History MCQ / G.K. Free Practice Set -26 # इतिहास अभ्यास प्रश्न सेट-26

History MCQइतिहास के 25 प्रश्न के श्रृंखला की शुरुआत की गई है। यह UPSC/UPPSC/BPSC/SSC CGL/NTA NET HISTORY/RAILWAY इत्यादि के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्नों का संग्रह किया गया है। यह श्रंखला का लक्ष्य 1000 प्रश्नों का है। अतः सब्सक्राइव कर ले एवम् इसका लाभ उठाए।इससे आप अपने तैयारी की जांच कर सकते हैं। साथ ही यह सभी परीक्षाओं के लिए तैयार किया गया है।इसके pdf को आप हमारे वेबसाइट पर डाउनलोड कर सकते हैं

History Practice set
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History MCQ/GK Free Practice Set -26 (626-650)

626. आर्य समाज के संस्थापक थे ?  

(a) राजा राममोहन राय
(b) स्वामी दयानन्द सरस्वती
(c) स्वामी विवेकानन्द
(d) स्वामी श्रद्धानन्द सरस्वती
उत्तर-(b) व्याख्या आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानन्द सरस्वती थे। इन्होंने बम्बई में 1875 ई. में आर्य समाज की स्थापना की थी। इसका उद्देश्य वैदिक धर्म को पुनः शुद्ध रूप में स्थापित करने का प्रयास करना, भारत को धार्मिक, सामाजिक व राजनीतिक रूप से एक सूत्र में बाँधने का प्रयत्न एवं पाश्चात्य प्रभाव को समाप्त करना इत्यादि था। दयानन्द द्वारा चलाए गए शुद्धि आन्दोलन के अन्तर्गत उन लोगों को पुनः हिन्दू धर्म में आने का मौका मिला जिन्होंने किसी कारणवश इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया था। ‘वेलेण्टाइन शिरोल’ ने आर्य समाज को भारतीय अशान्ति का जन्मदाता कहा था।
627. तमिल पत्रिका कुदी करासू के संस्थापक कौन थे ?  

(a) सी. एन. अन्नादुर
(b) पी. त्यागराजचेटि
(c) टी.एम. नायर
(d) ई.वी. रामास्वामी नायकर  
उत्तर—(d)  व्याख्या- तमिल पत्रिका कुदी अरासू के संस्थापक ई.वी. रामास्वामी नायकर थे 
628. गुलामगिरी पुस्तक किसने लिखी ?  

(a) बी. आर. अम्बेडकर 
(b) ज्योतिबा फुले
(c) गोपालहरि देशमुख
(d) एम.जी. रानाडे      
उत्तर-(b) व्याख्या- ‘गुलामगिरी’ पुस्तक ज्योतिबा फुले ने लिखी थी। ने 19वीं सदी के महान समाज सुधारक थे। वे अछूत जाति के थे तथा सामाजिक समानता के लिए संघर्ष करने वाले आरम्भिक सुधारकों में से थे। वे स्त्रियों की शिक्षा के प्रबल समर्थक थे तथा 1848 ई. में अपनी पत्नी सावित्री देवी के सहयोग से उन्होंने निम्न वर्ग की बालिकाओं के लिए पूना में विद्यालय स्थापित किया। उन्होंने सामाजिक कुरीतियों के विरोध में अनेक पुस्तकें लिखीं जिनमें ‘गुलामगिरी’ प्रमुख है। उन्होंने 1873 ई. में ‘सत्यशोधक समाज’ की स्थापना की तथा 1884 ई. में दीन बन्धु सार्वजनिक सभा की नींव रखी।  
629. विधवा-पुनर्विवाह अधिनियम इनमें से कौन-से गवर्नर जनरल के काल में पास हुआ था ?  

(a) बैन्टिंक
(b) डलहौजी
(c) कैनिंग
(d) लॉरेन्स  
उत्तर-(b) व्याख्या- ईश्वरचंद्र विद्यासागर के प्रयास से विधवा पुनर्विवाह अधिनियम 1856 में पारित हुआ जिसके फलस्वरूप विधवा विवाह को मान्यता दे दी गई। यह अधिनियम लॉर्ड डलहौजी के कार्यकाल में पारित हुआ था। लार्ड डलहौजी का कार्यकाल 1849-1856 ई. तक था।  
630. निम्न में किस क्रान्तिकारी ने अमेरिका में गदर पार्टी की स्थापना की ?  

