History Objective PYQ Free Set-11 # इतिहास अभ्यास प्रश्न सेट-11

History Objectiveइतिहास के 25 प्रश्न के श्रृंखला की शुरुआत की गई है। यह यूपीएससी/यूपीपीसीएस/बीपीएससी/NTA NET HISTORY/एसएससी/रेलवे इत्यादि के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्नों का संग्रह किया गया है। यह श्रंखला का लक्ष्य 1000 प्रश्नों का है। अतः सब्सक्राइव कर ले एवम् इसका लाभ उठाए।इससे आप अपने तैयारी की जांच कर सकते हैं। साथ ही यह सभी परीक्षाओं के लिए तैयार किया गया है।इसके pdf को आप हमारे वेबसाइट पर डाउनलोड कर सकते हैं

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History Objective Set -11(251-275)

प्रश्न उत्तर/व्याख्या
251. सुगन्धा देवी, जिसने आसीन लक्ष्मी के आकृतियुक्त सिक्के चलाए थे, वह कहाँ की रानी थी ?

(a) कर्नाटक (b) कश्मीर
(c) उड़ीसा (d) सौराष्ट्र
(b) कश्मीर व्याख्या-सुगन्धा देवी, कश्मीर की रानी थी। इसने लक्ष्मी की आसीन आकृतियुक्त सिक्के चलाए थे।    
252. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए-
सूची-II(आश्रयदाता) सूची-I(लेखक)
1. परमार भोज    A. हेमाद्रि
2. गहड़वाल जयचन्द्र   B. धनपाल 3. प्रतिहार महेन्द्रपाल   C. श्रीहर्ष 4. यादव महादेव     D. राजशेखर
Ans: 1-B 2-C 3-D 4-A  
253. कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा पराजित होने वाला बुन्देलखण्ड का शासक था ?
(a) परमर्दिद्रेव                     
(b) लक्ष्मण सेन
(c) उदय सिंह                        
(d) मलयवर्मा देव
उत्तर- (a) व्याख्या-कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा पराजित होने वाला बुन्देलखण्ड का शासक परमर्दिदेव था। बुन्देलखण्ड का अन्तिम महत्त्वपूर्ण शासक परमर्दिदेव या परमल (1165-1203.) था। 1203 ई. में ऐबक ने कालिञ्जर पर अधिकार कर लिया और दुर्ग में ही परमर्दिदेव की मृत्यु हो गई।
254. सुल्तान बलबन के आदेश पर सार्वजनिक रूप से, कोड़े की सजा पाने वाला निम्नलिखित अमीरों में से कौन एक था ?
(a) हैबत खाँ           
(b) ईमादुद्दीन रेहान
(c) शेर खाँ             
(d) मलिक बकबक
उत्तर- (d)• व्याख्या-मलिक बकबक को सुल्तान बलबन के आदेश पर सार्वजनिक रूप से कोड़े की सजा दी गई थी। यह सुल्तान बकबक के समय अमीर था।
255. दिल्ली के किस सुल्तान ने सीरी के दुर्ग की नींव डाली एवं उसे निर्मित किया ?
(a) इल्तुतमिश
(b) बलबन
(c) अलाउद्दीन खिलजी
(d) ग्यासुद्दीन तुगलक
उत्तर – (c) • व्याख्या- अलाउद्दीन खिलजी ने सीरी के दुर्ग की नींव डाली थी एवं इसे निर्मित किया था। इनके द्वारा स्थापत्य निर्माण के निम्नलिखित योगदान हैं- A. दिल्ली में कौशिक-ए-शीरीका निर्माण B. कुतुबमीनार के पास अलाई दरवाजे का निर्माण C. दिल्ली में हजार सितननामक महल का निर्माण D. ‘हौजे अलाईतथा हौजे रकाशनामक तालाब का निर्माण E. निजामुद्दीन औलिया के दरगाह के अहाते में जमात-ए-खाना मस्जिदका निर्माण। यह मस्जिद पूर्णतः इस्लामी शैली में निर्मित प्रथम स्थापत्य था।
256. दिल्ली के किस सुल्तान ने यह नियम बना दिया था, कि किसी एक वर्ष में निर्धारित भू-राजस्व दर में बहुत ही थोड़ी (नाम मात्र की) वृद्धि हो सकती है, यथा, निर्धारित राजस्व का एक-दसवाँ अथवा एक- ग्यारहवाँ भाग ?
