History MCQ / G.K. Free Practice Set -34# इतिहास अभ्यास प्रश्न सेट-34

History MCQइतिहास के 25 प्रश्न के श्रृंखला की शुरुआत की गई है। यह UPSC/UPPSC/BPSC/SSC CGL/NTA NET HISTORY/RAILWAY इत्यादि के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्नों का संग्रह किया गया है। यह श्रंखला का लक्ष्य 1000 प्रश्नों का है। अतः सब्सक्राइव कर ले एवम् इसका लाभ उठाए।इससे आप अपने तैयारी की जांच कर सकते हैं। साथ ही यह सभी परीक्षाओं के लिए तैयार किया गया है।इसके pdf को आप हमारे वेबसाइट पर डाउनलोड कर सकते हैं

History Practice set
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History MCQ/GK Free Practice Set -34 (826-850)


826. अवध के ब्रिटिश साम्राज्य में विलय के समय वहाँ का रेजिडेन्ट था-  

(a) बिशप आर. हेबर
(b) कर्नल नेपियर
(c) जेम्स आउट्रम
(d) डब्ल्यू. एच. स्लीमैन  
उत्तर-(c)  व्याख्या-अवध के ब्रिटिश साम्राज्य में विलय के समय वहाँ का रेजिडेन्ट जेम्स आउट्रम था। यह प्रमुख आंग्ल सेनानायक था। 1854 ई. में वह लखनऊ में रेजिडेन्ट बना तथा अवध में ब्रिटिश साम्राज्य में विलय में उसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही। वह अवध का पहला चीफ कमिश्नर बना। विद्रोह के समय उसने हैवलाक व कैम्पबेल के साथ मिलकर बड़ी कुशलता से विद्रोह दबा दिया। 1860 ई. में वह इंग्लैण्ड लौट गया तथा 1863 ई. में उसकी मृत्यु हो गई। स्त्रोत- आधुनिक भारत का इतिहास-यशपाल एवं ग्रोवर  
827. ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी की संरचना हुई थी-  

(a) हेनरी VIII के शासनकाल में
(b) जेम्स I के शासनकाल में
(c) चार्ल्स I के शासनकाल में
(d) एलिजाबेथ I के शासनकाल में  
उत्तर- (d) व्याख्या ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी की संरचना एलिजाबेथ प्रथम के शासनकाल में हुई थी। इंग्लैण्ड की रानी एलिजाबेथ प्रथम के समय में 31 दिसम्बर, 1600 को भारत में ‘द गवर्नर एण्ड कम्पनी ऑफ मर्चेण्ट्स ऑफ लन्दन ट्रेडिंग इन्टु द ईस्ट इण्डीज’ अर्थात् ईस्ट इण्डिया कम्पनी की स्थापना हुई। इस कम्पनी की स्थापना से पूर्व महारानी एलिजाबेथ ने पूर्वी देशों से व्यापार करने के लिए चार्टर तथा एकाधिकार प्रदान किया। प्रारम्भ में यह अधिकार मात्र 15 वर्ष के लिए मिला था। ईस्ट इण्डिया कम्पनी के उस समय कुल करीब 217 साझीदार थे। स्रोत- मध्यकालीन भारत-भाग दो— हरिश्चन्द्र वर्मा
828. इंग्लैण्ड की ईस्ट इण्डिया कम्पनी के प्रथम जहाज, जो अगस्त 24, 1600 को यहाँ पहुँचा था, का नाम क्या था ?  

(a) एडवर्ड
(b) हेक्टर
(c) हेनरी
(d) विलियम
उत्तर-(b)  व्याख्या- इंग्लैण्ड की ईस्ट इण्डिया कम्पनी के प्रथम जहाज, जो अगस्त 24,1600 ई. को यहाँ पहुँचा था, का नाम हेक्टर था। स्रोत- मध्यकालीन भारत-भाग दो—हरिश्चन्द्र वर्मा    
829. वास्को-डी-गामा कितनी बार भारत आया था ?  

(a) केवल एक
(b) दो बार
(c) तीन बार
(d) चार बार
 
उत्तर-(c) व्याख्या-वास्को-डी-गामा तीन बार भारत आया था। स्त्रोत-मध्यकालीन भारत-भाग दो-हरिश्चन्द्र वर्मा
 
830. निम्नलिखित में से कौन-सा एक कथन चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध के सम्बन्ध में सही नहीं है ?  