(a) भूपेन्द्रनाथ दत्त
(b) सरदार अजीतसिंह
(c) लाला हरदयाल
(d) गणेश सावरकर
उत्तर-(c) व्याख्या—गदर पार्टी की स्थापना सेन फ्रांसिस्को (संयुक्त राज्य अमेरिका) नामक स्थान पर 1913 ई. में लाला हरदयाल तथा सोहन सिंह भाकना के द्वारा की गई थी।    
  631. निम्न में कौन 1857 ई. के विद्रोह का एक महत्त्वपूर्ण केन्द्र नहीं था ?  

(a) दिल्ली
(b) आगरा
(c) कानपुर
(d) झाँसी  
उत्तर-(b) व्याख्या-1857 ई. के विद्रोह के प्रमुख केन्द्र दिल्ली, कानपुर, लखनऊ, झाँसी, ग्वालियर, इलाहाबाद, बनारस, आरा (जगदीशपुर, बिहार), बरेली, फैजाबाद, फतेहपुर इत्यादि थे। आगरा 1857 ई. के विद्रोह का प्रमुख केन्द्र नहीं था।

केन्द्र (1857 के विद्रोह का)– भारतीय नायक


दिल्ली-बहादुरशाह जफर एवं बख्त खाँ
कानपुर-नाना साहेब एवं ताँत्या टोपे
लखनऊ- बेगम हजरत महल
झाँसी, ग्वालियर- रानी लक्ष्मीबाई एवं तात्या टोपे
इलाहाबाद, बनारस- लियाकत अली
जगदीशपुर(बिहार)- कुंअर सिंह
बरेली, फैजाबाद -खान बहादुर खाँ
फतेहपुर– अजीमुल्ला

632. आई.एन.ए. मुकदमा किसके काल में चलाया गया ?  

(a) लॉर्ड वेवेल
(b) लॉर्ड माउन्टबेटन
(c) लॉर्ड कैनिंग
(d) इनमें से कोई नहीं  
उत्तर- (a)व्याख्या-आई एन. ए. मुकदमा 1946 ई. में चलाया गया था। इस समय भारत में लॉर्ड वेवेल गवर्नर-जनरल थे। इनका कार्यकाल 1943-47 तक था। आई.एन.ए. के आत्म-समर्पण के बाद इसके तीन अफसरों शाहनवाज खान, पी.के. सहगल तथा जी.एस. ढिल्लों पर ब्रिटिश सरकार ने देशद्रोह का अभियोग लगाया और इन मुकदमों की सुनवाई लाल किले में सैनिक न्यायालय ने की। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने एक आई.एन.ए. रक्षा समिति गठित की जिसमें गुरु तेज बहादुर सप्रू, भूलाभाई देसाई एवं जवाहरलाल नेहरू जैसे व्यक्ति शामिल थे। अन्ततः अंग्रेजी सरकार ने जनता की भावनाओं का सम्मान किया तथा तीनों अफसरों को छोड़ दिया गया।
633. 1920 ई. का खिलाफत आन्दोलन निम्न में किसके नेतृत्व में प्रारम्भ हुआ था ?  

(a) महात्मा गाँधी
(b) मौलाना आजाद
(c) अली बन्धु
(d) एम.ए. जिन्ना  
उत्तर- (a) व्याख्या-23 नवम्बर, 1919 को दिल्ली में अखिल भारतीय खिलाफत कमेटी का अधिवेशन हुआ और गाँधी जी ने इस अधिवेशन की अध्यक्षता की। इसके सुझाव पर असहयोग एवं स्वदेशी की नीति अपनायी गई। 1918-1919 ई. के मध्य भारत में खिलाफत आन्दोलन, मौलाना मुहम्मद अली, शौकत अली एवं अबुल कलाम आजाद के भारतीय इतिहास सहयोग से जोर पकड़ा। सरकार ने आन्दोलन को नजर अन्दाज करते हुए 10 अगस्त, 1920 को सीवर्स की सन्धि के तहत तुर्की का विभाजन कर दिया। 31 अगस्त 1920 का दिन खिलाफत दिवस के रूप में मनाया गया।
634.. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बाद भारत का सबसे पुराना राजनीतिक दल निम्न में है-

(a) हिन्दू महासभा
(b) मुस्लिम लीग
(c) कम्युनिस्ट पार्टी
(d) फॉरवर्ड ब्लॉक
उत्तर-(b) व्याख्या-

राजनीतिक दल  स्थापना वर्ष
1. हिन्दू महासभा-1915 ई.
2. मुस्लिम लीग-1906 ई.
3. कम्युनिस्ट पार्टी-1921 ई
4. फॉरवर्ड ब्लॉक-1939 ई.
5. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस-1885 ई.
635. पूर्ण स्वराज की शपथ कांग्रेस के निम्न अधिवेशनों में किसमें ली गई थी ?  

