजगोपालाचारी (d) सरदार वल्लभभाई पटेल |
व्याख्या – गाँधी जी ने 17 अक्टूबर, 1940 को व्यक्तिगत सत्याग्रह आन्दोलन शुरू किया। यह एक तरह से व्यक्तिगत सविनय अवज्ञा आन्दोलन था। इस आन्दोलन के पहले सत्याग्रही विनोबा भावे थे। उन्होंने 17 अक्टूबर, 1940 को सत्याग्रह (पवनार से शुरू किया। दूसरे सत्याग्रही ‘जवाहरलाल नेहरू’ थे। इस आन्दोलन को ‘दिल्ली चलो आन्दोलन’ भी कहा गया। इस सत्याग्रह का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश सरकार के इस दावे को खोखला साबित करना था कि भारत की जनता द्वितीय विश्वयुद्ध में सरकार के साथ है। स्रोत- भारत का स्वतन्त्रता संघर्ष – विपिन चन्द्र |
311. ‘अखिल भारतीय मुस्लिम लीग’ की स्थापना किसने की थी ? (a) सर सैयद अहमद खाँ (b) सर मोहम्मद इक़बाल (c) सर आगा खाँ (d) नवाब सलीमुल्ला खाँ |
उत्तर- (d) व्याख्या एच.एच. आगा खाँ के नेतृत्व में मुसलमानों का एक दल वायसराय लॉर्ड मिण्टो से 1 अक्टूबर, 1906 को शिमला में मिला। इस प्रतिनिधि मण्डल ने वायसराय से अनुरोध किया कि प्रान्तीय, केन्द्रीय व स्थानीय निर्वाचन हेतु पृथक् साम्प्रदायिक निर्वाचक व्यवस्था मुसलमानों के लिए की जाए। इस शिष्टमण्डल को भेजने के पीछे अंग्रेज उच्च अधिकारियों का हाथ था मिण्टो ने इनकी माँगों का पूर्ण समर्थन किया और जिसके फलस्वरूप मुस्लिम नेताओं ने ढाका के नवाब ‘सलीमुल्ला‘ के नेतृत्व में 30 दिसम्बर, 1906 में ढाका में मुस्लिम लीग की स्थापना की। |
312. ‘प्राचीन स्मारक संरक्षण अधिनियम’ किस गवर्नर जनरल के कार्यकाल में पारित हुआ था ? (a) लॉर्ड मिण्टो (b) लॉर्ड लिनलिथगो (c) लॉर्ड कैनिंग (d) लॉर्ड कर्ज़न |
उत्तर- (d) व्याख्या- प्राचीन स्मारक संरक्षण अधिनियम लॉर्ड कर्जन के कार्यकाल में पारित हुआ था। इसे 1904 ई. में पारित किया गया था। लॉर्ड कर्ज़न का कार्यकाल 1899 से 1905 ई. तक था। |
313. रवीन्द्रनाथ टैगोर के सुझाव पर बंगाल के विभाजन का दिन (16 अक्टूबर, 1905) को मनाया गया था— (a) एकता दिवस के रूप में (b) रक्षाबन्धन दिवस के रूप में (c) काला दिवस के रूप में (d) भाईचारा दिवस के रूप में |
उत्तर-(b) व्याख्या – रवीन्द्र नाथ टैगोर के सुझाव पर बंगाल के विभाजन का दिन 16 अक्टूबर, 1905 था जिसे रक्षाबन्धन दिवस के रूप में मनाया गया था। विभाजन के दिन 16 अक्टूबर, 1905 को पूरे बंगाल में ‘शोक ‘दिवस‘ के रूप में मनाने की घोषणा की गई। भारतीयों पर बंग-भंग का समाचार वज्र के समान गिरा था। सुरेन्द्रनाथ बनर्जी ने कहा “यह हमारे ऊपर वज्र की तरह गिरा है।” लोगों ने एकता प्रदर्शित करने के लिए एक दूसरे के हाथों पर राखी बाँधी थी। स्त्रोत- भारत का स्वतन्त्रता संघर्ष – विपिन चन्द्र |
314. मद्रास के 1927 ई. के कांग्रेस अधिवेशन का, जहाँ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ‘साइमन कमीशन’ के बहिष्कार का प्रस्ताव स्वीकार किया था, तत्कालीन अध्यक्ष थे- (a) सी.आर. दास (b) मोतीलाल नेहरू (c) सरोजिनी नायडू (d) डॉ. एम. ए. अन्सारी |
