History MCQ–इतिहास के 25 प्रश्न के श्रृंखला की शुरुआत की गई है। यह UPSC/UPPSC/BPSC/SSC CGL/NTA NET HISTORY/RAILWAY इत्यादि के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्नों का संग्रह किया गया है। यह श्रंखला का लक्ष्य 1000 प्रश्नों का है। अतः सब्सक्राइव कर ले एवम् इसका लाभ उठाए।इससे आप अपने तैयारी की जांच कर सकते हैं। साथ ही यह सभी परीक्षाओं के लिए तैयार किया गया है।इसके pdf को आप हमारे वेबसाइट पर डाउनलोड कर सकते हैं।
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History MCQ/GK Free Practice Set -25 (601-625)
601. निम्न में से किस शासक ने ‘गजभेन्तक’ की उपाधि धारण की ? (a) कृष्णदेव राय (b) देवराय II (c) देवराय I (d) राम राय |
उत्तर – (b) व्याख्या- देवराय II ने ‘गजभेन्तक’ की उपाधि धारण की। गजभेन्तक का अर्थ ‘हाथियों का शिकारी’ होता है। उन्होंने बहमनियों की बराबरी करने के लिए सेना में मुसलमानों को भर्ती किया था। इटली के यात्री निकालो कोण्टी ने 1420 ई. में तथा फारस के दूत अब्दुर्रज्जाक ने 1443 ई. में इसी के शासन काल में विजयनगर का भ्रमण किया। पुर्तगाली यात्री नूनिज ने भी इस काल का वर्णन किया। इस समय साम्राज्य का विस्तार समस्त दक्षिणी भारत के साथ-साथ सीलोन (श्रीलंका) के सामुद्रिक तटों तक भी पहुँच गया। देवराय द्वितीय की मृत्यु 1446 ई. में हुई थी। |
602. निम्न में किस बहमनी शासक ने अपनी राजधानी गुलबर्ग से बीदर स्थानान्तरित की ? (a) अलाउद्दीन II (b) अहमदशाह वली (c) मुहम्मद शाह I (d) मुहम्मद III |
उत्तर-(b) व्याख्या-बहमनी शासक अहमदशाह वली ने अपनी राजधानी गुलबर्ग से बीदर स्थानान्तरित की। इसका अन्य नाम शिहाबुद्दीन अहमद प्रथम (1422-1436 ई.) या सन्त अहमद भी था। उसने (बीदर का नया नाम मुहम्मदाबाद रखा। इसने अपने सैनिक अभियान के तहत विजयनगर, वारंगल एवं मालवा पर सफल आक्रमण किया। गुजरात के साथ इसने एक सन्धि की। इसका शासनकाल न्याय एवं धर्मनिष्ठता के लिए प्रसिद्ध था। |
603. महाराष्ट्र में वरकरी पन्थ की संस्थापना किसने की ? (a) नामदेव (b) तुकाराम (c) एकनाथ (d) रामदास |
उत्तर- (a) व्याख्या- महाराष्ट्र में वरकरी पन्थ की स्थापना नामदेव ने की थी। (संगुण ब्रह्म) के उपासक नामदेव ने मोक्ष प्राप्ति के लिए भक्ति के मार्ग को बताया। वे महाराष्ट्र में भक्ति आन्दोलन के अग्रणी नेता थे। उन्होंने अपना उपदेश (सन्देश) हिन्दी एवं मराठी भाषा में कविता लिखकर जनसामान्य तक पहुँचाया। उन्होंने अन्धविश्वास, तीर्थयात्रा, धार्मिक भेदभाव आदि का विरोध किया। महाराष्ट्र के अन्य धार्मिक नेता ध्यानेश्वर, हेमाद्रि, चक्रधर, रामनाथ, तुकाराम इत्यादि थे। तुकाराम शिक्षाओं को अभंगों के रूप में संग्रहीत किया गया। |