(a) दिल्ली
(b) सूरत
(c) लाहौर
(d) रावलपिण्डी
उत्तर-(c) व्याख्या- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 ई. में लाहौर में आयोजित अधिवेशन में एक प्रस्ताव पारित कर कांग्रेस ने ‘पूर्ण स्वराज्य’ का अपना लक्ष्य घोषित किया था। इस अधिवेशन की अध्यक्षता पं. जवाहरलाल नेहरू ने की थी। 31 दिसम्बर, 1929 को रात के 12 बजे जवाहरलाल नेहरू ने रावी नदी के तट पर अपार जनसमूह के मध्य नव गृहीत तिरंगे झण्डे को फहराया था। अधिवेशन में 26 जनवरी, 1930 को प्रथम स्वाधीनता दिवस के रूप में मनाने का निश्चय किया गया। इसी के साथ प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को ‘स्वतन्त्रता ‘दिवस’ के रूप में मनाये जाने की परम्परा शुरू हुई।  
636. पाकिस्तान शब्द की संकल्पना सबसे पहले किसने की ?  

(a) मुहम्मद अली जिन्ना
(b) सर सैयद अहमद
(c) रहमत अली
(d) सर मुहम्मद इकबाल  
उत्तर-(c) व्याख्या-पाकिस्तान शब्द की संकल्पना सर्वप्रथम ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के विद्यार्थी रहमत अली के मस्तिष्क में आयी थी।  
637. ब्रिटिश भारत को प्रान्तीय स्वायत्तता सर्वप्रथम कब मिली ?  

(a) 1937 ई.
(b) 1940 ई.
(c) 1947 ई.
(d) 1932 ई.  
उत्तर- (a)  व्याख्या- भारत सरकार अधिनियम, 1935 के द्वारा भारतीयों को प्रान्तीय शासन प्रबन्ध का अधिकार दिया गया। परिणामस्वरूप 1937 ई. में प्रान्तीय विधान सभा के चुनाव हुए। कांग्रेस को संयुक्त प्रान्त, मद्रास, मध्य प्रदेश, बरार, उड़ीसा, बिहार में पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ। कांग्रेस ने इस आश्वासन पर कि गवर्नर बिना वजह हस्तक्षेप नहीं करेंगे 8 प्रान्तों में अपनी सरकार बनाई एवं सिन्ध, सीमा प्रान्त तथा मराठा में मिला-जुला मन्त्रिमण्डल बना।  
638. कितने रजवाड़ों एवं राज्यों के एकीकरण से राजस्थान राज्य बना ?  

(a) 18
(b) 16
(c) 20
(d) 19  
उत्तर- (d) व्याख्या- 19 रजवाड़ों एवं राज्यों के एकीकरण से राजस्थान राज्य बना है।  
639. असम को एक अलग प्रान्त बनाया गया जब-  

(a) कर्जन ने 1905 ई. में बंगाल का विभाजन किया
(b) 1905-06 ई. में मिन्टो ने नए सुधार प्रस्तावों की घोषणा की
(c) बंगाल विभाजन को 1911 ई. में निरस्त कर दिया गया
(d) मॉण्टेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार 1919 ई. में लागू किए गए
उत्तर-(c) व्याख्या – बंगाल का विभाजन 1905 ई. में हुआ था। इसके तहत बंगाल का विभाजन दो भागों में हुआ-पश्चिमी बंगाल एवं पूर्वी बंगाल तथा असम । पूर्वी बंगाल में असम सहित राजशाही, चटगाँव और ढाका डिवीजन को सम्मिलित किया गया। नए प्रान्त की राजधानी के रूप में ढाका का चुनाव किया गया। इस प्रदेश में मुसलमदानों का बहुमत था। पुन: 1911 ई. में लॉर्ड हार्डिंग के शासन काल में बंगाल विभाजन को निरस्त किया गया। इसके तहत बिहार एवं उड़ीसा को एक अलग राज्य बनाया गया एवं असम को एक अलग प्रान्त का दर्जा दिया गया।  
640. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के समय भारत सचिव कौन था ?

