History MCQ / G.K. Free Practice Set -40# इतिहास अभ्यास प्रश्न सेट-40

History MCQ

इतिहास के 25 प्रश्न के श्रृंखला की शुरुआत की गई है। यह PSC/UPPSC/BPSC/SSC CGL/NTA NET HISTORY/RAILWAY इत्यादि के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्नों का संग्रह किया गया है। आप अपने तैयारी की जांच कर सकते हैं। साथ ही यह सभी परीक्षाओं के लिए तैयार किया गया है।

History Practice set
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History MCQ/GK Free Practice Set -40 (975-1000)

976. ‘पातिमोक्ख’ (प्रतिमोक्ष)  क्या अभिप्राय है ?  

(a) महायान बौद्धमत का विवरण
(b) हीनयान बौद्धमत का विवरण
(c) संघ के नियम
(d) राजा मिनाण्डर के प्रश्न  
उत्तर-(c) व्याख्या- ‘पातिमोक्ख’ (प्रतिमोक्ष) में बौद्ध धर्म के अनुशासन सम्बन्धी विधि निषेधों तथा उनके रंग होने पर किये जाने वाले प्रायश्चितों का संकलन है। इसका बौद्ध समाज में बड़ा महत्त्व था तथा माह में दो बार पाठ किये जाने का विधान था।  
977. किस देवी देवता को गायत्री मन्त्र समर्पित है ?  

(a) इन्द्र
(b) मित्र
(c) वरुण
(d) सावित्री  
उत्तर–(d) व्याख्या- भारतीय देवी सावित्री को गायत्री मन्त्र समर्पित है जो ऋग्वेद के तीसरे मण्डल में है। इस मण्डल के रचनाकार विश्वामित्र हैं।
978. उत्तर वैदिक काल में, निम्नलिखित में से कौन-सा अधिकारी करों का संग्राहक होता था ?

(a) अक्षावाप
(b) भागदुध
(c) पालागल
(d) संग्रहित्रि  
उत्तर-(b) व्याख्या- उत्तर वैदिक काल में भागदुध अधिकारी करो का संग्राहक होता था। जबकि ‘अक्षावाप’ आय-व्यय गणनाध्यक्ष अथवा द्यूतक्रीड़ा में राजा का साथी होता था। ‘पालागल’ विदूषक होते थे जबकि ‘संगृहीता’ कोषाध्यक्ष अधिकारी होते थे।  
979. शाह जी की ढेरी के स्तूप में प्राप्त पुरावशेष धातु मंजूषा में किनके साथ बुद्ध की आसनस्थ आकृतियाँ है ?  

(a) ब्रह्मा और विष्णु
(b) ब्रह्मा और इन्द्र
(c) शिव और ब्रह्मा
(d) विष्णु और इन्द्र    
उत्तर-(b) व्याख्या शाह जी की देरी के प्राप्त पुरावशेष ब्रह्मा और इन्द्र के कृतियाँ है।  
980. निम्नलिखित प्राचीन जनजातियों पर विचार कीजिए-  

1. अंग 2. गान्धारी 3. व्रात्य

उपरोक्त में से कौन-सी जनजाति/ जनजातियाँ वैदिक काल में अस्तित्व में थी / थीं ?

(a) 1 और 2                         
(b) केवल 2   
(c) 1 और 3                           
(d) 1, 2 और 3        
उत्तर-(d) व्याख्या- अंग, गान्धारी एवं व्रात्य तीनों जनजातियाँ वैदिक काल में अस्तित्व में थी।  
981. महावीर के देहान्त के बाद निम्नलिखित में से कौन का आध्यात्मिक नेता बना ?