604. मुरीद कौन था ? (a) एक सूफी सन्त (b) एक सूफी शिक्षक (c) एक सूफी शिष्य (d) एक सूफी गायक |
उत्तर-(c) व्याख्या – मुरीद एक सूफी शब्द है जो शिष्य के लिए प्रयोग होता है। सूफी शब्द का प्रथम प्रयोग 9वीं शताब्दी में हुआ था। प्रमुख सूफी शब्दों के अर्थ इस प्रकार हैं- सूची शब्द = अर्थ तरीकत= कुराण की उदारवादी व्याख्या शरीयत= रूढ़िवादी व्याख्या पीर= गुरु वली= उत्तराधिकारी खानकाह= सूफी सन्त के रहने की जगह मुरीद= शिष्य |
605. बीजापुर में गोल गुम्बद किसने बनवाया ? (a) महमूद गवा (b) यूसुफ आदिल शाह (c) इस्माइल आदिल शाह (d) मुहम्मद आदिल शाह |
उत्तर- (d) व्याख्या – मुहम्मद आदिल शाह ने बीजापुर में गोल गुम्बद बनवाया था। बीजापुर, स्थापत्य कला के अन्तर्गत हुए महत्त्वपूर्ण निर्माण कार्य जामा मस्जिद एवं गगन महल का निर्माण आदिल शाह प्रथम ने करवाया। इब्राहिम आदिल शाह द्वितीय ने झंझोरी एवं काली मस्जिद का निर्माण करवाया। बीजापुर की धार्मिक इमारतों में झंझोरी मस्जिद उत्कृष्ट है। बीजापुर में इस समय निर्मित सभी मस्जिदों को सामूहिक रूप से इब्राहिम का रोजा का नाम दिया गया है। |
606. विजयनगर साम्राज्य की स्थापना कब हुई थी ? (a) 1326 ई. में (b) 1336 ई. में (c) 1332 ई. में (d) 1346 ई. में |
उत्तर-(b) व्याख्या-विजयनगर साम्राज्य की स्थापनरा 1336 ई. में हरिहर तथा बुक्का नामक दो भाइयों ने की थी। हरिहर तथा बुक्का प्रारम्भ में काकतीय राजवंश के अधीन सामन्त थे तथा कालान्तर में काम्पिल्य राज्य के मन्त्री बने। 1328 ई. में काम्पिल्य अभियान में मुहम्मद बिन तुगलक दोनों को बन्दी बनाकर दिल्ली लाया तथा इस्लाम ग्रहण करने को मजबूर किया। इनके गुरु माधव विद्यारण्य ने इन दोनों को पुनः हिन्दु धर्म में दीक्षित किया। अपने अन्य भाइयों की सहायता से हरिहर और बुक्का ने विजयनगर साम्राज्य की नींव डाली। |
607. निम्न में किसे बन्दोबस्त व्यवस्था भी कहा जाता था ? (a) जब्ती (b) दहशाला (c) नसक (d) कानकूत |
उतर-(b) व्याख्या-दहशाला भूमि व्यवस्था को बन्दोबस्त व्यवस्था भी कहा जाता था। वास्तविक उत्पादन, स्थानीय कीमतें, उत्पादकता आदि पर उनकी सूचना के आधार पर अकबर ने 1580 ई. में ‘दहशाला’ नाम की नवीन प्रणाली का प्रारम्भ किया। इस प्रणाली के अन्तर्गत राजा टोडरमल ने अलग-अलग फसलों पर नकद के रूप में जाने वाले लगान का 1571 से 1580 के मध्य करीब 10 वर्ष का वसूल किए उत्त औसत निकालकर उस औसत का एक-तिहाई (1/3) भू-राजस्व के रूप में निश्चित किया। कालान्तर में इस प्रणाली में सुधार के अन्तर्गत न केवल स्थानीय कीमतों को आधार बनाया गया, बल्कि कृषि उत्पादन वाले परगनों को विभिन्न कर इलाकों में बाँटा गया। अब किसान को भू-राजस्व स्थानीय कीमत एवं स्थानीय उत्पादन के अनुसार देना होता था। इस आइने दहशाला व्यवस्था को ‘टोडरमल बन्दोबस्त’ भी कहा जाता था। |