(a) युद्ध के मैदान में टीपू सुल्तान मारा गया
(b) मैसूर के पूर्व राजा के साथ एक सहायक सन्धि की गई हैं।
(c) टीपू के उत्तराधिकारियों के शासन का अन्त हो गया
(d) मैसूर पूरी तरह से ब्रिटिश साम्राज्य में विलीन हो गया
 
उत्तर- (d) व्याख्या – चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध में 4 मई, 1799 को अंग्रेजों ने श्रीरंगपट्टनम के दुर्ग पर पूरी तरह कब्जा कर लिया। टीपू सुल्तान अपनी राजधानी श्रीरंगपट्टनम की रक्षा करता हुआ मारा गया। मैसूर पर कब्जा करने के बाद अंग्रेजों ने मैसूर की गद्दी पर पुराने हिन्दू राजवंश आड्यार वंश के एक बालक कृष्ण राय को बैठाया। वेलेजली ने नाबालिग शासक कृष्ण राय के साथ एक सहायक सन्धि की, जिसके अन्तर्गत राज्य के भीतर एक रक्षक, ब्रिटिश सेना रखना तय हुआ। मैसूर को जीतने की खुशी में आयरलैण्ड के लार्ड समाज में वेलेजली को ‘मार्विवस’ की उपाधि प्रदान की। स्त्रोत- आधुनिक भारत का इतिहास-यशपाल एवं ग्रोवर
831. अंग्रेजों द्वारा भारतवर्ष में निर्मित किस भवन को व्हाइट टाउन कहा जाता था ?  

(a) फोर्ट विलियम (कलकत्ता)
(b) रेजिडेन्सी (लखनऊ)
(c) सेन्ट जॉर्ज (मद्रास)
(d) विक्टोरिया मेमोरियल (कलकत्ता)
 
उत्तर-(c) व्याख्या- अंग्रेजों द्वारा भारतवर्ष में निर्मित भवन सेन्ट जॉर्ज (मद्रास) को व्हाइट टाउन कहा जाता था। स्त्रोत- आधुनिक भारत का इतिहास यशपाल एवं ग्रोवर
 
832. किसने कहा था, “हमने अपने मित्रों को ताकतवर बनाए बिना अपने शत्रु को पंगु बना दिया” ?  

(a) लॉर्ड हेस्टिंग्स
(b) लॉर्ड वेलेजली
(c) सर जॉन शोर
(d) लॉर्ड कार्नवालिस  
उत्तर- (d) व्याख्या- “हमने अपने मित्रों को ताकतवर बनाए बिना अपने शत्रु को पंगु बना दिया” यह कथन लॉर्ड कार्नवालिस के द्वारा कहा गया था। लार्ड कार्नवालिस 1786 ई. में गवर्नर जनरल बना। इसने कानून की विशिष्टता का नियम भारत में लागू किया। 1790 ई. में मुसलमान न्यायाधिकारियों के मार्गदर्शन के लिए एक नियम बनाया गया जिसके अनुसार हत्या के मामलों में हत्यारे की भावना पर अधिक बल दिया गया। अंग विच्छेदन के स्थान पर कड़ी कैद की सजा। 1799 ई. में साक्षी के ‘धर्म विशेष’ का मामले पर कोई प्रभाव नहीं होगा। 1790 ई. में दस वर्षीय भूमि बन्दोबस्त लागू किया गया। 1793 ई. में सिविल सेवा (नागरिक सेवा) का प्रारम्भ किया, उसे सिविल सेवा का जन्मदाता कहा जाता है। इसने तीसरा आंग्ल-मैसूर युद्ध लड़ा और श्रीरंगपट्टनम की सन्धि की। कलेक्टरों के वेतन को ₹ 1500 कर दिया तथा उन्हें कुल राजस्व का 1% उनके वेतन के अतिरिक्त दिया गया। एक नए पद ‘जिला जज’ का शुभारम्भ किया। जिला पुलिस का प्रधान ‘सुपरिटेन्डेन्ट ऑफ पुलिस’ को बनाया। स्त्रोत- आधुनिक भारत का इतिहास — यशपाल एवं ग्रोवर  
834. ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंकने के लिए ‘कूका’ आन्दोलन कहाँ संगठित हुआ था ?  