उत्तर- (d) व्याख्या- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की 1927 ई. में मद्रास में हुई अधिवेशन की अध्यक्षता डॉ. एम.ए. अन्सारी ने की थी। इसी अधिवेशन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने साइमन कमीशन के बहिष्कार का प्रस्ताव स्वीकार किया था। इसके अलावा इस अधिवेशन में स्वतन्त्रता का प्रस्ताव हुआ था। |
315. निम्नलिखित में से किसने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय का दीक्षान्त सम्बोधन ‘कांस्टीटुएन्ट असेम्बली फॉर इण्डिया’ विषय पर दिया था तथा, साथ ही संविधान सभा द्वारा भविष्य में भारत के संविधान के निर्माण का जबर्दस्त (जोरदार) विरोध किया था ? (a) सर मॉरिस ग्वियर (b) के. एम. मुन्शी (c) ऑस्टिन (d) इनमें से कोई नहीं |
उत्तर- (a) व्याख्या- सर मॉरिस वियर ने बनारस विश्वविद्यालय का दीक्षान्त दिया था। उनका सम्बोधन ‘कांस्टीटुएन्ट असेम्बली फॉर इण्डिया‘ विषय पर था। इसी दौरान इन्होंने संविधान सभा द्वारा भविष्य में भारत के संविधान के निर्माण का जबर्दस्त विरोध किया था। |
316. भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन से सम्बन्धित निम्नलिखित घटनाओं को उनके सही कालक्रम में लगाने के लिए घटनाओं के नीचे दिए गए कूटों का उपयोग करें- 1. दिल्ली के सेन्ट्रल लेजिस्लेटिव असेम्बली हॉल में बम फेंकने की घटना। 2. जतिनदास की शहादत 3. भगतसिंह की शहादत 4. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का कराची अधिवेशन (1931)। कूट : (a) 1, 2, 3 एवं 4 (b) 4, 3, 2 एवं 1 (c) 3, 4, 2 एवं 1 (d) 2, 1, 3 एवं 4 |
उत्तर- (a)व्याख्या-घटना –वर्ष 1. दिल्ली के सेन्ट्रल लेजिस्लेटिव असेम्बली हॉल में बम फेंकने की घटना–अप्रैल 1929 2. जतिनदास की शहादत–1929 ई. 3. भगतसिंह की शहादत –23 मार्च, 1931 4. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का कराची अधिवेशन– दिसम्बर, 1931 |
317. निम्नलिखित में से कौन एक कथन सुभाष चन्द्र बोस द्वारा लिखित पुस्तक ‘इण्डियन स्ट्रगल (1920-1942)’ के विषय में सत्य नहीं है ? (a) यह भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन का विवेचन 1920 एवं 1942 ई. के मध्य करती है। (b) इसमें हरिपुरा (1938) एवं त्रिपुरी (1939) अधिवेशनों की चर्चा (c) इसमें एक अध्याय ‘द गाँधी इर्विन पैक्ट एण्ड आफ्टर’ है (d) इसमें विस्तृत रूप से कृषक आन्दोलन का विवरण दिया गया है। |
उत्तर- (d) व्याख्या- ‘इण्डिया स्ट्रगल (1920-1942)’ नामक पुस्तक के लेखक सुभाष चन्द्र बोस हैं। इस पुस्तक में भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन का विवेचन 1920 के 1942 ई. के मध्य तक है। इसके भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 1938 ई. में हरिपुरा में एवं 1939 ई. त्रिपुरी अधिवेशन की विस्तृत चर्चा है। इस पुस्तक का एक अध्याय ‘द ‘गाँधी- इर्विन पैक्ट एण्ड आफ्टर’ है। इस पुस्तक में कृषक आन्दोलन का विवरण नहीं दिया गया है। स्त्रोत- इण्डियन स्ट्रगल |