(a) लॉर्ड मॉर्ले
(b) लॉर्ड एल्गिन
(c) लॉर्ड हेमिल्टन
(d) लॉर्ड क्रॉस        
उत्तर-चारों विकल्प गलत हैं।  व्याख्या- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसम्बर, 1885 को दोपहर 12 बजे हुई था। इसकी स्थापना बम्बई के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत कॉलेज के भवन में हुई थी। इसके संस्थापक एलेन आक्टेवियन ह्यूम थे। इसके प्रथम अध्यक्ष उमेश चन्द्र बनर्जी थे। इसकी स्थापना के समय भारत सचिव रेन डॉल्फ स्पेन्सर चर्चिल थे।
641. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए और सूचियों के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-

सूची-1                                                    सूची-II
A. स्टुअर्ट पिगॉट             1. पर्सनेलिटी ऑफ इण्डिया
B. सुब्बाराव                                      2. द बर्थ ऑफ इण्डियन सिविलाइजेशन
C. बी. एवं आर. एल्चिन               3. प्रीहिस्टोरिक इण्डिया
D. एच.डी. सांकलिया                     4. प्रीहिस्ट्री एण्ड प्रोटोहिस्ट्री ऑफ इण्डिया एण्ड पाकिस्तान
कूट :      
A    B   C    D
(a) 1     2   4     3
(b) 3    1   2     4
(c) 4    2   2     3
(d) 3    1   4     2  
उत्तर-(b)व्याख्या-सही सुमेलन इस प्रकार है-

सूची-I                  सूची-II  

A. स्टुअर्ट पिगॉट– 3. प्रीहिस्टोरिक इण्डिया
B. सुब्बाराव– 1. पर्सनेलिटी ऑफ इण्डिया
C. बी. एवं आर. एल्चिन– 2. द बर्थ ऑफ इण्डियन सिविलाइजेशन
D. एच.डी. सांकलिया — 4. प्रीहिस्ट्री एण्ड प्रोटोहिस्ट्री ऑफ इण्डिया एण्ड पाकिस्तान  
642. निम्नलिखित उत्खनन स्थलों (Excavated sites) में से किसका सम्बन्ध मालवा-संस्कृति से माना जाता है ?

(a) नवदाटोली
(b) नागदा
(c) एरण
(d) आजादनगर  
उत्तर- (a)-नवदाटोली उत्खनन स्थल से मालवा-संस्कृति का सम्बन्ध माना जाता है। मालवा किस्म की ताम्रपाषाणिक संस्कृतियाँ बेतवा नदी के किनारे एरण और जबलपुर के निकट त्रिपुरी में भी पाई गई है। नवदाटोली का उत्खनन दक्खन कॉलेज पुणे के प्रो. एच. डी. सांकलिया ने किया है और यह स्थल इस महाद्वीप का सबसे विस्तृत उत्खनित ताम्रपाषाण युगीन ग्राम स्थल है। नर्मदा के दक्षिणी तट पर स्थित नवदाटोली में ताम्रपाषाण बस्तियों के चार चरण प्राप्त हुए हैं जिनका काल 2020 ई.पू. से 1660 ई.पू. के बीच पड़ता है। यहाँ की मुख्य विशेषता चित्रित काले व लाल मृद्भाण्ड है। मालवा मृद्भाण्डों को सभी ताम्रपाषाणिक मृद्भाण्डों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। मालवा संस्कृति के लोग कताई और बुनाई में भी दक्ष थे, क्योंकि वहाँ चरखे और तकलियाँ भी प्राप्त हुई हैं।  
643. निम्नलिखित में से किस क्षेत्र में चावल के उत्पादन के प्राचीनतम् साक्ष्य मिले हैं ?

(a) मध्य गंगा घाटी
(b) बेलन घाटी
(c) गोमल घाटी
(d) बोलन घाटी  
उत्तर-(b) व्याख्या-बेलन घाटी में स्थित इलाहाबाद के पास कोल्डिहवा एकमात्र नवपाषाणिक पुरास्थल है जहाँ से चावल का प्राचीनतम साक्ष्य प्राप्त हुआ है।  
644. निम्नलिखित में से किन हड़प्पाई स्थलों पर घोड़े के अवशेष (Remains) प्राप्त हुए हैं ?  