(a) पंजाब
(b) यू.पी.
(c) बिहार
(d) महाराष्ट्र
 
उत्तर- (a) व्याख्या-ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंकने के लिए ‘कूका’ आन्दोलन पंजाब में संगठित हुआ था। कूका आन्दोलन की शुरूआत पश्चिमी पंजाब में भगत जवाहर मल ने 1840 ई. में की थी। भगत जवाहर मल सियान साहब के नाम से चर्चित थे। इस आन्दोलन का उद्देश्य सिख धर्म में व्याप्त अन्धविश्वासों और बुराइयों को दूर करना था, कूका आन्दोलन वहाबी आन्दोलन से बहुत कुछ मिलता-जुलता था। वहाबी आन्दोलन की तरह ही कूका आन्दोलन ने भी एक धार्मिक आन्दोलन के रूप में शुरू होकर बाढ़ में राजनीतिक रूप ले लिया। जवाहरमल के शिष्य बालक सिंह ने अपने अनुयायियों का एक दल गठित किया और उत्तर-पश्चिमी सीमान्त प्राप्त में हाजरो को अपना मुख्यालय बनाया। कूका आन्दोलन के सामाजिक सुधारों में जाति और अन्तर्जातीय विवाहों पर लगे प्रतिबन्धों को समाप्त करना, मांस-मदिरा, एवं नशीली वस्तुओं का सेवन न करना तथा महिलाओं द्वारा पर्दा का त्याग करना शामिल था। 1872 ई. में इस आन्दोलन के एक नेता रामसिंह को रंगून निर्वासित कर दिया गया जहाँ 1885 ई. में उसकी मृत्यु हो गई। राम सिंह की मृत्यु के बाद यह आन्दोलन समाप्त हो गया।
835. निम्नलिखित वक्तव्यों पर विचार कीजिए तथा नीचे दिए गए फूट सही उत्तर का चयन कीजिए-  

कथन (A) 1857 ई. के विद्रोह का अंग्रेजों ने दमन कर दिया।
कारण (R) झाँसी की रानी तथा तात्या टोपे जैसे लोगों के अतिरिक्त कुछ ही सामन्ती शासकों ने इस विद्रोह में भाग लिया।

कूट :  
(a) ‘A’ और ‘R’ दोनों सही हैं तथा ‘A’ की सही व्याख्या ‘R’ है
(b) ‘A’ और ‘R’ दोनों सही हैं, किन्तु ‘A’ की सही व्याख्या ‘R’ नहीं है
(c) ‘A’ सही है, किन्तु ‘R’ गलत है
(d) ‘A’ गलत है, किन्तु ‘R’ सही है
 
उत्तर-(b) व्याख्या-1857 ई. के विद्रोह का अंग्रेजों ने दमन कर दिया। 1857 के विद्रोह के समय सौभाग्य से अंग्रेजों के पास निकल्सन आउम हेवलॉक तथा कैम्पवेल जैसे योग्य सेनापति थे। उनके समक्ष भारतीय टिक नहीं सके और अन्त में अंग्रेजों ने विद्रोह को कुचलकर पुनः सम्पूर्ण भारत पर अधिकार कर लिया। लार्ड कैनिंग ने कहा था कि “यदि सिन्धियाँ भी विद्रोह में सम्मिलित हो जाए तो मुझे कल ही विस्तरा गोल करना होगा।’ झाँसी की रानी तथा ताँत्या टोपे जैसे लोगों के अतिरिक्त कुछ ही सामन्ती शासकों ने इस विद्रोह में भाग लिया। यह विद्रोह मुख्यतः रुहेलखण्ड, अवध, दिल्ली, मध्य भारत, बिहार के कुछ हिस्सों में तथा उत्तर भारत के थोड़े से भाग तक ही सीमित रहा। देश के एक बहुत बड़े भाग बंगाल, पंजाब, कश्मीर, उड़ीसा तथा दक्षिण भारत इससे अछूता रहा। परिणामस्वरूप अंग्रेजों ने सीमित क्षेत्रों में होने वाले इस विद्रोह को कुचल दिया। स्त्रोत-आधुनिक भारत का इतिहास-यशपाल एवं ग्रोवर  
836. लॉर्ड कार्नवालिस के स्थायी बन्दोबस्त के अन्तर्गत भू-स्वामित्व प्राप्त हुआ  

(a) जमींदारों को
(b) कृषकों को
(c) राज्य को
(d) अमीरों को
उत्तर- (a) व्याख्या- लॉर्ड कार्नवालिस के स्थायी बन्दोबस्त के अन्तर्गत भू-स्वामित्व जमींदारों को प्राप्त हुआ था। स्त्रोत- आधुनिक भारत का इतिहास-यशपाल एवं ग्रोवर   
837. किस वर्ष अंग्रेजों ने भारतीय सिक्कों पर इंग्लैण्ड के राजा की छवि अंकित करना प्रारम्भ किया ?  