(a) बलबन
(b) अलाउद्दीन खिलजी
(c) ग्यासुद्दीन तुगलक
(d) फिरोजशाह तुगलक  
उत्तर-(c) व्याख्या – ग्यासुद्दीन तुगलक ने उपरोक्त नियम बनाया था। इन्होंने आर्थिक सुधार के अन्तर्गत अपनी धार्मिक नीति का आधार समंक, सख्ती एवं नमीं के मध्य सन्तुलन को बनाया। इसने लगान के रूप में उपज का 1/10 या 1/12 हिस्सा ही लेने का आदेश जारी कराया। इसने अमीरों की भूमि पुनः लौटा दी थी। इसने सिंचाई के लिए कुएँ एवं नहरों का निर्माण करवाया। सम्भवतः नहरों का निर्माण करवाने वाला ग्यासुद्दीन तुगलक प्रथम सुल्तान था। न्याय व्यवस्था के अन्तर्गत ग्यासुद्दीन ने एक न्याय विधानका निर्माण करवाया था। धार्मिक सहिष्णुता का अभाव था। यह दानी स्वभाव के होने के साथ जन कल्याणकारी कार्यों को कराने में दिलचस्पी रखता था।
257. जलालुद्दीन फिरोज खिलजी के शासन काल में निम्नलिखित में से कौन ‘नवीन मुस्लिम’ कहलाए थे ?
(a) मंगोल            
(b) भारतीय मुस्लिम
(c) ताजिक         
d) अबीसीनियाई        
उत्तर- (a) व्याख्या – जलालुद्दीन फिरोज खिलजी के शासन काल में मंगोलनवीन मुस्लिम कहलाए थे।
258. निम्नलिखित में से कौन एक मोहम्मद बिन तुगलक के विषय में सही नहीं है ?

(a) वह सार्वजनिक रूप से होली खेलता था
(b) वह गंगाजल का पान करता था
(c) उसने हिन्दू अमीरों को नियुक्त किया था
(d) वह कभी किसी मन्दिर नहीं गया था  
उत्तर- (d) व्याख्या-बिन तुगलक सम्भवत: दिल्ली सल्तनत के सभी सुल्तानों में सबसे अधिक विवादास्पद व्यक्तित्व का स्वामी था। एल्फिस्टन ने उसे पागल कहा है जबकि अनेक अन्य इतिहासकारों ने उसे अव्यावहारिक आदर्शवादी, विरोधों का सम्मिश्रण, अपूर्व प्रतिभाशाली, परोपकारी तथा रक्त का पिपासक प्रजापीड़क जैसी उपाधियों से नवाजा है। परन्तु इसमें सन्देह नहीं है कि वह अपने समय के प्रकाण्ड विद्वानों में से एक था। वह कुशाग्र बुद्धि, आश्चर्यजनक स्मरणशक्ति तथा तर्कशास्त्र, गणित, दर्शन, ज्योतिष, पदार्थ विज्ञान, आदि ज्ञान की विभिन्न शाखाओं में विख्यात था। वह सार्वजनिक रूप से होली खेलता था। वह गंगाजल का पान करता था। उसने हिन्दू अमीरों को नियुक्त किया था। वह हिन्दू मन्दिर में जाता रहता था। इतने गुणों के बावजूद उसमें व्यावहारिक निर्णय शक्ति एवं सामान्य बुद्धि का अभाव था। अपने सैद्धान्तिक ज्ञान के प्रभाव में वह नित नई योजनाओं के निर्माण में निमग्न रहता था। यद्यपि उसकी योजनाओं के पीछे ठोस सिद्धान्त का बल होता था परन्तु व्यवहार में वह निष्काम सिद्ध हुई क्योंकि तात्कालिक परिस्थिति उन योजनाओं के अनुकूल नहीं थी। इसी अर्थ में उसे अपने समय से आगे का सुल्तान कहा जाता है। उसका जल्दबाज तथा गर्म स्वभाव उसके लिए अहितकर सिद्ध हुआ क्योंकि वह किसी का विरोध सहन नहीं कर सकता था। अपने जीवन के अन्तिम समय वह विद्रोहों से निबटने में ही व्यस्त रहा और इसी में इसकी मृत्यु हो गई।
259. जलालुद्दीन फिरोज खिलजी के विरुद्ध कड़ा-मानिकपुर का विद्रोह करने वाला गवर्नर कौन था ?