(a) सुरकोटड़ा, कालीबंगा और धौलावीरा
(b) कालीबंगा, माण्डा और सुरकोटड़ा
(c) सुरकोटड़ा, धौलावीरा और माण्डा
(d) सुरकोटड़ा और कालीबंगा  
उत्तर- (d) व्याख्या- सुरकोटड़ा और कालीबंगा हड़प्पाई स्थलों पर घोड़े के अवशेष प्राप्त हुए हैं। प्रारम्भ में ऐसा माना जाता था कि सैन्धव लोग घोड़े से परिचित नहीं थे और यह आर्यों का प्रिय पशु था। किन्तु लोथल, सुरकोटड़ा, कालीबंगन आदि स्थलों से घोड़े की मृण्मूर्तियाँ, हड्डियाँ, जबड़े आदि के अवशेष मिल जाने के पश्चात् अब यह निश्चित हो गया है कि पशु से भी सैन्धव लोग परिचित थे। लोथल से प्राप्त जबड़ा तो बिल्कुल आधुनिक पालतू घोड़े के जबड़े जैसा है। बी.बी. लाल ने कालीबंगन के उत्खनन से घोड़े के अवशेष मिलने की सूचना दी है। अत: अब यह नहीं कहा जा सकता कि घोड़े का अस्तित्व आर्य सभ्यता में ही था।
645. निम्नलिखित में से असंगत संयुक्त (युग्म) को चिह्नित कीजिए-  

(a) हड़प्पा और अन्नागार (Grenary)
(b) मोहनजोदड़ो और विशाल स्नानागार
(c) धौलावीरा और एक गढ़ी क्षेत्र (Single citadel)
(d) लोथल और गोदीबाड़ा (Dock-yard)  
उत्तर-(c) व्याख्या-दिए गए प्रश्न में विकल्प (c) असंगत संयुक्त (युग्म) है। जहाँ सैन्धव सभ्यता के अन्य नगर केवल दो भागों-दुर्ग तथा निचला नगर में विभाजित थे, धौलावीरा तीन भागों-दुर्ग, मध्यम नगर तथा निचला नगर में विभाजित था। सम्पूर्ण क्षेत्र को घेरती हुई चारों दिशाओं में बाहरी दीवारें बनाई गई थीं जबकि प्रत्येक क्षेत्र की अपनी अलग किलेबन्दी भी थी। गुजरात के कच्छ जिले के भचाऊ तालुक में स्थित इस स्थल की खुदाई से यह सिद्ध हो गया है कि सैन्धव सभ्यता का सबसे प्राचीन और सर्वाधिक सुव्यवस्थित, खूबसूरत तथा सबसे बड़ा नगर सम्भवतः पाकिस्तान में पड़ने वाला मोहनजोदड़ो नहीं बल्कि भारत में पड़ने वाला धौलावीरा था। सर्वप्रथम 1967-68 में धौलावीरा की खोज भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के जे.पी. जोशी ने की तथा 1990-91 के दौरान आर. एस. बिष्ट द्वारा व्यापक पैमाने पर किया गया।
646. इनमें से कहाँ विशिष्ट प्रकार के अग्निकुण्डों (Fire altars) की श्रृंखला और धार्मिक स्नान की व्यवस्था का पता चलता है ?

(a) मोहनजोदड़ो
(b) हड़प्पा
(c) कालीबंगा
(d) लोथल  
उत्तर-(c)  व्याख्या-सिन्धु सभ्यता के स्थल कालीबंगा से विशिष्ट प्रकार के अग्नि कुण्डों की श्रृंखला और धार्मिक स्नान की व्यवस्था का पता चलता है। कालीबंगा में एक कुएं के समीप (सात आयताकार वेदियाँ एक पंक्ति में मिलती हैं तथा निचली बस्ती के अनेक घरों में भी अग्निवेदियाँ मिलती हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि धार्मिक जीवन में वेदियों का भी महत्त्व था। शवों के साथ दैनिक उपयोग की वस्तुएँ जैसे—बर्तन, आभूषण आदि मिलने से ऐसा निष्कर्ष निकलता है कि लोग पारलौकिक जीवन में भी आस्था रखते थे।
647. निम्नलिखित में से कौन-सा वेद अंशतः गद्य (Prose) में है ?