(a) 1835
(b) 1858
(c) 1860
(d) 1758
 
उत्तर- (a) व्याख्या-1835 ई. से अंग्रेजों ने भारतीय सिक्कों पर इंग्लैण्ड के राजा की छवि अंकित करना प्रारम्भ किया। स्त्रोत- आधुनिक भारत का इतिहास-यशपाल एवं ग्रोवर
 
838. कालिदास की शकुन्तला का प्रथम अंग्रेजी अनुवाद 1781 ई. में प्रकाशित हुआ, उसका अनुवाद किसने किया था ?  

(a) चार्ल्स विल्किन्स
(b) योहान वोल्फगांग वॉन गेटे
(c) जेम्स प्रिन्सेप
(d) विलियम जोन्स
                     
उत्तर- (d) व्याख्या-कालिदास की शकुन्तला का प्रथम अंग्रेजी अनुवाद 1781 ई. में प्रकाशित हुआ था, जिसका अनुवाद विलियम जोन्स ने किया था। यह 18वीं सदी का एक यूरोपीय विद्वान् था, जिसने भारतीय सभ्यता, संस्कृति एवं साहित्य के गौरव को विश्व के सम्मुख रखा। उसने 1770 ई. में नादिरशाह की जीवनी, जो फारसी में लिखी गई थी, का आंग्ल अनुवाद किया। 1774 ई. में उसने बैरिस्टर के रूप में अपना जीवन प्रारम्भ किया। जोन्स 1784 ई. में भारत के संघीय न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में भारत आया तथा उसे ‘सर’ की उपाधि दी गयी। उसने हिन्दू मामलों का निपटारा हिन्दू धर्म ग्रन्थों के आधार पर करने की आवश्यकता अनुभव की तथा संस्कृत का अध्ययन प्रारम्भ किया। उसने 1784 ई. में ‘एशियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल’ की स्थापना की तथा आजीवन इसके अध्यक्ष रहा। उसने शीघ्र ही संस्कृत भाषा में दक्षता प्राप्त कर ली तथा अभिज्ञानशाकुन्तलम्, मनु संहिता, हितोपदेश, गीतगोविन्द आदि ग्रन्थों का आंग्ल भाषा में अनुवाद किया, इसके अतिरिक्त जोन्स ने आंग्ल भाषा में फारसी का व्याकरण भी लिखा। स्रोत- भारत का सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक इतिहास — चोपड़ा, पुरी, दास
 
839. पूर्णरूपेण हिन्दी भाषा का पहला समाचार-पत्र ‘उदन्त मार्तण्ड’ 1826 में कानपुर से प्रकाशित हुआ।
उसके सम्पादक कौन थे ?  

(a) पण्डित जुगल किशोर शुक्ल
(b) पण्डित सदल मिश्र
(c) भातेन्दु हरिश्चन्द्र
(d) महावीर प्रसाद द्विवेदी
उत्तर- (a) व्याख्या-पूर्णरूपेण हिन्दी भाषा का पहला समाचार-पत्र ‘उदन्त मार्तण्ड’ 1826 ई. में कानपुर से प्रकाशित हुआ, उसके सम्पादक पण्डित जुगल किशोर शुक्ल थे। स्त्रोत- आधुनिक भारत का इतिहास —यशपाल एवं ग्रोवर
 
840. कलकत्ता के सुप्रसिद्ध प्रेसिडेन्सी कॉलेज (पूर्व हिन्दू कॉलेज) की स्थापना किसने की थी ?

(a) नथैनियल वालिय
(c) देवेन्द्रनाथ टैगोर
(b) राजा राममोहन राय
(d) विलियम केरी
 
उत्तर-(b) व्याख्या- कलकत्ता के सुप्रसिद्ध प्रेसिडेन्सी कॉलेज (पूर्व हिन्दू कॉलेज) की स्थापना राजा राममोहन राय ने की थी। राजा राममोहन राय एवं डेविड हेयर दोनों के सहयोग से 1817 ई. में एक हिन्दू कालेज की स्थापना की। इस कार्य में उन्हें एडवर्ड हाईट ईस्ट का भी समर्थन प्राप्त था। पाश्चात्य पद्धति पर उच्च शिक्षा देने का यह प्रथम कॉलेज था। इस महाविद्यालय का धार्मिक शिक्षा से सम्बन्ध नहीं था। 1823. ई. में सरकार ने इस कॉलेज को अनुदान देना शुरू किया। भारत में अंग्रेजी शिक्षा के लिए कम्पनी सरकार की ओर से यह पहला कदम था, बाद में वित्तीय कठिनाई के कारण इस विद्यालय का प्रबन्ध कम्पनी को सौप दिया गया और 1854 ई. में यह कॉलेज प्रेसिडेन्सी महाविद्यालय बना। 1854 ई. में प्रथम बार शिक्षा विभाग की स्थापना की गई।
841. राजा राममोहन राय के ब्रह्म समाज के विरुद्ध कलकत्ता में धर्म सभा की स्थापना की गई। उसका संस्थापक कौन था ?