(a) अर्कली खाँ            (b) अल्मास बेग (c) जौना खाँ        (d) मलिक छज्जू
(d) मलिक छज्जू
260. नीचे दो वक्तव्य दिए गए हैं-
कथन (A)—बहलोल लोदी का राजत्व सिद्धान्त बन्धुत्व पर आधारित था। कारण (R) — वह तुर्की सुल्तानों का अनुसरण करता था।
नीचे दिए गए कूट से आप सही उत्तर का चयन कीजिए—
(a) A एवं R दोनों सही हैं तथा A की सही व्याख्या R है
(b) A एवं R दोनों सही हैं, किन्तु A की सही व्याख्या R नहीं है
(c) A सही है, किन्तु R गलत है
(d) A गलत है, किन्तु R सही है  
उत्तर-(c) व्याख्या—बहलोल लोदी का राजत्व सिद्धान्त बन्धुत्व पर आधारित था। बहलोल अपने सरदारों को मसनद-ए-अली कहकर पुकारता था। वह अपने सरदारों के खड़े रहने पर खुद भी खड़ा रहता था। अतः कथन (A) सही है परन्तु कारण (R) गलत है, क्योंकि वह तुर्की सुल्तानों का अनुसरण नहीं करता था। अतः उत्तर विकल्प (c) होगा।
261. ‘किताब – उल – यामिनी’ का लेखक कौन है ?
(a) अल-बरूनी       (b) उत्बी
(c) फिरदौसी           (d) बन  
उत्तर-(b) व्याख्या- किताब-उल-यामिनीका लेखक उत्बी है।
262. निम्नलिखित युग्मों में से कौन-सा एक युग्म गलत है ?  
  विभाग                संस्थापक
(a) दीवाने-रियासत   —  मोहम्मद बिन तुगलक
(b) दीवाने-बन्दगान  —  अलाउद्दीन खिलजी
(c) दीवाने- सियासत — ग्यासुद्दीन तुगलक
(d) दीवाने-खैरात  —    फिरोज शाह तुगलक    
उत्तर- -(b) व्याख्या–सही सुमेलन इस प्रकार है- विभाग संस्थापक A. दीवाने-रियासत –अलाउद्दीन खिलजी B. दीवाने बन्दगान –फिरोजशाह तुगलक C. दीवाने- सियासत –मोहम्मद बिन तुगलक- D. दीवाने-खैरात –फिरोजशाह तुगलक फिरोजशाह तुगलक के शासन काल में दासों की संख्या लगभग 1,80,000 पहुँच गई थी। इनकी देखभाल हेतु सुल्तान ने दीवान-ए-बन्दगानकी स्थापना की थी।
263. मार्को पोलो किसके आयात पर भारतीय धन के एक बड़े भाग की बर्बादी (अपव्यय) पर दुख प्रकट करता है ?
(a) स्वर्ण             (b) रजत
(c) अश्व              (d) मदिरा
उत्तर-(c)● व्याख्या- मार्को पोलो अश्व (घोड़ों) के आयात पर भारतीय धन एक बड़े भाग की बर्बादी पर दुःख प्रकट करता है। यह इटली का रहने वाला था। इसने 13वीं सदी में भारत की यात्रा की थी।
264. विजयनगर शहर किस नदी के तट पर बसा हुआ था ?