(a) ऋग्वेद
(b) सामवेद
(c) यजुर्वेद
(d) अथर्ववेद  
उत्तर- (d) व्याख्या- अथर्ववेद में पद्म के साथ-साथ गद्य के अंश भी प्राप्त होते हैं। चारों वेदों में यही वेद सर्वाधिक लोकप्रिय था। अथर्ववेद के मंत्रों का उच्चारण करने वाले पुरोहित को ‘ब्रह्मा’ कहा जाता था। (अथर्वा ऋषि के नाम पर इस वेद का नाम अथर्ववेद पड़ा। अंगिरस ऋषि के नाम पर इसका एक नाम ‘अथर्वागिरस भी पड़ गया। अथर्व शब्द ‘अथर’ एवं वाणि शब्दों के संयोजन से बना है। इसका तात्पर्य है जादू-टोना। कुछ विद्वान अथर्वन का वास्तविक अभिप्राय अग्नि उद्बोधन करने वाला पुरोहित मानते हैं। किसी यज्ञ में कोई बाधा आने पर उसका निराकरण अथर्ववेद ही करता था। अतः इसे ‘ब्रह्मवेद’ या ‘श्रेष्ठवेद’ कहा गया। अथर्ववेद की दो शाखाएँ ‘शौनक’ और ‘पिप्पलाद’ है।  
648. ऋग्वैदिक संस्कृति का मुख्य क्षेत्र था-

(a) सिन्धु-गंगा का मध्य क्षेत्र
(b) पंजाब और दिल्ली का क्षेत्र
(c) सिन्धु घाटी क्षेत्र
(d) स्वात और सिन्धु के बीच का क्षेत्र  
उत्तर- (a) व्याख्या- ऋग्वैदिक संस्कृति का मुख्य क्षेत्र गंगा का मध्यक्षेत्र था।
649. ऋग्वैदिक राजा कोई प्रशासनिक तन्त्र नहीं रखता था क्योंकि-

(a) राजा ऐसा नहीं चाहता था
(b) ऋग्वैदिक अर्थव्यवस्था इसके उपयुक्त नहीं थी
(c) यह सामाजिक संरचना के अनुकूल नहीं था
(d) राजपद आनुवंशिक (Hereditary) नहीं था  
उत्तर-(b) व्याख्या- ऋग्वैदिक राजा कोई प्रशासनिक तन्त्र नहीं रखता क्योकि ऋग्वैदिक अर्थव्यवस्था इसके उपयुक्त नहीं थी। ऋग्वेद काल में सामान्यतः राजतन्त्र का ही प्रचलन था। ‘राजन’ शब्द का उल्लेख अनेक स्थलों पर हुआ है। राजा को ‘जन का रक्षक’ (गोप्ता जनस्य) तथा दुगों का भेदन करने वाला (पुराभेत्ता) कहा गया है। ऋग्वैदिक: में राजा भूमि का स्वामी नहीं था। वह प्रधानतः युद्ध का नेता होता था। वह व्यक्तिगत रूप से युद्धों में भाग लेता था। राजा के वैधानिक युग तथा न्यायिक कार्यों के विषय में ऋग्वेद से कोई सूचना नहीं मिलती है।
650. निम्नलिखित में से कौन-सा वक्तव्य वैदिक स्त्री के सन्दर्भ में असंगत है ?  

(a) स्त्री सभाओं में भाग लेती थी
(b) स्त्री यज्ञ (Sacrifices) में भाग लेती थी
(c) स्त्री वैदिक शिक्षा की अधिकारिणी थी
(d) परिवार मातृसत्तात्मक (Matriarchal) था  
उत्तर- (d) व्याख्या- ऋग्वैदिक समाज पितृसत्तात्मक था। इसके अतिरिक्त स्त्रियों की स्थिति इस युग में अच्छी थी। वे सभाओं में भाग लेती थीं, यज्ञ में भाग लेती थीं। उनके बिना यज्ञ पूर्ण नहीं माना जाता था। वैदिक स्त्रियों को शिक्षा का भी अधिकार था।

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History MCQ Free Set :-इतिहास के 25 प्रश्न के श्रृंखला की शुरुआत की गई है। यह UPSC/UPPSC/BPSC/SSC CGL/NTA NET HISTORY/RAILWAY/TEACHING EXAMS इत्यादि के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्नों का संग्रह किया गया है। यह श्रंखला का लक्ष्य 1000 प्रश्नों का है। अतः सब्सक्राइव कर ले एवम् इसका लाभ उठाए।इससे आप अपने तैयारी की जांच कर सकते है । यह सीरीज आपको कैसा लगा। आप हम कमेंट करें और सब्सक्राइब करें। धन्यवाद

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