(a) मधुसूदन दत्त
(b) रामनारायण तर्करत्न
(c) राधाकान्त देव
(d) मनमोहन घोष
 
उत्तर-(c) व्याख्या- राजा राममोहन राय के ब्रह्म समाज के विरुद्ध कलकत्ता में धर्म सभा की स्थापना की गई। उसके संस्थापक राधाकान्त देव थे। ये उन्नीसवीं सदी के महान् समाज सुधारक थे तथा बंगाल के सनातनी हिन्दुओं के विख्यात नेता थे। उन्होंने अत्यधिक धन व्यय करके ‘शब्द’ कल्पद्रुम’ नामक संस्कृत कोश का संकलन किया। यह कोश उनकी विद्वता का परिचायक है। उन्होंने कलकत्ता में हिन्दू कॉलेज की स्थापना में डेविड हेयर को सहयोग दिया, जिसका उद्देश्य भारतीय विद्यार्थियों को पाश्चात्य शिक्षा देना था। विद्यार्थियों को सस्ती पाठ्य-पुस्तक उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उन्होंने ‘स्कूल बुक सोसायटी’ की स्थापना के लिए सहयोग दिया। पाश्चात्य सभ्यता के प्रति आकर्षण होते हुए भी उनकी भारतीय संस्कृति मूल्यों में गहरी आस्था थी। वे ब्रह्म समाज के सचिव रहे तथा राजा राममोहन राय के निकटस्थ थे। वे महान् समाज सुधारक थे। उन्होंने सती प्रथा का विरोध किया तथा इसके विरोध में ब्रिटिश संसद को याचिका भेजी। 1867 ई. में राधाकान्त देव की मृत्यु हो गई।
842. किससे प्रभावित होकर महादेव गोविन्द रानाडे ने बम्बई में प्रार्थना समाज की स्थापना की थी ?  

(a) केशवचन्द्र सेन
(b) देवेन्द्रनाथ टैगोर
(c) राजा राममोहन राय
(d) टेकचन्द मित्र
 
उत्तर- (a) व्याख्या-केशवचन्द्र सेन से प्रभावित होकर महादेव गोविन्द रानाडे ने बम्बई में प्रार्थना समाज की स्थापना की थी। केशवचन्द्र सेन 19वीं सदी के प्रमुख समाज सुधारकों में थे। उनका जन्म 1838 ई. में कलकत्ता के एक सम्पन्न परिवार में हुआ था। उन्होंने 1857 ई. में ब्रह्म समाज की सदस्यता ग्रहण की तथा विख्यात ब्रह्म आन्दोलन चलाया। 1866 ई. में ब्रह्म समाज का विभाजन हो गया तथा केशव ने ‘भारतीय ब्रह्म समाज’ की स्थापना की। उन्होंने ‘द इण्डियन मिरर’ नामक समाचार-पत्र प्रकाशित करना प्रारम्भ किया। उन्होंने पर्दा-प्रथा, बाल-विवाह, बहु-विवाह आदि का विरोध किया तथा अन्तर्जातीय विवाह, विधवा पुनर्विवाह तथा स्त्री-शिक्षा पर बल दिया। 1872 ई. में विवाह सम्मत आयु विधेयक उनके प्रयत्नों से ही पारित हुआ। जिसमें लड़कियों की कम आयु में विवाह पर प्रतिबन्ध था। 1860 ई. में उन्होंने संगत सभा की स्थापना की। 1880 ई. में भारतीय ब्रह्म समाज का विभाजन हुआ तथा केशव ने नव-विधान समाज की नींव रखी। 1884 ई. में उनकी मृत्यु हो गई।
843. ‘देवबन्द आन्दोलन’ का मुख्य उद्देश्य क्या था ?