(a) गौतम इन्द्रभूति
(b) गौशाल
(c) सुधर्मन
(d) जम्बूस्वामी  
उत्तर-(c) व्याख्या महावीर के देहान्त के बाद सुधर्मन जैन धर्म का आध्यात्मिक नेता बना। सुधर्मन की मृत्यु के बाद  जम्बु ‘ 44 वर्ष तक संघका अध्यक्ष बना रहा सुधर्मन और जम्बू के विषय में जानकारी भद्रबाहुकृत जैन कल्पसूत्र से मिलती है। अन्तिम नन्द राजा के समय में सम्भूति विजय तथा भद्रबाहु संघ के अध्यक्ष थे। ये दोनों (सम्भूति विजय तथा भद्रवाह) महावीर द्वारा प्रदत्त 14 पूव्वो (प्राचीनतम जैन ग्रन्थों) के विषय में जानने वाले अन्तिम व्यक्ति थे। सम्भूति विजय की मृत्यु चन्द्रगुप्त मौर्य के राज्यारोहण के समय हुई। उनके शिष्य स्थूलभद्र थे। इसी समय मगध में 12 वर्षों का भीषण अकाल पड़ा जिसके फलस्वरूप भद्रवाह चन्द्रगुप्त मौर्य के साथ कर्नाटक चले गए। चन्द्रगुप्त मौर्य ने ‘श्रवणबेलगोला’ में ‘सलेखना’ पद्धति से अपने प्राण त्याग दिये।  
982. अजातशत्रु ने पूर्वी भारत पर मगध का आधिपत्य स्थापित करने के लिए निम्नलिखित में से किस गणराज्य के साथ 16 वर्षों तक युद्ध किया ?

(a) पावा और कुशीनारा के मल्ल
(b) मिथिला के विदेह
(c) वैशाली के लिच्छवि
(d) रामग्राम के कोलिय    
       
उत्तर-(c) व्याख्या-अजातशत्रु ने पूर्वी भारत पर मगध का आधिपत्य स्थापित करने के लिए वैशाली के लिच्छवि के साथ 16 वर्षों तक युद्ध किया। अजातशत्रु ने अपने कूटनीतिज्ञ मन्त्री वत्सकार की सहायता से लिच्छिवियों की शक्ति पर विजय प्राप्त की। स्त्रोत- प्राचीन भारत का इतिहास — झा एवं श्रीमाली  
983. यह तथ्य कि सातवाहन समुद्री व्यापार करते थे तथा उनके पास जल सेना थी, एक विशेष ‘दोहरे मस्तूल के जहाज’ वाले सिक्के की उपलब्धता से सिद्ध होता है। राजवंश के किस तथाकथित शासक ने ये सिक्के जारी किये थे ?

(a) शिमुक
(b) शातकर्णी द्वितीय
(c) गौतमीपुत्र शातकर्णी
(d) यज्ञश्री शातकर्णी  
उत्तर- (d)  व्याख्या -यज्ञश्री शातकणी के सिक्कों पर जलयान का चित्र अंकित है, जो जलयात्रा और समुद्री व्यापार के प्रति इसके प्रेम का परिचायक है। सातवाहन वंश का 27वाँ शासक यज्ञश्री शातकर्णी इस वंश के अन्तिम प्रतापी राजा के रूप में गद्दी पर बैठा। उसने शकों द्वारा जीते गए अपने भू-भागों को पुनः जीता। उसके विषय में वायुपुराण से जानकारी मिलती हैं। वह शक शासक रुद्रदामन का दामाद था। उसके द्वारा जारी किये गए ढेर सारे सिक्के मिलते हैं। सिक्कों पर जहाज के चित्र से प्रकट होता है कि उसका लगाव जलयात्रा एवं समुद्री व्यापार से था। इसके लेख नासिक, कान्हेरी एवं कृष्णा जिले के चित्र गंजाम स्थान से प्राप्त हुए हैं। इसके तमाम सिक्के कृष्णा, गोदावरी, बरार, उत्तरी कोंकण, बड़ौदा एवं सौराष्ट्र से मिले हैं। सोपारा से यज्ञ श्री शातकर्णी के कुछ चाँदी के सिक्के मिले हैं। पुराणों के अनुसार इसने करीब 29 वर्ष तक शासन किया। इसका शासन काल 174 ई० से 203 ई० तक था।  
984.  मौर्य शासनकाल में ‘पिण्डकर” एक कर  था ?