608. निम्न में कौन मुगल मन्त्री वेतनाधिकारी प्रमुख भी था ? (a) दीवान (b) मीर- बक्शी (c) खान-ए शमां (d) वकील |
उत्तर- (a) व्याख्या-मुगल मन्त्री दीवान वेतनाधिकारी प्रमुख था। यह एक फारसी शब्द है। इसका नियन्त्रण राजस्व एवं वित्तीय विभागों पर होता था। अकबर के समय में उसका वित्त विभाग दीवान मुजफ्फर खाँ राजा टोडरमल एवं ख्वाजा शाह मंसूर के अधीन करीब 23 वर्ष तक रहा। जहाँगीर के काल में ग्यासबेग, एत्मादुद्दौला दीवान के पद पर रहे। शाहजहाँ के समय अफजल खाँ, इस्लाम खान एवं सादुल्ला खाँ के अधीन राजस्व विभाग करीब 32 वर्ष तक रहा। औरंगजेब के समय में ‘असद खान’ ने सर्वाधिक 31 वर्ष तक दीवान के पद पर कार्य किया। दीवान या वजीर के निरीक्षण में कार्य करने वाले मुख्य विभाग दीवान-ए-खालसा ( खालसा भूमि के लिए), दीवान-ए-तन (नकद तनख्वाओं), दीवान-ए-तवजिह (सैन्य लेखा-जोखा के लिए), दीवान-ए-जागीर (राजस्व के कार्यों के लिए दिया जाने वाला वेतन), दीवान-ए-वद्यतान (मीर सामान के विभाग के लिए), इत्यादि थे। |
609. मुगल काल में तनब क्या था ? (a) सबसे छोटे आकार की राजस्व इकाई (b) मध्यम आकार की समरूप मापन इकाई (c) । बाँस की छड़ियों से जुड़ी लौ छल्ले युक्त भू-मापन का एक उपकरण (d) किसानों, उनकी भूमि तथा उन पर आरोपित कर सम्बन्धी पुस्तिका |
उत्तर-(c) व्याख्या-मुगल काल में तनब भू-मापन का एक उपकरण था। यह बाँस की छड़ियों से जुड़ी लौ छल्ले युक्त था। सोलहवीं शताब्दी में आमतौर पर इसका इस्तेमाल किया जाता था। इससे जमीन का क्षेत्र निर्धारण किया जाता था जिसे ‘पैमाइश’ कहा जाता था। |
610. औरंगजेब के समय अमीन संग्रह करता था- (a) चराई कर (b) जजिया (c) खराज (d) जकात |
उत्तर-(b) व्याख्या- औरंगजेब के समय अमीन जजिया का संग्रह करता था। |
611. मनसबदार जिन्हें मुद्रा के रूप में वेतन दिया जाता था, उन्हें कहा जाता था- (a) नकदी (b) जागीरदार (c) अमीर (d) मिर्जा |
उत्तर-(c) व्याख्या मनसबदारों को वेतन नकद एवं जागीर दोनों में ही देने की व्यवस्था थी। ऐसे मनसबदार जिन्हें मुद्रा के रूप में वेतन दिया जाता था, उन्हें अमीर कहा जाता था। कार्यकाल के समय मनसबदारों के मरने पर उसकी सम्पत्ति को जब्त कर लिया जाता था। मनसबदारों की जागीरें ‘एक प्रान्त से दूसरे प्रान्त में स्थानान्तरित कर दी जाती थीं। ऐसे जागीरों को ‘वतन जागीर’ भी कहा जाता था। अकबर के समय कुल मनसबदारों की संख्या लगभग 1803 थी जो औरंगजेब के समय बढ़कर 14,449 हो गई थी। मनसब अरबी भाषा का एक शब्द है। जिसका अर्थ पद होता है। मुगलकालीन