(a) वेन-गंगा        
  (b) कावेरी
(c) तुंगभद्रा     
(d) कृष्णा
उत्तर-(c) व्याख्या – विजयनगर शहर तुंगभद्रा नदी के तट पर बसा हुआ था।
265. गुरु ग्रन्थ साहिब अपनी मौजूदा शक्ल में निम्न में किसके द्वारा तैयार किया गया था ?
(a) गुरु नानक देव
(b) गुरु अर्जुन देव
(c) गुरु गोविन्द सिंह   
(d) इनमें से कोई नहीं  
उत्तर-(b) व्याख्या-सिखों के पाँचवें गुरु, गुरु अर्जुन देव ने गुरु ग्रन्थ साहब का संकलन किया था। उन्होंने आध्यात्मिक कर लगाया एवं स्वर्ण मन्दिर की नींव रखी थी। सिख धर्म के प्रमुख गुरु एवं उनके कार्य- 1. गुरु नानक (1469-1538 ई.) सिख धर्म की स्थापना, आदि ग्रन्थ की रचना । 2. गुरु अंगद (1538-1552 ई.) गुरुमुखी लिपि के जनक। 3. गुरु अमरदास (1552-1574 ई.) – 22 गद्दियों की स्थापना। 4. गुरु रामदास (1574-1581 ई.) – गुरु पर वंशानुगत, अमृतसर की स्थापना (1577 ई.)। 5. गुरु अर्जुनदेव (1581-1606 ई.) – गुरु ग्रन्थ साहब का संकलन, आध्यात्मिक कर लगाया एवं स्वर्ण मन्दिर की नींव रखी। जहाँगीर द्वारा 1606 ई. में फाँसी की सजा दी गई। 6. गुरु हरगोविन्द सिंह (1606-1645 ई.) – जहाँगीर द्वारा कैद की सजा दी गई (1611 ई. तक ) । 7. गुरु हर दास (1645-1661 ई.) – अकाल तख्त की स्थापना, सिखों का सैन्यीकरण। 8. गुरु हरकिशन (1661-1664 ई.) अल्पवयस्क अवस्था में ही मृत्यु। 9. गुरु तेगबहादुर (1664-1675 ई.) – प्रशासनिक पद कबूल किया, इस्लाम धर्म नहीं स्वीकार करने पर औरंगजेब द्वारा फाँसी। 10. गुरु गोविन्द सिंह (1675-1708 ई.) – अन्तिम गुरु, खालसा की स्थापना, पाहुल नामक त्यौहार प्रारम्भ।
266. निम्नलिखित में से किसने कामरूप में वैष्णव धर्म का प्रवर्त्तन किया था  
(a) चैतन्य
(b) पुरन्दर दास
(c) रामानुज
(d) शंकरदेव
उत्तर- (d) व्याख्या-शंकरदेव ने कामरूप में वैष्णव धर्म का प्रवर्तन किया था। ये बारहवीं सदी के असम के महान् वैष्णव भक्त सन्त थे। इन्होंने असम में प्रचलित तान्त्रिक (शाक्त सम्प्रदाय का विरोध किया तथा वहाँ वैष्णववाद की प्रतिष्ठापना की। उनकी विष्णु में अमिट आस्था थी तथा उन्होंने उसकी भक्ति पर बल दिया। 120 वर्ष की आयु में उनकी असम में ही मृत्यु हो गई। इन्होंने असम में कई मठों की स्थापना की। ये एक प्रमुख समाज सुधारक भी थे। इन्होंने समाज में व्याप्त आडम्बरों का विरोध किया, सामाजिक समानता पर बल दिया तथा सभी जातियों के लोगों को अपना शिष्य बनाया। इन्होंने कई काव्य ग्रन्थ लिखे, जिनमें भगवत पुराण, रामायण, रुक्मिणीहरण काव्य, कीर्तन घोषा प्रमुख हैं।  उनके द्वारा लिखे गए नाटकों में रुक्मिणीहरण, कालिया दमन, राम विद्या आदि प्रमुख हैं।
267. चिश्तिया सम्प्रदाय के निम्नलिखित सूफी सन्तों में से किस एक को ‘चिराग-ए-देहलवी’ कहा जाता था ?  