(a) श्रम के रूप में दिया जाने वाल
(b) सिचाई पर लगने  वाला 
(c) गैर-कृषि उत्पाद पर लगने वाला
(d) एक ग्राम से संयुक्त रूप से संग्रहीत  
उत्तर-(d)  व्याख्या ‘पिण्डकर’ एक ग्राम से सन्युक्त रुप से संग्रहित एक कर था  मौर्यकालीन विभिन्न प्रकार के कर प्रणय-संकट काल में प्रजा द्वारा वसूला जाने वाला कर विष्टि- निःशुल्क श्रम अर्थात् बेगार उत्संग- प्रजा द्वारा राजा को दिया जाने वाला उपहार बलि- एक प्रकार का धार्मिक कर भोगागम-ज्येष्ठको (शिल्पी संघ का मुखिया) के निर्वाह हेतु राजा की ओर से मिलने वाले ग्राम का राजस्व तुरदेय- पुल को पार करने पर लिया जाने वाला कर गुल्मदेय- सैनिकों की फीस अतिवाहिका मार्गदर्शन कर हिरण्य— यह कर अनाज के रूप में न लेकर नगद लिया जाता था अर्थात् नगद कर। रज्जू-भूमि की माप के समय लिया जाने वाला कर चोर रज्जु— चोरों को पकड़ने के लिए लिया जाने वाला कर विवीत- चरागाह कर परहीनक-राजकीय भूमि में पशुओं द्वारा चरने पर लिया जाने वाला कर। स्त्रोत- मौर्यकाल का इतिहास-रोमिला थापर
985. निम्नलिखित स्थानों पर विचार कीजिए—

1. अहिरौरा 2. धौली 3. गिरनार

उपरोक्त स्थान / स्थानों में कहाँ पर अशोक के शिलालेख मिलते है ?  

(a) केवल 1                           
(b) 1 और 2                         
(c) 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर-(c) व्याख्या- अशोक के शिलालेखों की संख्या 14 है जो 8 भिन्न-भिन्न स्थानों से प्राप्त हुए हैं। चौदह लेखों का उल्लेख मिलने के कारण इन्हें चतुर्दश शिलालेख भी कहा जाता है। इन शिलालेखों में प्रशासनिक एवं धम्म से सम्बन्धित अनेक बातों का उल्लेख है। ये निम्न स्थानों से प्राप्त हुए हैं- 1. शहबाजगढ़ी (पाकिस्तान के पेशावर जिले में स्थित ) 2. मानसेहरा (पाकिस्तान के हजारा जिले में स्थित) 3. कालसी (उत्तराखण्ड के देहरादून जिले में स्थित) 4. गिरनार (काठियावाड़ में जूनागढ़ के समीप स्थित गिरनार की पहाड़ी) 5. धौली (उड़ीसा के पुरी जिले में स्थित एक ग्राम) 6. जौगढ़ (उड़ीसा के गंजाम जिले में स्थित ) 7. एरंगुड़ी (आन्ध्र प्रदेश के कर्नूल जिले में स्थित) 8. सोपारा (महाराष्ट्र प्रान्त के थाणा जिले में स्थित ) अशोक के शिलालेखों को दीर्घ एवं लघु शिलालेखों दो वर्गों में बाँटा गया है। उपरोक्त शिलालेख दीर्घ शिलालेख हैं। लघु शिलालेख 14 शिलालेखों के मुख्य वर्ग में सम्मिलित नहीं हैं। इस कारण इन्हें लघु कहा गया है।  
986. निम्नलिखित में से किसने ब्राह्मी लिपि का अर्थ उद्घाटन किया था ?