सैन्य व्यवस्था पूर्णतः मनसबदारी प्रथा पर आधारित थी। अकबर द्वारा प्रारम्भ की गई इस व्यवस्था में उन व्यक्तियों को सम्राट द्वारा एक पद प्रदान किया जाता था जो शाही सेना में होते थे। इस प्रकार दिए जाने वाले पद को ‘मनसब’ एवं ग्रहण करने वाले को मनसबदार कहा जाता था। मनसब प्राप्त करने के बाद उस व्यक्ति को शाही दरबार में प्रतिष्ठा, स्थान व वेतन का ज्ञान होता था। सम्भवतः अकबर की मनसबदारी व्यवस्था मंगोल नेता चंगेज खाँ की ‘दशमलव प्रणाली’ पर आधारित थी। |
612. दिल्ली की प्रसिद्ध जामा मस्जिद का निर्माण इनमें से से किसने किया ? (a) हुमायूँ (b) शाहजहाँ (c) अकबर (d) इब्राहिम लोदी |
उत्तर – (b) व्याख्या- दिल्ली की प्रसिद्ध जामा मस्जिद का निर्माण शाहजहाँ ने 1648 ई. में करवाया था। इसमें शाहजहानी शैली में फलदार अलंकरण की मेहराबें बनी हैं। यह मस्जिद एक ऊँचे चबूतरे पर बनी है। मस्जिद में 325 फीट क्षेत्र में फैला एक आँगन है। |
613. शिवाजी का जन्म कहाँ हुआ था ? (a) पुरन्दर (b) पूना (c) रायगढ़ (d) शिवनेर |
उत्तर—(d) व्याख्या- शिवाजी का जन्म 20 अप्रैल, 1627 को पूना के पास शिवनेर के दुर्ग में हुआ था। उनके पिता का नाम शाहजी भोंसले तथा माता का नाम जीजाबाई था। शिवाजी के व्यक्तित्व पर सर्वाधिक प्रभाव उनकी माँ जीजाबाई का पड़ा था। माँ के बाद शिवाजी अपने गुरु एवं संरक्षक ‘दादाजी कोंडदेव’ से प्रभावित थे। आध्यात्मिक क्षेत्र में शिवाजी के आचरण पर गुरु ‘रामदास’ का काफी प्रभाव था। राष्ट्रप्रेम की भावना एवं देवता, गौ, ब्राह्मण तथा धर्म की रक्षा करने की प्रेरणा शिवाजी को गुरु रामदास से ही मिली। |
614. निम्न में किस पेशवा ने हिन्दू पद-पादशाही की उपाधि धारण की ? (a) बाजीराव I (b) बाजीराव II (c) बालाजी विश्वनाथ (d) बालाजी बाजीराव |
उत्तर- (a) व्याख्या मराठा साम्राज्य के पेशवा बाजीराव । ने हिन्दू पद – पादशाही की उपाधि धारण की थी। बालाजी विश्वनाथ की मृत्यु के बादशाह ने इसके बड़े लड़के बाजीराव प्रथम को अपना अगला पेशवा बनाया। यह विस्तारवादी प्रकृति का आदमी था। इसने हिन्दू जाति की कीर्ति को विस्तृत करने के लिए ही पर हिन्दू पादशाही के आदर्श को फैलाने का प्रयत्न किया। बाजीराव ने मुगल साम्राज्य की कमजोर हो रही स्थिति का फायदा उठाने के लिए शाहू को उत्साहित करने के लिए कहा कि – “आओ हम इस पुराने वृक्ष के खोखले तने पर प्रहार करें, शाखाएँ तो स्वयं ही गिर जाएँगी, हमारे प्रयत्नों से मराठा पताका कृष्णा नदी से अटक तक फहराने लगेगी।” उत्तर में शाहू ने कहा- “निश्चित रूप से ही आप इसे हिमालय के पार गाड़ देंगे। निःसन्देह आप योग्य पिता के योग्य पुत्र हैं।” |