(a) अंग्रेजी शिक्षा का विरोध
(b) इस्लाम का सुधार
(c) ब्रिटिश शासन का सहयोग
(d) मुसलमानों का आधुनिकीकरण
 
उत्तर- (a) व्याख्या- ‘देवबन्द आन्दोलन’ का मुख्य उद्देश्य अंग्रेजी शिक्षा का विरोध था। इसकी स्थापना 1866-67 ई. में देवबन्द, सहारनपुर के पास (उत्तर प्रदेश) में हुई थी। इस देवबन्द स्कूल का मुख्य उद्देश्य था मुस्लिम सम्प्रदाय के लिए धार्मिक नेता तैयार किए जाए एवं विद्यालय के पाठ्यक्रमों में अंग्रेजी शिक्षा एवं पश्चिमी संस्कृति को प्रतिबन्धित किया जाए। इसके अलावा इसका उद्देश्य मुस्लिम सम्प्रदाय का नैतिक एवं धार्मिक पुनरुद्धार एवं अंग्रेजी सरकार के साथ असहयोग करना था। इसकी स्थापना मुहम्मद कासिम ननौतवी एवं रशीद अहमद गंगोही ने की थी। राजनीतिक क्षेत्र में इस संस्था ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का समर्थन किया था।
844. विवेकानन्द के विषय में कौन-सा एक कथन सही नहीं है ?  

(a) उन्होंने शिकागो के धर्म संसद (1893) में हिन्दू धर्म के प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया
(b) बंगाल के युवा क्रान्तिकारी उनके उपदेशों को पसन्द नहीं करते थे
(c) उन्होंने घोषणा की थी कि वह धर्म की बात तब करेंगे जब देश से निर्धनता और कष्ट को दूर कर देंगे
(d) उन्होंने लॉस एन्जिल्स तथा सैन फ्रान्सिस्को में वेदान्त केन्द्रों की स्थापना की थी
 
उत्तर-(b) व्याख्या – बंगाल के युवा क्रान्तिकारी विवेकानन्द के उपदेशों को पसन्द किया करते थे। स्वामी विवेकानन्द ने 1893 ई. में शिकागो में हुई धर्मों की संसद में भाग लिया। इन्होंने 1887 ई. में ‘बारानगर में मठ’ की स्थापना की। अंग्रेजी में मासिक पत्रिका ‘प्रबुद्ध-भारत’ और बांग्ला में पाक्षिक पत्रिका ‘उद्बोधन’ चलायी। 1899 ई. में अमेरिका पहुँचे और 1900 ई. में ‘कांग्रेस ऑफ द हिस्ट्री ऑफ रिलिजियन्स’ में (पेरिस) भाषण दिया। इन्होंने सर्व धर्म समानता की घोषणा की। सुभाष चन्द्र बोस ने कहा था कि- “जहाँ तक बंगाल का सम्बन्ध है हम विवेकानन्द को ‘आधुनिक राष्ट्रीय आन्दोलन का अध्यात्मिक पिता’ कह सकते हैं।” बेलूम में 1897 ई. में विवेकानन्द ने ‘रामकृष्ण मिशन’ की स्थापना की।
845. कलकत्ता के ईडन गार्डेन्स का निर्माण 1840 ई. में किया गया था। इसका नामकरण भारतवर्ष के एक गवर्नर जनरल की बहन ‘ईडेन’ के नाम पर हुआ था। वह गवर्नर जनरल कौन था ?  

(a) लॉर्ड विलियम बैन्टिक
(b) चार्ल्स मेटकॉफ
(c) लॉर्ड ऑकलेण्ड
(d) लॉर्ड एलेनबरो
   
उत्तर-(c) व्याख्या- कलकत्ता में ईडन गार्डेन्स का निर्माण 1840 ई. में किया गया था। इसका नामकरण भारतवर्ष के एक गवर्नर जनरल की बहन ‘ईडेन’ के नाम पर हुआ था। उस गवर्नर जनरल का नाम ‘लॉर्ड ऑकलैण्ड’ था। लॉर्ड ऑकलैण्ड ने 1838 ई. में सिन्ध की सन्धि की जिसके अन्तर्गत सिन्ध के अमीरों एवं सिखों के बीच किसी भी झगड़े के लिए कम्पनी की मध्यस्थता को दोनों ने स्वीकार किया। 1839 ई. में माण्डवी राज्य को अंग्रेजी राज्य में मिलाया। प्रथम अफगान युद्ध (1836-42) में ब्रिटिशों को अत्यधिक क्षति हुई तथा आकलैण्ड को वापस बुलाया गया। इसी के समय में रणजीत सिंह की मृत्यु हो गई। स्त्रोत- आधुनिक भारत का इतिहास- यशपाल एवं ग्रोवर  
846. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का पहला मुस्लिम अध्यक्ष कौन था ?  