(a) विलियम जोंस
(b) जेम्स प्रिंसेप   
(c)  जान मार्शल
(d) अर्नेस्ट मैके  
उत्तर-(b) विशेष में ब्राह्मी लिपि का अर्थ उद्घाटन किया जेम्स प्रिंसेप एक पुरावा यह ईस्ट इण्डिया कम्पनी एक साधारण कर्मचारी के रूप में सम्मिलित हुआ, किन्तु शीघ्र ही पद पर पहुँच गया। भारतीय इतिहास में उसका सबसे बड़ा योगदान है। अशोक के अभिलेखों को पढ़ने में सफल होने जैसी शानदार सफलता उसे 1837 ई० में मिली। इसने दिल्ली में स्थित अशोक के दो स्तम्भ इके 14वीं सदी में फिरोजशाह तुगलक ने मेरठ तथा टोपा (हरियाणा) से मंगवाकर रखवाया था। को पढ़कर यह उपलब्धि प्राप्त की। वस्तुत: अशोक के अभिलेखों को पढ़ने में सफलता मिलने पर मौर्यकालीन अनेक गुत्थियों का समाधान हुआ है तथा ये अभिलेख है मौर्यकालीन इतिहास की जानकारी के प्रमुख स्रोत हैं। स्त्रोत- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति के०सी० श्रीवास्तव
987. निम्नलिखित में से अशोक के किस एक अभिलेख में कलिंग युद्ध का उल्लेख है ?  

(a) स्तम्भ लेख |                                  
(b) स्तम्भ लेख VII                         
(c) शिलालेख XI
(d) शिलालेख XIII  
उत्तर- (d) व्याख्या तेरहवे शिलालेख में अशोक ने कलिंग का युद्ध, वैदेशिक सम्बन्ध धर्म प्रचार आदि पर प्रकाश डाला है। अपने अभिषेक के 8 वर्ष पश्चात् (9 वे वर्ष) देवताओं के प्रिय राजा प्रियदर्शी ने कलिंग पर विजय प्राप्त की। 1 लाख 50 हजार व्यक्ति देश से विस्थापित हुए, 1 लाख व्यक्ति मारे गए तथा इससे कई गुना लोग बर्बाद हो गए। इस अभिलेख में अशोक अपने राज्य की जंगली जनजातियों को सन्तुष्ट रखता है, लेकिन वह उन्हें चेतावनी भी देता है कि पश्चाताप के बावजूद उसमें शक्ति है।
988. निम्नलिखित में से कौन-सा एक स्थान इक्ष्वाकु शासकों के प्राचीन नगर विजयपुरी को निरूपित करता है ?

(a) अमरावती                    
(b) नागार्जुनकोण्डा                
(c) विजयवाड़ा
(d) विजयनगरम
उत्तर-(b) व्याख्या – नागार्जुनकोण्डा इक्ष्वाकु शासकों के प्राचीन नगर विजयपुरी को निरूपित करता है। सातवाहनों के पश्चात् इस क्षेत्र में इक्ष्वाकु वंश का शासन स्थापित हुआ। उनके समय में आन्ध्र की राजधानी अमरावती से हटाकर नागार्जुनीकोण्डा में आई तथा इसे। ‘विजयपुरी’ कहा गया। इक्ष्वाकु राजाओं ने यहाँ बौद्ध स्तूप तथा विहारों का निर्माण करवाया था। नागार्जुनोकोण्डा का पता 1926 ई० में लगा। 1927 ई० से 1959 ई० के बीच यहाँ कई बार खुदाइयों की गईं जिससे बहुमूल्य अवशेष प्राप्त हुए एवं कई ‘ब्राह्मी लेख भी प्रकाश में आए है। बुद्ध का एक दन्तविशेष धातु मंजूषा में सुरक्षित मिला है। इक्ष्वाकु राजाओं की रानियों ने यहां कई विहारों का निर्माण करवाया था। यहां कुल विहारी तथा “सोहल विहार नामक दो बड़े विहार बने थे। यहाँ से एक ‘मल्लशाला का अवशेष भी मिला है। नागार्जुनीकोण्डा के अवशेषों को देखने से स्पष्ट होता है कि यह महायान बौद्ध धर्म का एक प्रसिद्ध केन्द्र था। यह हैदराबाद से 100 मील दक्षिण-पूर्व की दिशा में वर्तमान गुन्टूर जिले में स्थित है। परम्परा के अनुसार बौद्ध दार्शनिक नागार्जुन से सम्बन्ध होने के कारण इसको यह नाम पड़ गया। महाभारत में इसका नाम पसंत मिलता है। सातवाहन नरेश हाल ने श्रीपर्वत पर नागार्जुन के लिए एक बिहार यहाँ जीवन पर्यन्त रहे जिससे यह स्थान नागार्जुनी कोण्ड नाम से प्रसिद्ध हो गया।
989. निम्नलिखित युग्मों में से कौन-सा एक युग्म सही सुमेलित नहीं है ?  