318. निम्नलिखित में से किसने मौलिक अधिकारों के प्रस्ताव का प्रारूप तैयार किया, जो 1931ई. के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन में पारित हुआ था ? (a) जवाहरलाल नेहरू (b) महात्मा गाँधी (c) सरदार वल्लभभाई पटेल (d) सुभाष चन्द्र बोस |
उत्तर- (a) व्याख्या – पण्डित जवाहरलाल नेहरू ने मौलिक अधिकारों के प्रस्ताव को तैयार किया था। इसे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1931 ई. में आयोजित कराची अधिवेशन में विचार के लिए रखा गया जिसे अन्त में पारित कर दिया गया। इस अधिवेशन में समाजवादी आन्दोलन को बहुत बल मिला था। इसी अधिवेशन में समाजवादी कार्यक्रम को अपनाने की बात कही गई। इसमें समाज के मौलिक अधिकार एवं आर्थिक नीतियों के विषय में विस्तृत चर्चा की गई जो स्पष्ट रूप से जवाहरलाल नेहरू एवं गांधी जी के बीच एक समझौता था। इस घोषणा में प्रमुख उद्योगों के राष्ट्रीयकरण की बात कही गई तथा उत्पादन की. प्रक्रिया में शोषण को समाप्त करने पर बल दिया गया। |
319. निम्नलिखित में से किसने बचाव पक्ष के वकीलों का नेतृत्व प्रसिद्ध आज़ाद हिन्द फौज के मुकदमे में दिल्ली के लाल किले में किया था ? (a) जवाहरलाल नेहरू (b) आसफ अली (c) भूलाभाई जे. देसाई (d) सर तेज बहादुर सप्रू |
उत्तर—(d)व्याख्या- भूलाभाई जे. देसाई ने बचाव पक्ष के वकीलों का नेतृत्व प्रसिद्ध आजाद हिन्द फौज के मुकदमे में दिल्ली के लाल किले में किया था। आई.एन.ए. के आत्म समर्पण के बाद इसके तीन अफसरों शाहनवाज खान, पी.के. सहगल तथा जी. एस. ढिल्लो पर ब्रिटिश सरकार ने देशद्रोह का अभियोग चलाया और इस मुकदमे की सुनवाई लालकिले के सैनिक न्यायालय ने की। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने एक आई.एन.ए. रक्षा समिति गठित की जिसमें सर तेजबहादुर सप्रू, भूलाभाई देसाई एवं जवाहरलाल नेहरू जैसे प्रसिद्ध वकील शामिल थे। अन्तत: अंग्रेजी सरकार ने जनता की भावनाओं का सम्मान किया तथा इन तीनों अफसरों को छोड़ दिया। |
320. निम्नलिखित में से किसने 1942 ई. में भारत छोड़ो प्रस्ताव का समर्थन किया था ? (a) ए. के. आज़ाद (b) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद (c) सरदार वल्लभाई पटेल (d) जवाहरलाल नेहरू |
उत्तर- (a) • व्याख्या- कांग्रेस के अनेक नेता गाँधी जी के भारत छोड़ो प्रस्ताव से सहमत नहीं थे। वे समझते थे कि जिस समय भारत और ब्रिटेन पर विपत्ति के बादल मंडरा रहे थे उस समय आन्दोलन की बात अव्यवहारिक एवं इसकी सफलता सन्दिग्ध थी। नेहरू जी की चिन्ता यह थी कि जर्मनी, जापान, रूस एवं चीन में से किसका चुनाव किया जाए। मौलाना अबुल कलाम आजाद गाँधी जी के प्रस्ताव से सहमत नहीं थे। कांग्रेस में पुनः खतरा पैदा हो गया था। सरदार पटेल एवं गाँधी जी के प्रयासों से अन्ततः जुलाई 1942 में वर्धा में कांग्रेस महासमिति ने गाँधी के अहिंसक विद्रोह के कार्यक्रम को स्वीकृति प्रदान कर दी। |
321. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के निम्नलिखित अधिवेशनों में से किस अधिवेशन में मोहनदास करमचन्द गाँधी ने सर्वप्रथम भाग लिया था ? (a) कलकत्ता अधिवेशन, 1901 (b) बनारस अधिवेशन, 1905 (c) सूरत अधिवेशन, 1907 (d) लखनऊ अधिवेशन, 1916 |
उत्तर- (d) व्याख्या- राष्ट्रीय कांग्रेस का कलकत्ता अधिवेशन जो 1901 ई. में आयोजित हुआ था। इसमें मोहनदास करमचन्द गाँधी ने सर्वप्रथम भाग लिया था। इन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1924 ई. में बेलगाँव में आयोजित अधिवेशन की अध्यक्षता की थी। |
322. निम्नलिखित में से किसने महात्मा गाँधी के असहयोग के प्रस्ताव का समर्थन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1920 ई. के कलकत्ता के विशेष अधिवेशन में किया था ? (a) सी.आर. दास (b) बी.सी. पाल (c) मदनमोहन मालवीय (d) मोतीलाल नेहरू |
उत्तर — (d)• व्याख्या-मोतीलाल नेहरू ने महात्मा गाँधी के असहयोग के प्रस्ताव का समर्थन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1920 ई. के कलकत्ता के विशेष अधिवेशन में किया था। |
323. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना से पूर्व निम्नलिखित संघों के निर्माण पर विचार कीजिए— (1) द इण्डियन एसोसिएशन (2) मद्रास नेटिव एसोसिएशन (3) पूना सार्वजनिक सभा (4) इण्डिया लीग संघों के निर्माण (स्थापना) का सही कालानुक्रम नीचे दिए गए कूट से पता करें- (a) 2, 3, 4, 1 (b) 1, 2, 3, 4 (c) 4, 3, 2, 1 (d) 3, 2, 1, 4 |
उत्तर- (a) संघ स्थापना वर्ष 1. द इण्डियन एसोसिएशन 1876 2. मद्रास नेटिव एसोसिएशन 1852 3. पूना सार्वजनिक सभा 1870 4. इण्डिया लीग 1875 |
324. ए.ओ. ह्यम का जीवनीकार है- (a) विलियम वेडरबर्न (b) वेब मिलर (c) लुई फिशर (d) बी.आर. नन्दा |
उत्तर- (a) व्याख्या – विलियम वेडरबर्न ए.ओ. ह्यम का जीवनीकार है। |
325. निम्नलिखित में से किसने डब्ल्यू. सी. बनर्जी का नाम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन, बम्बई (1885) के अध्यक्ष पद के लिए प्रस्तावित किया था ? (a) ए. ओ. ह्यूम (b) के.टी. तेलंग (c) डी.ई. वाचा (d) एन.एन. सेन |
उत्तर- (a)• व्याख्या – ए. ओ. ह्यूम ने उमेश चन्द्र बनर्जी का नाम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन जो मुम्बई में दिसम्बर 1885 में गोकुल तेजपाल भवन में आयोजित हुआ था, के अध्यक्ष पद के लिए प्रस्तावित किया था। स्त्रोत- भारत का स्वतन्त्रता संघर्ष-विपिन चन्द्र |
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History MCQ:-इतिहास के 25 प्रश्न के श्रृंखला की शुरुआत की गई है। यह यूपीएससी/यूपीपीसीएस/बीपीएससी/NTA NET HISTORY/एसएससी/रेलवे इत्यादि के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्नों का संग्रह किया गया है। यह श्रंखला का लक्ष्य 1000 प्रश्नों का है। अतः सब्सक्राइव कर ले एवम् इसका लाभ उठाए।इससे आप अपने तैयारी की जांच कर सकते. यह सीरीज आपको कैसा लगा। आप हम कमेंट करें और सब्सक्राइब करें। धन्यवाद