(a) अबुल कलाम आजाद
(b) बदरुद्दीन तैयबजी
(c) हकीम अजमल खाँ
(d) रफी अहमद किदवई
 
उत्तर-(b) व्याख्या- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पहले मुस्लिम अध्यक्ष बदरुद्दीन तैयबजी थे। इन्होंने अपना जीवन एक वकील के रूप में प्रारम्भ किया (1867 ई. में)। ये बम्बई उच्च न्यायालय के प्रथम भारतीय बैरिस्टर थे। इन्हें 1882 ई. में बम्बई व्यवस्थापिका परिषद् का सदस्य नियुक्त किया गया। इन्होंने फिरोजशाह मेहता तथा के. टी. तैलंग के साथ मिलकर ‘बाम्बे प्रेसीडेन्सी’ की स्थापना की। ये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से आरम्भ से ही जुड़े रहे तथा 1887 ई. में मद्रास में होने वाले कांग्रेस के तीसरे अधिवेशन की अध्यक्षता की। ये मुस्लिम धार्मिक के महत्त्वपूर्ण संस्था ‘अन्जुमन-ए-इस्लाम’ के अध्यक्ष रहे तथा उन्होंने मुस्लिम के शैक्षणिक सुधार तथा मुस्लिम समाज में सुधार किए। वे स्त्री शिक्षा के महान समर्थक थे। 1906 ई. में 62 वर्ष | प्रयास आयु में उनकी मृत्यु हो गई। स्रोत- आधुनिक भारत का इतिहास- यशपाल एवं ग्रोवर  
847. निर्वाचन समूहों की पृथक् व्यवस्था को किस एक्ट के माध्यम से, प्रारम्भ किया गया ?  

(a) 1813
(b) 1835
(c) 1895
(d) 1909

उत्तर-(d) व्याख्या –निर्वाचन समूहों की पृथक् व्यवस्था को 1909 एक्ट के माध्यम से प्रारम्भ किया गया। मॉर्ले उदारवादी विचारों के व्यक्ति थे। तथा भारतीय प्रशासन में सुधारों के समर्थक थे तथा भारत के वायसराय लार्ड मिण्टो, भारत सेक्रेटरी मॉर्ले के विचारों से सहमत थे। इसलिए इनके द्वारा किए गए सुधारों को मालें मिन्टो के सुधार के नाम से जाना जाता है। 1909 के अधिनियम द्वारा भारतीय को विधि निर्माण तथा प्रशासन दोनों में प्रतिनिधित्व प्रदान किया गया। इस अधिनियम के द्वारा मुसलमानों के लिए पृथक् मताधिकार तथा पृथक् निर्वाचन क्षेत्रों की स्थापना की गई। इस अधिनियम के बारे में के. एम. मुंशी के अनुसार- “इन्होंने उभरते हुए प्रजातन्त्र को मार डाला है।” लॉर्ड मिण्टो ने पृथक् निर्वाचक मण्डल स्थापित करके लॉर्ड मॉर्ले को लिखा था— “हम नाग के दाँत (Drgon’s teeth) बो रहे हैं और इसका फल भीषण होगा।” स्त्रोत- आधुनिक भारत का इतिहास-यशपाल एवं ग्रोवर
 
848. निम्नलिखित महिलाओं में से कौन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रथम अध्यक्षा थीं ?

(a) अरुणा आसफ अली
(b) एनी बेसेन्ट
(c) सरोजिनी नायडू
(d) विजयालक्ष्मी पण्डित
 
उत्तर-(b) व्याख्या- एनी बेसेन्ट भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रथम महिला अध्यक्षा थीं। एनी बेसेन्ट एक आयरिश महिला थीं। इनका जन्म 1847 ई. में लन्दन में हुआ था। 1887 ई. में रेवरेंड फ्रैंक बेसेंट से, जो उनके पति थे, सम्बन्ध विच्छेद होने के कारण थियोसॉफी (ब्रह्मविद्या) के सम्पर्क में आई। 1907 ई. में इन्हें भारत स्थित थियोसोफिकल सोसायटी का अध्यक्ष चुना गया। इन्होंने बनारस में ‘सेन्ट्रल हिन्दू कॉलेज’ की स्थापना की। 1916 ई. में भारत में इन्होंने ‘होम रूल लीग’ की स्थापना की। 1917 ई. में कलकत्ता कांग्रेस अधिवेशन का बेसेन्ट को प्रथम महिला अध्यक्ष होने का गौरव प्राप्त हुआ। 1915 ई. के प्रारम्भ में बेसेन्ट ने ‘न्यू इण्डिया’ तथा ‘कॉमनवील’ नामक अखबार का प्रकाशन किया। इन्होंने अपनी कृति ‘हाऊ इण्डिया फाइट फॉर फ्रीडम में भारत को अपनी मातृ-भूमि बताया। रेलिजेस प्रॉब्लम इन इण्डिया इनकी अन्तिम महान् कृति थी। 1920-22 ई. में असहयोग आन्दोलन के मुद्दे पर मतभेद के कारण कांग्रेस से अलग हो गईं। 1933 ई. में भारत में इनकी मृत्यु हो गई। स्त्रोत- आधुनिक भारत का इतिहास-यशपाल एवं ग्रोवर  
849. उनके मित्रों द्वारा किसे ‘मिस्टर ब्लन्ट’ कहा जाता था ?  