(a) शिलप्पादिकरम-इलंगोवडिगल
(b) मणिमेखले – तिरुमाजीशी
(c) कुरुल- तिरुवल्लुवर
(d) तिरुमदल – तिरुमंगै अलवार  
                             
उत्तर-(b) व्याख्या-सही सुमेलन इस प्रकार है- (a) शिलप्पादिकरम — इगोवडिगल (b) मणिमेखलै- सीतलैसतनार (c) कुरुल- तिरुवल्लुवर (d) तिरुमदल- तिरुमंगै अलवार शिलप्पादिकरम्’ (नूपुर की कहानी) का लेखक जैन माना जाता है। -इस महाकाव्य का नायक ‘कोवलन’ एक व्यवसायी तथा नायिका ‘कण्णगी’ एक व्यापरी की कन्या है। इस महाकाव्य में कोवलन तथा ‘कण्णगी की दुर्भाग्यपूर्ण कथा का वर्णन है। इस ग्रन्थ को तमिल साहित्य का ‘इलियड मान जाता है। -मणिमेखले (मणियोंयुक्त कंगन)’ का लेखक बौद्ध अन्न व्यापारी था। इसे बौद्ध पुस्तक माना जाता है। इसकी कथा वहाँ से प्रारम्भ होती है जहाँ शिलप्पादिकारम की कथा समाप्त होती है। इस महाकाव्य की नायिका मणिमेखले है जो कोवलन की माधवी से उत्पन्न पुत्री है। काफी उतार-चढ़ाव के बाद इसकी नायिका मणिमेखलै बौद्ध भिक्षुणी  बन जाती है। इसे तमिल साहित्य का ‘ओडिसी कहा जाता है। -कुरुल को तमिल साहित्य का आधार ग्रन्थ माना जाता है। इसकी गणना साहित्यिक त्रिवर्ग में की गई है क्योंकि इसमें धर्म (अरम), अर्थ (पोरुल) तथा काम (इनबम) का उल्लेख किया गया है। इसमें राजनीति एवं कला का भी वर्णन मिलता है। इसे तमिल साहित्य का ‘बाइबिल अथवा ‘पंचमवेद’ भी माना जाता है।
990. किस संगम साहित्यिक कृति में उल्लेख है कि आर्यों ने विवाह (करणम) का अनुष्ठान और समारोह प्रारम्भ किया ?

(a) तोलकाप्पियम
(b) पत्तुप्पाट्टु
(c) एतुत तोगे
(d) मणिमेखले
उत्तर- (d) व्याख्या-संगम साहित्यिक कृति मणिमेखले में उल्लेख है कि आर्यों ने विवाह (करणम) का अनुष्ठान और समारोह प्रारम्भ किया। स्त्रोत- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति के०सी० श्रीवास्तव  
991. सूची I को सूची II से सुमेलित कीजिए और सूचियों के नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-

सूची । (संगम ग्रन्थ)                   सूची ॥(संकलनकर्ता)
A. एन्गरुनूरु                             1. रुद्र शर्मण
B. आहनानूरु                            2. नविकरर
C. मुरुगर्हप्पडे                           3. नतत्तनार
D. शिरुपुनुरुप्प                         4. गुहलुर किलार    
उत्तर-(d) व्याख्या-सही सुमेलन इस प्रकार
सूची । (संगम ग्रन्थ)   सूची ॥ (संकलनकर्ता)
A. एनारुनूरु       गुडलूर किलार
B. आहनानूरु          रुद्र शर्मण
C. मुरुगरुप्पडै     नक्किरर
D. शिरुपुनुरुप्पड़े    नतत्तनार