615. बक्सर के युद्ध में मीर कासिम की सेना को पराजित करने वाली अंग्रेजी सेना का अध्यक्ष था- (a) मेजर बरो (b) लॉर्ड क्लाइव (c) सर आयरकूट (d) मेजर मुनरो |
उत्तर- (d) व्याख्या- बक्सर के युद्ध में मीर कासिम की सेना को पराजित करने वाला अंग्रेजी सेना का अध्यक्ष मेजर मुनरो था। यह युद्ध 1764 ई. में हुआ था। इस युद्ध में एक ओर मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय, अवध का नवाब शुजाउद्दौला तथा मीर कासिम थे तो दूसरी ओर अंग्रेजी सेना का नेतृत्व उनका कुशल सेनापति कैप्टन मुनरों कर रहा था। दोनों सेनाएँ बिहार में बलिया से लगभग 40 किमी दूर ‘बक्सर’ नामक स्थान पर आमने-सामने हुई। लगभग तीन घण्टे में ही युद्ध का निर्णय हो गया जिसकी बाजी अंग्रेजों के हाथ में रही। |
616. मीर जाफर था- (a) अवध का नवाब (b) हैदराबाद का नवाब (c) बंगाल का नवाब (d) भोपाल का नवाब |
उत्तर-(c)व्याख्या-बक्सर के युद्ध के बाद मीर जाफर को पुनः 1764 ई. में बंगाल का नवाब बनाया गया था। वह नाममात्र का नवाब था तथा वास्तविक प्रशासन अंग्रेजों के हाथ में था। 1765 ई. में उसकी मृत्यु हो गई थी। 10 जून, 1757 ई. को मीर जाफर ने अंग्रेजों से गुप्त सन्धि की जिसके अनुसार अंग्रेजों ने उसे नवाब बनाया तथा मीर जाफर ने उन्हें बड़ी मात्रा में धन तथा व्यापारिक सुविधाएँ देना स्वीकार कर लिया। प्लासी के युद्ध में 17 जून, 1757 को मीर जाफर सेना के एक बड़े भाग सहित तटस्थ रहा, जिससे सिराजुद्दौला परास्त हुआ तथा मारा गया। तत्पश्चात् मीर जाफर बंगाल का नवाब बना। वह अंग्रेजों के हाथ की कठपुतली सिद्ध हुआ। उसने अंग्रेजों को प्रसन्न करने के लिए बड़ी मात्रा में उन्हें धन दिया। किन्तु अंग्रेजों की माँगे निरन्तर बढ़ती ही गईं। पुनः उसे 1760 ई. में लॉर्ड क्लाइव ने हटाकर मीर कासिम को बंगाल का नवाब बना दिया। |
617. निम्न में किसने मद्रास प्रेसिडेन्सी की स्थापना की ? (a) सर थॉमस मुनरो (b) लॉर्ड कॉर्नवालिस (c) लॉर्ड हेस्टिग्स (d) लॉर्ड वेलेजली |
उत्तर- (a) व्याख्या- सर थॉमस मुनरो ने मद्रास प्रेसिडेन्सी की स्थापना की थी। 1639 ई. में अंग्रेजों ने मद्रास को पट्टे पर लेकर कारखाने की स्थापना की। साथ ही कारखाने की किलेबन्दी करके उसे फोर्ट-सेन्ट जॉर्ज का नाम दिया। |
618. द्वितीय आंग्ल मैसूर युद्ध के समय ब्रिटिश गवर्नर जनरल कौन था ? (a) लॉर्ड हैरिस (b) लॉर्ड हेमिल्टन (c) लॉर्ड मैकार्टने (d) लॉर्ड स्टीफेन्सन |
उत्तर-चारों विकल्प गलत हैं। व्याख्या- द्वितीय आंग्ल मैसूर युद्ध 1780 ई. से 1784 ई. तक हुआ था। उस समय भारत का गवर्नर-जनरल वारेन हेस्टिंग्स था। वारेन हेस्टिंग्स का कार्यकाल 1772-1785 ई. तक था। |