(a) बाल गंगाधर तिलक
(b) विपिनचन्द्र पाल
(c) दादाभाई नौरोजी
(d) लाला लाजपत राय
 
उत्तर- (a) व्याख्या- बाल गंगाधर तिलक के मित्रों द्वारा उन्हें ‘मिस्टर ब्लन्ट’ कहा जाता था। तिलक महान् स्वतन्त्रता सेनानी थे। वे लोकमान्य के नाम से विख्यात थे। उन्होंने राष्ट्रवादी भावनाओं को बहुत अधिक प्रोत्साहन दिया। वे राष्ट्रीय आन्दोलन के प्रथम नेता थे। इन्होंने अपना जीवन एक शिक्षक के रूप में आरम्भ किया तथा न्यू इंग्लिश स्कूल की स्थापना की। अखाड़ा, लाठी क्लब, गणपति व शिवाजी महोत्सवों द्वारा उन्होंने महाराष्ट्र में एक नवीन जागृति का संचार किया। उन्होंने ‘मराठा’ (अंग्रेजी) व केसरी (मराठी) नामक दो समाचार-पत्र निकाले। वे आरम्भ से ही कांग्रेस से जुड़े रहे। 1908 ई. में राजद्रोह का अभियोग लगाकर 6 वर्ष की सजा दी गई। उनका स्वराज्य बहिष्कार एवं राष्ट्रीय शिक्षा में विश्वास था। उन्होंने नारा दिया “स्वतन्त्रता मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, जिसे मैं लेकर रहूंगा। 1906 ई. में कांग्रेस द्वारा स्वराज्य प्राप्ति की घोषणा व 1916 ई. में होमरूल लीग की स्थापना में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान रहा। वे लाजपत राय व विपिनचन्द्र पाल के साथ कांग्रेस के उग्रवादी नेताओं में रहे। वे समाज सुधार कार्य में ब्रिटिश हस्तक्षेप के विरोधी थे। एक विद्वान् के रूप में उन्होंने ‘ओरियन’, ‘गीता रहस्य व आर्कटिक होम इन वेदाज’ नामक ग्रन्थ लिखे। अपने जीवन के अन्तिम समय में वेलेन्टाइन शिरोल द्वारा उन्हें ‘भारतीय अशान्ति का जनक’ कहने पर उसके विरुद्ध मानहानि के मामले में व्यस्त रहे। 1 अगस्त, 1920 को उनकी मृत्यु हो गई। स्त्रोत- आधुनिक भारत का इतिहास —यशपाल एवं ग्रोवर
 
850. सुभाषचन्द्र बोस ने आजाद हिन्द फौज तथा आजाद हिन्द सरकार की स्थापना कहाँ की थी ?

(a) बर्मा
(b) जापान
(c) मलाया
(d) सिंगापुर  
उत्तर- (d)  व्याख्या – सुभाषचन्द्र बोस ने आजाद हिन्द फौज तथा आजाद हिन्द सरकार की स्थापना सिंगापुर में की थी। 1942 ई. को टोकियो में रहे रहे भारतीय रास बिहारी बोस ने ‘इण्डियन नेशनल आर्मी’ (आजाद हिन्द फौज) के गठन पर विचार के लिए एक सम्मेलन बुलाया। कैप्टन मोहन सिंह, रास बिहारी बोस एवं एन. एस. गिल के सहयोग से इण्डियन नेशनल आर्मी का गठन किया गया। आजाद हिन्द फौज की स्थापना का विचार सर्वप्रथम मोहन सिंह के मन में आया था। आजाद हिन्द फौज की प्रथम डिवीजन का गठन 1 सितम्बर, 1942 को मोहन सिंह के अधीन हुआ। इसमें लगभग 16,300 सैनिक थे। कालान्तर में जापान में लगभग 60,000 भारतीय युद्ध बन्दियों को आजाद हिन्द फौज में शामिल होने के लिए छोड़ दिया। 4 जुलाई, 1943 को सुभाष चन्द्र बोस ने आजाद हिन्द फौज की कमान सम्भाली। आजाद हिन्द फौज के सिपाही सुभाषचन्द्र बोस को ‘नेताजी’ कहते थे। स्त्रोत-आधुनिक भारत का इतिहास-यशपाल एवं ग्रोवर  

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