(a) शेख फरीदुद्दीन
(b) शेख निजामुद्दीन औलिया
(c) शेख नासिरुद्दीन
(d) शेख सलीम चिश्ती
उत्तर -(c) व्याख्या – चिश्तिया सम्प्रदाय के सन्त शेख नासिरुद्दीन महमूद को चिराग-ए-देहलवी‘ [दिल्ली का दीपक (चिराग)] कहा जाता था। इनका जन्म अयोध्या में हुआ था। 45 वर्ष की अवस्था में औलिया का शिष्यत्व ग्रहण किया। शेख चिराग देहलवी भी ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया के प्रमुख शिष्यों में एक थे। इन्होंने दिल्ली को ही अपना केन्द्र बनाया। औलिया ने इन्हें अपना खलीफा (उत्तराधिकारी) नियुक्त किया था। मुहम्मद बिन तुगलक की मृत्यु के बाद उलेमाओं का साथ दिया तथा फिरोज को गद्दी पर बैठाया।    
268. निम्नलिखित में से कौन ‘भेदाभेद’ सिद्धान्त में विश्वास करता था?
(a) वल्लभाचार्य
(b) निम्बार्काचार्य
(d) रामानुजाचार्य
(c) माधवाचार्य
उत्तर— चारों विकल्प गलत हैं मत               प्रवर्तक 1. अद्वैतवाद —शंकराचार्य 2. विशिष्टाद्वैतवाद– रामानुज 3. द्वैताद्वैतवाद    —निम्बार्क 4. शुद्धाद्वैतवाद या पुष्टिमार्गवल्लभाचार्य 5. द्वैतवाद—माधवाचार्य, 6. शैव विशिष्टाद्वैत –श्री कण्ठ 7. वीर शैव विशिष्टाद्वैत –श्रीपति 8. भेदा भेदवाद– भास्कराचार्य 9. अचिन्य भेदा भेदवाद बलदेव 10. अविभागद्वैतविज्ञान भिक्षु
269. ‘फवाइदउल फवाद’ नामी पुस्तक शेख निजामुद्दीन औलिया की बातचीत का विवरण है। इसका संकलन निम्न में से किसने किया था?
(a) अमीर हसन सिजजी          (b) अमीर खुसरों देहलवी
(c) जियाउद्दीन बरनी              (d) हसन निजामी
उत्तर- (a) व्याख्या-फवाइदउल फवाद नामक पुस्तक का संकलन अमीर हसन सिजजी ने किया था। इसमें प्रमुख सूफी सन्त निजामुद्दीन औलिया की बातचीत का विवरण है।
270.सोलहवीं शताब्दी में भारत में रौशनिया आन्दोलन की शुरूआत निम्न में से किसने की थी ?
(a) मियाँ बायजीद अन्सारी
(b) अखुन्द दरवेजा
(c) मियाँ मुस्तफा गुजराती               
(d) इनमें से कोई नहीं  
उत्तर- (a) व्याख्या-सोलहवीं शताब्दी में भारत में रौशनिया आन्दोलन की शुरूआत मियाँ बायजीद अन्सारी ने की थी।  
271. किस मध्यकालीन सन्त के उपदेश ‘अभंग’ में संकलित हैं ? (a) दादू
(b) कबीर
(c) नामदेव (d) तुकाराम  
उत्तर – (d) व्याख्या- तुकाराम के उपदेश अभंगमें सम्मिलित हैं। मराठा भक्त सन्तों में तुकाराम का महत्त्वपूर्ण स्थान है। इन्होंने ईश्वर की भक्ति पर बल दिया तथा उसमें स्वयं को स्वीकार कर लिया। उन्होंने अपना मुख्य उद्देश्य मानव जाति का उद्धार बताया। ये महाराष्ट्र के पंढरपुर नामक स्थान से सम्बन्धित थे तथा विट्ठल के महान उपासक थे। ये बरकरी सम्प्रदाय से सम्बन्धित थे। ये शिवाजी के समकालीन थे। ये एक रहस्यवादी सन्त थे तथा उनके आह्वान पर महाराष्ट्र जनता को अत्यधिक प्रभावित हुई।
272. भारत में महदवी आन्दोलन की शुरूआत निम्न में किसने की थी ?