619. द्वैध शासन निम्न में किस अधिनियम के द्वारा लागू किया गया था ? (a) 1909 का भारत अधिनियम (b) 1900 का भारत अधिनियम (c) 1919 का भारत अधिनियम (d) 1935 का भारत अधिनियम |
उत्तर-(c) व्याख्या- भारत सरकार अधिनियम 1919 के तहत प्रान्तों में द्वैध शासन की स्थापना की गई थी जिसके अन्तर्गत प्रान्तीय सरकार के सभी विषयों को हस्तान्तरित तथा सुरक्षित नामक दो श्रेणियों में विभाजित कर दिया गया। सुरक्षित मामले गवर्नर द्वारा अपने कार्यकारिणी परिषद् के सदस्यों के सहयोग से सम्पादित किए जाते थे, जबकि हस्तान्तरित मामलों का प्रशासन गवर्नर लोकप्रिय मन्त्रियों के सहयोग से चलाता था। पुलिस, जेल, भू-राजस्व, सिंचाई तथा वन जैसे विषय सुरक्षित श्रेणी में रखे गए जबकि स्थानीय स्वशासन, शिक्षा, समाज कल्याण, सार्वजनिक स्वास्थ्य कृषि तथा उद्योग जैसे विषय हस्तान्तरित श्रेणी में रखे गए हैं। |
620. पुर्तगालियों ने भारत को निम्न में किस फसल से पहली बार परिचय कराया ? (a) कॉफी (b) मिर्च (c) तम्बाकू (d) मूँगफली |
उत्तर-(c) व्याख्या-पुर्तगालियों ने भारत को तम्बाकू फसल से पहली बार परिचय कराया था। भारत के साथ व्यापार के लिए नया मार्ग खोजने का श्रेय पुर्तगालियों को जाता है। 1497 ई. में पुर्तगाली नाविक वास्को डी गामा ने लिस्बन से अपनी यात्रा प्रारम्भ की तथा केप ऑफ गुड होप होते हुए भारत में समुद्र तटीय नगर कालीकट में 1498 ई. में समाप्त की। कालीकट में राजा जमोरिन ने वास्को डी गामा का स्वागत किया था। भारत में तम्बाकू का पौधा पुर्तगालियों द्वारा 1508 ई. में लाया गया था। वर्तमान समय में तम्बाकू को भारतीय कृषि में महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। यह सरकार के राजस्व का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है। |
621. डच व्यापारी निम्न में भारत से क्या खरीदकर मसालों के बदले ईस्ट इण्डीज में बेचा करते थे ? (a) अफीम (b) नील (c) साल्टपीटर (d) सूती वस्त्र |
उत्तर- (d) व्याख्या- डच व्यापारी भारत से सूती वस्त्र खरीदकर मसालों के बदले ईस्ट इण्डीज में बेचा करते थे। दक्षिण-पूर्व एशिया के मसाला बाजारों में सीधा प्रवेश प्राप्त करना ही डचों का महत्त्वपूर्ण उद्देश्य था। डच लोग हॉलैण्ड के निवासी थे। भारत में डच ईस्ट इण्डिया कम्पनी की स्थापना 1602 ई. में की गई थी। डच लोग मुख्यतः मसालों, नील, कच्चे रेशम, शीशा, चावल व अफीम का व्यापार भारत से करते थे। |
622. निम्न में किसने रैयतवाड़ी व्यवस्था प्रारम्भ की ? (a) लॉर्ड कॉर्नवालिस (b) थॉमस मुनरो (c) वॉरेन हेस्टिंग्स (d) लॉर्ड डलहौजी |