एन्गरुनूरु किलार द्वारा संगृहीत 500 लघु गीतों वाले इस संग्रह में प्रेम के सभी लक्षण दृष्टिगोचर होते हैं। (अहनानुरूप्रणय विषय पर आधारित 400) कविताओं का संग्रह मदुरा निवासी रुद्रशर्मा द्वारा संग्रहित किया गया। “शिरुपुनुरुप्पड़े से चेर, चील एवं पाण्ड्य राजाओं, उनकी राजधानियों एवं उस समय की सामाजिक स्थिति पर प्रकाश पड़ता है। इसमें चेर शासक ‘कुद्धवन द्वारा हिमालय पर झण्डा गाड़ते हुए दिखाया गया है।
991. निम्नलिखित पार्थियन शासकों में से किसका शासन काल प्रसिद्ध शिलालेख तख्त-ए-बाही में निश्चित रूप से निर्धारित किया गया है ?

(a) वोनोनीज़
(b) माउस
(c) गोण्डोफनीज
(d) अपोलोरियस  
उत्तर-(c) व्याख्या- गोण्डोफर्नीज पहलव वंश का सर्वाधिक शक्तिशाली राजा हुआ। उसके शासनकाल का एक अभिलेख तख्त-ए-बाही (पेशावर जिले में स्थित) से प्राप्त हुआ जिस पर 103 की तिथि दी गई है। यदि इसे विक्रम संवत् की तिथि स्वीकार की जाए तो ऐसा निष्कर्ष निकलता है कि वह 103-57=46 ईस्वी में राज्य कर रहा था। तख्त-ए-वाही अभिलेख में इसे ‘गुदण्हर’ एवं फारसी भाषा में उसका नाम ‘विन्दफर्ण’ (यशविजयी) मिलता है। तख्त-ए-बाही अभिलेख से गोण्डोफर्नीस का पेशावर पर अधिकार सिद्ध होता है। इसने करीब 22 वर्ष तक शासन किया। गोण्डोफर्नीस के शासनकाल में ही प्रथम ईसाई धर्म प्रचारक सेन्ट थॉमस भारत आया। कालान्तर में सेन्ट थॉमस की मद्रास के समीप  स्थित ‘म्यालपुर’ नामक स्थान पर हत्या कर दी गई। कुछ समय पश्चात् यू-ची जाति के कबीलों ने भारतीय पार्थियन सत्ता को तहस-नहस कर दिया। पार्थियन राजाओं के सिक्कों पर ‘धार्मिक’ उपाधि मिलती है, जिससे यह निष्कर्ष निकलता है कि ये भारतीय संस्कृति से भी पूर्णतया प्रभावित थे।
992. निम्नलिखित में से कौन-सी मैत्रक शासकों की राजधानी थी ?  

(a) बेसनगर                   
(b) गान्धार                   
(c) उज्जैन
(d) वल्लभी
उत्तर- (d) व्याख्या- वल्लभी मैत्रक शासकों की राजधानी थी। गुजरात के काठियावाड़ क्षेत्र में आधुनिक ‘वल’ नामक स्थान पर प्राचीन वल्लभी नगर स्थित था। इसकी स्थापना मैत्रकवंशी भट्टार्क ने की थी। शताब्दी में यह नगर एक प्रसिद्ध व्यापारिक एवं शैक्षणिक केन्द्र गया।  
993. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-

1. ह्वेनसांग का उल्लेख है कि गन्ना और गेहूं उत्तर-पश्चिम भारत में उगाए जाते थे और धान मगध में।
2. ह्वेनसांग का उल्लेख है कि हर्षवर्धन ने अपने राज्य की आय को चार हिस्सों में बाँटा एक-चौथाई सरकारी खर्चे के लिए, दूसरी चौथाई राज्य कर्मचारियों के वेतन के लिए, तीसरी चौथाई बौद्धिक उपलब्धियों को पुरस्कृत करने के लिए और अन्तिम चौथाई दान के लिए।

उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है ?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो । और न ही 2
उत्तर-(c) व्याख्या ह्वेनसांग का उल्लेख है कि गन्ना और गेहूं उत्तर-पश्चिमी भारत में उगाए जाते थे और धान मगध में। ह्वेनसांग के अनुसार ही हर्षवर्धन ने अपने राज्य की आय को चार हिस्सों में बाँटा; एक-चौथाई सरकारी खर्चे के लिए, दूसरी चौथाई राज्य कर्मचारियों के वेतन के लिए, तीसरी चौथाई बौद्धिक उपलब्धियों को पुरस्कृत करने के लिए, और अन्तिम चौथाई दान के लिए। स्त्रोत- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति के०मी० श्रीवास्तव    
994. निम्नलिखित में से कौन-सा एक नाटक श्रीहर्ष द्वारा लिखा गया था ?  

(a) कुन्दमाला
(b) प्रियदर्शिका
(c) कर्पूरमंजरी
(d) मालतीमाधव  
उत्तर- (a)व्याख्या- ‘कुन्दमाला’ नाटक श्रीहर्ष द्वारा लिखा गया था। प्राचीन भारत के कवियों में श्रीहर्ष का अत्यन्त महत्त्वपूर्ण स्थान है। ये कन्नौज के (गहड़वाल शासकों विजयचन्द्र तथा जयचन्द्र की राज्यसभा को सुशोभित करते थे। उन्होंने कई ग्रन्थों की रचना की जिनमें ‘नैषधचरित’ उनकी अमर कृति है। इस ग्रन्थ में उन्होंने निषध के शासक नल तथा विदर्भ की राजकुमारी दमयन्ती की प्रेम कथा का काव्यात्मक वर्णन किया है। इन्होंने ‘खण्डन-खण्ड खाद्य’ नामक ग्रन्थ की रचना की, जिसमें न्याय के सिद्धान्त का खण्डन किया गया है तथा अद्वैतवाद की पुष्टि की गई। स्रोत- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति — के०सी० श्रीवास्तव
995. मथुरा स्तम्भ शिलालेख के अनुसार, उदिताचार्य ने दो शिव लिंगों को किन नामों से प्रतिष्ठापित किया ?

(a) गट्टेश्वर एवं कदम्बेश्वर
(b) नागेश्वर एवं नागनाथ
(c) कपिलेश्वर एवं उपमितेश्वर
(d) नन्देश्वर एवं श्रलेश्वर
उत्तर-(b) व्याख्या – मथुरा स्तम्भ शिलालेख के अनुसार, उदिताचार्य ने दो शिव लिंगों को ‘नागेश्वर’ एवं ‘नागनाथ’ नामों से प्रतिष्ठित किया। स्त्रोत- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति- के०सी० श्रीवास्तव  
996. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए—

1. बिल्हण ने विक्रमांकदेवचरित लिखा।
2. बिल्हण को चन्द्रगुप्त द्वितीय का संरक्षण प्राप्त था।  

उपरोक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं ?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो । और न ही 2
उत्तर- (a) व्याख्या- बिल्हण का जन्म कश्मीर में हुआ था। वह कल्याणी के चालुक्यवंशी शासक विक्रमादित्य षष्ठ का दरबारी कवि था। उसने अपना विख्यात ऐतिहासिक ग्रन्थ विक्रमांकदेवचरित’ लिखा जिसमें उसने अपने संरक्षक राजा विक्रमादित्य का जीवनचरित अत्यन्त सुन्दर ढंग से लिखा। इस विवर में ऐतिहासिकता स्पष्ट रूप से झलकती है। बिल्हण ने अपना विवरण प्रस्तुत करते समय कल्पना शक्ति का भी प्रयोग किया है। उसकी भाषा में स्पष्टता है तथा शैली वैदर्भी है। इसकी एक प्रति वुहर ने एक जैन पुस्तकालय से प्राप्त की थी तत्पश्चात् उसने इस ग्रन्थ का सम्पादन भी किया था। स्त्रोत- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति के०सी० श्रीवास्तव
997. गुप्त राजवंश के शासनकाल के दौरान के समाज के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-