(a) अब्दुल्ला नियाजी
 (b) शेख अलाई
(c) अब्दुल्ला सुल्तानपुरी
(d) सैयद मोहम्मद जौनपुरी
उत्तर- (d) • व्याख्या- भारत में महदवी आन्दोलन की शुरूआत सैयद मोहम्मद जौनपुरी ने की थी।
273. ‘कशफुल महजूब’ नामक पुस्तक फारसी भाषा में लाहौर शहर में सूफियों के बारे में निम्न में किसके द्वारा रचित की गई है ?  
(a) हजरत मियाँ मीर कादरी           
(b) शेख अहमद सरहिन्दी
(c) शेख इस्माईल लाहौरी
(d) शेख अली हुजवेरी      
उत्तर- (d) व्याख्या- शेख अली हुजवेरी द्वारा कशफुल महजूबनामक पुस्तक लिखी गई थी। इस पुस्तक में सूफियों के बारे में विवरण है। यह फारसी भाषा में लिखी गई थी।
275. मनसबदारी व्यवस्था में मन्थ-स्केल (माहवारी प्रथा) किसने प्रारम्भ की थी ?
(a) जहाँगीर                        
 (b) शाहजहाँ  
(c) औरंगजेब          
(d) इनमें किसी ने नहीं  
उत्तर – (b) व्याख्या-अकबर ने धार्मिक उदारता की नीति अपनाई थी। धर्म के प्रति अपने उदार दृष्टिकोण के तहत अकबर ने 1575 ई. में फतेहपुर सीकरी में इबादतखानेकी स्थापना करवाई जिसका उद्देश्य परस्पर धार्मिक विषयों पर वाद-विवाद करना था। हर रविवार की संध्या को इबादतखाने में विभिन्न धर्मों के लोग एकत्रित होकर धार्मिक विषयों पर वाद-विवाद किया करते थे। इबादतखाने के प्रारम्भिक दिनों में मुसलमान, शेख, पीर, उलेमा ही यहाँ धार्मिक वार्ता हेतु उपस्थित होते थे परन्तु कालान्तर में अन्य धर्मों के लोग जैसे—ईसाई, हिन्दू, जैन, बौद्ध, फारसी, सूफी इत्यादि को भी इसमें अपने-अपने धर्म के मत को प्रस्तुत करने के लिए आमन्त्रित किया गया। इसमें होने वाले धार्मिक वाद-विवादों के अकुल अंजाम की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती थी। अकबर द्वारा इबादतखाने में निमन्त्रित जैन साधुओं में हरिविजय सूरी, जिनचन्द्र सूरी, शान्ति चन्द्र आदि थे। इसमें मेहरजी राणा नहीं थे।
275. मनसबदारी व्यवस्था में मन्थ-स्केल (माहवारी प्रथा) किसने प्रारम्भ की थी ?
(a) जहाँगीर                         
(b) शाहजहाँ
 (c) औरंगजेब          
(d) इनमें किसी ने नहीं  
उत्तर-(b) व्याख्या मनसबदारी व्यवस्था में माहवारी प्रथा (Month-Scale) शाहजहाँ ने प्रारम्भ की थी। शाहजहाँ ने अपने शासन काल में मनसबदारी व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार को रोकने के लिए उन मनसबदारों के लिए नियम बनाया जो अपने पद की तुलना में घुड़सवारों की संख्या कम कर देते थे। अब मनसबदारों के लिए यह आवश्यक हो गया कि वे अपने पद हेतु निर्धारित घुड़सवारों की संख्या की कम से कम एक चौथाई फौजी टुकड़ी अवश्य रखें। यदि इनकी नियुक्ति भारत से बाहर होती थी तो मनसबदारों को एक चौथाई के स्थान पर 1/9 सैनिक टुकड़ियाँ रखनी होती थीं।
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