उत्तर-(b)व्याख्या— रैयतवाड़ी भूमि कर व्यवस्था को सर्वप्रथम 1792 ई. में थॉमस मुनरो ने मद्रास के बारामहल जिले में लागू किया था। थॉमस मुनरो जिस समय मद्रास का गवर्नर था, उस समय इसके कुल उपज के तीसरे भाग को भूमि कर का आधार मानकर मद्रास में इस व्यवस्था को लागू किया गया। बम्बई में 1835 ई. में लेफ्टिनेन्ट बिनगेट के भूमि-सर्वेक्षण के आधार पर रैयतवाड़ी व्यवस्था लागू की गई। इसमें भूमि की उपज की आधी मात्रा सरकारी लगान के रूप में निश्चित की गई। रैयतवाड़ी व्यवस्था में प्रत्येक पंजीकृत भूमिदार भूमि का स्वामी होता था। यही सरकार का लगान देने के लिए उत्तरदायी होता था। इसके पास भूमि को रेहन रखने व बेचने का अधिकार होता था। इस व्यवस्था के अन्तर्गत सरकार का रैयत से सीधा सम्पर्क होता था। यह व्यवस्था मद्रास, बम्बई एवं असम के अधिकांश भागों में लागू की गई थी। |
623. आधुनिक भारत का पहला ट्रेड यूनियन निम्न में कौन है ? (a) बम्बई ट्रेड यूनियन (b) कलकत्ता लेबर यूनियन (c) मद्रास लेबर यूनियन (d) अहमदाबाद ट्रेड यूनियन |
उत्तर-(b) व्याख्या- ट्रेड यूनियन स्थापना वर्ष 1. बम्बई मिलहैण्ड एसोसिएशन– 1880 2. कलकता प्रिन्टर्स यूनियन –1905 3. मद्रास लेबर यूनियन–1918 4. अहमदाबाद टेक्सटाइल लेबर एसोसिएशन–1920 5. कांग्रेस इण्डिया ट्रेड यूनियन–1920 6. ऑल इण्डिया ट्रेड यूनियन फेडरेशन–1929 7. जमशेदपुर लेबर एसोसिएशन–1925 आधुनिक भारत का पहला ट्रेड यूनियन मद्रास में लेबर यूनियन है जिसकी स्थापना बी.पी. वाडिया ने 1918 ई. में की थी। |
624. भारत से प्रकाशित प्रथम अखबार का नाम था- (a) बंगाल गजट (b) कलकत्ता गजट (c) द ओरियण्टल मैगजीन ऑफ कलकत्ता (d) द कलकत्ता क्रॉनिकल |
उत्तर- (a) व्याख्या- भारत से प्रकाशित प्रथम अखबार बंगाल गजट था। यह अखबार 1780 ई. में कलकत्ता से प्रकाशित हुआ था। इसके संस्थापक जे. के. हिक्की थे। यह समाचार-पत्र अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित होता था। यह अखबार अंग्रेजी सरकार की आलोचना के कारण जब्त कर लिया गया था। |
625. निम्न में कौन नव-बंगाल चित्रकला शैली का एक प्रवर्तक था ? (a) अवनीन्द्रनाथ टैगोर (b) गगनेन्द्रनाथ टैगोर (c) रवीन्द्रनाथ टैगोर (d) नन्दलाल बोस |
उत्तर- (a) व्याख्या अवनीन्द्रनाथ टैगोर नव बंगाल चित्रकला शैली के प्रवर्तक थे। ये आधुनिक काल के महान चित्रकार एवं साहित्यकार थे। इन्होंने चित्रकला की भारतीय पद्धति को पुनर्जीवन प्रदान किया तथा विश्व स्तर पर उसकी प्रतिष्ठा को ऊँचा उठाया। इन्होंने ‘इण्डियन सोसायटी ऑफ ओरिएण्टल आर्ट की स्थापना की। उनकी चित्रकारी के प्रमुख नमूनों में शाहजहाँ की मृत्यु, प्रवासी यक्ष, कच और देवयानी, उमर खय्याम इत्यादि हैं। ये विश्वविख्यात हैं। आधुनिक भारतीय चित्रकला में उनका योगदान अमर है। उनके शिष्यों में नन्दलाल बोस आगे चलकर विश्व विख्यात हुए। |
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