1. उस समय सती प्रथा, किसी स्त्री का उसके पति की चिता के दाह:, अविदित थी।
2. उस समय पान चबान लोक प्रचलित था। उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2  
उत्तर-(c) व्याख्या- गुप्त राजवंश के शासनकाल के समाज में उस समय पान चबाना लोक प्रचलित था। जबकि सती प्रथा के प्रमाण गुप्तकाल में मिलते हैं। 510 ई० के एरण अभिलेख में सती प्रथा का उल्लेख है। हर्ष की माता यशोमती भी 604 ई० में सती हो गई थी।
998. उड़ीसा के मन्दिर वास्तुशिल्प के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-

1. भुवनेश्वर के मुक्तेश्वर मन्दिर में पूजागृह में प्रवेश ऐसे तोरण से होकर है जो अभी तक भुवनेश्वर के मन्दिरों में ज्ञात अकेला तोरण है।
2. भुवनेश्वर के लिंगराज मन्दिर के जगमोहन में दो वेदिकामय गवाक्ष हैं, जो कि उड़ीसा की अनन्य विशेषता है।

उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?
(a) केवल 1                                             
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों                                  
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर-(c) व्याख्या – उपरोक्त दोनों कथन सत्य हैं क्योंकि भुवनेश्वर के मुक्तेश्वर मन्दिर में पूजाग्रह में प्रवेश ऐसे तोरमाण से होकर है जो अभी तक भुवनेश्वर के मन्दिरों में ज्ञात अकेला तोरण है। इसके अतिरिक्त भुवनेश्वर के लिंगराज मन्दिर के जगमोहन में दो वेदिकामय गवाक्ष हैं, जो कि उड़ीसा की अनन्य विशेषता है। स्रोत- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति के०सी० श्रीवास्तव  
999. सूची की सूची II से सुमेलित कीजिए और सूचियों के नीचे दिये गए। कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-

सूची । (अवस्थान)                            सूची ।। (मध्यकालीन मन्दिर)                                   
A.चतुर्भुज  मन्दिर                    1. ग्यारसपुर
B. मालादेवी मन्दिर                          2. खजुराहो
C. ऐरावतेश्वर मन्दिर                         3. जगत
D. अम्बामाता मन्दिर                        4. दारासुरम  
उत्तर-(b) व्याख्या-सही सुमेलन इस प्रकार है-

सूची। (मध्यकालीन मन्दिर) सूची ।। (अवस्थान)  
A. चतुर्भुज मन्दिर                         2. खजुराहो  
B. मालादेवी मन्दिर                        1. ग्यारसपुर
C. ऐरावतेश्वर मन्दिर                        4. -दारासुरम
D. अम्बामाता मन्दिर-                      3. जगत्

स्त्रोत- मध्यकालीन भारत- एल०पी० शर्मा  
1000. निम्नलिखित में से कौन, रामकथा के जैन रूपान्तर, पउमचरिअम का लेखक है ?  

(a) भानुचन्द्र उपाध्याय
(b) हेमचन्द्र
(c) हरि विजय सूरि
(d) विमल सूरि  
उत्तर- (d) व्याख्या- ‘विमल सूरि’ रामकथा के जैन रूपान्तर, पउमचरिअम के लेखक हैं। स्त्रोत- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति के०सी० श्रीवास्तव  

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History MCQ Free Set :-यह इतिहास के 25 प्रश्न के श्रृंखला है। यह UPSC/UPPSC/BPSC/SSC CGL/NTA NET HISTORY/RAILWAY/TEACHING EXAMS इत्यादि के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्नों का संग्रह किया गया है। यह श्रंखला का लक्ष्य 1000 प्रश्नों का है। इससे आप अपने तैयारी की जांच कर सकते है । यह सीरीज आपको कैसा लगा। आप हम कमेंट और सब्सक्राइब करें। धन्यवाद 

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