इतिहास के 25 प्रश्न के श्रृंखला की शुरुआत की गई है। इससे आप अपने तैयारी की जांच कर सकते हैं। साथ ही यह सभी परीक्षाओं के लिए तैयार किया गया है।इसके pdf को आप हमारे वेबसाइट पर डाउनलोड कर सकते हैं
History MCQ GK Free Practice Set -9 (201-225)
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201. मध्यकालीन भारत के मुगल शासक वस्तुतः थे ? (a) फारसी (ईरानी) (b) अफगान (c) चगताई तुर्क (d) इनमें से कोई नहीं
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उत्तर- (c) व्याख्या-मुगल शासक वास्तव में तुर्कों की चगताई नामक शाखा के थे। इस शाखा का नाम प्रसिद्ध मंगोल नेता चंगेज खाँ के द्वितीय पुत्र के नाम पर पड़ा था, जिसके अधिकार में मध्य एशिया तथा तुर्कों का देश तुर्किस्तान था। |
202. निम्नलिखित में से कौन एक कथन मोहम्मद अली जिन्ना के विषय में सही नहीं है?
(a) वे ‘दो राष्ट्र सिद्धान्त‘ के समर्थक थे (b) उन्होंने 1940 के मुस्लिम लीग के लाहौर के वार्षिक अधिवेशन की अध्यक्षता की थी (c) असहयोग आन्दोलन में उन्होंने भाग नहीं लिया था (d) वे सदैव डायरी रखते थे
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उत्तर- (d) व्याख्या – मुहम्मद अली जिन्ना ने 23 मार्च, 1940 को मुस्लिम लीग के लाहौर अधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए भारत से अलग मुस्लिम राष्ट्र ‘पाकिस्तान‘ की माँग की। वह द्विराष्ट्र सिद्धान्त के समर्थक थे। महम्मद अली जिन्ना, असहयोग आन्दोलन से सहमत नहीं थे तथा उन्होंने इसमें भाग नहीं लिया था। |
203. निम्नलिखित में से कौन एक सही सुमेलित है?
(a) लाजपत राय –पावर्टी एण्ड अनब्रिटिश रूल (b) दादाभाई नौरोजी –- अनहैपी इण्डिया (c) रफीक जकारिया –द मैन हू डिवाइडेड इण्डिया इन इण्ड (d) सुभाष चन्द्र बोस –गिल्टी मैन ऑफ इण्डियाज पार्टीशन
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उत्तर-(d) व्याख्या- लाला लाजपत राय ने ‘अनहैप्पी इण्डिया‘ तथा दादा भाई नौरोजी ने ‘पावर्टी एण्ड अनब्रिटिश रूल इन इण्डिया‘ लिखी। रफीक जकारिया ने ‘द मैन हू डिवाइडेड इण्डिया‘ लिखी तथा सुभाषचन्द्र बोस ने ‘इण्डियन स्ट्रगल‘ नामक पुस्तक लिखी। ‘गिल्टी मैन ऑफ इण्डियाज पार्टीशन‘ पुस्तक राम मनोहर लोहिया ने लिखी थी। |
204. निम्नलिखित में से किस महिला क्रान्तिकारी ने दीक्षान्त समारोह में अपनी उपाधि (डिग्री) ग्रहण करते समय अंग्रेज गवर्नर (कुलाधिपति) पर गोली चलाई थी? (a) शान्ति घोष (b) सुनीति चौधरी (d) कल्पना दत्त जोशी (c) बीना दास
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उत्तर-(c) व्याख्या- बंगाल की दो स्कूली छात्राओं-शान्ति घोष और सुनीति चौधरी ने दिसम्बर, 1931 में एक जिलाधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी। बीना दास ने फरवरी, 1932 के दीक्षान्त समारोह में उपाधि ग्रहण करते समय बहुत नजदीक से गवर्नर पर गोली चलाई। |
205. 1907 के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सूरत के वार्षिक अधिवेशन के अध्यक्ष थे
(a) दादाभाई नौरोजी (b) बाल गंगाधर तिलक (c) गोपाल कृष्ण गोखले (d) आर बी घोष
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उत्तर- (d) व्याख्या-1907 में सूरत में आयोजित कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशन में उदारवादियों और उग्रवादियों में अध्यक्ष पद को लेकर (विवाद) 1905 में वाराणसी के कांग्रेस अधिवेशन से शुरू हुआ था) कांग्रेस का विभाजन हो गया। उग्रपन्थी या उग्रवादी जहाँ लाला लाजपत राय को कांग्रेस के सूरत अधिवेशन का अध्यक्ष बनाना चाहते थे, वहीं उदारवादी रास बिहारी घोष को कांग्रेस का अध्पयक्ष बनाना चाहते थे। अन्ततः रास बिहारी घोष अध्यक्ष बनने में सफल हुए। |
206. ‘शक-विजेता‘ किसे जाना जाता है?
(a) चन्द्रगुप्त प्रथम (b) समुद्रगुप्त (c) चन्द्रगुप्त द्वितीय (d) कुमारगुप्त
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उत्तर-(c) व्याख्या – चन्द्रगुप्त द्वितीय के शासन काल में गुप्त साम्राज्य अपने उत्कर्ष की चोटी पर पहुँचा। गुप्त सम्राट चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य को ‘शक विजेता‘ कहा गया है। पश्चिम भारत के अन्तिम शक राजा रुद्रसिंह तृतीय को चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य ने पराजित कर पश्चिमी भारत में शक सत्ता का उन्मूलन किया था। शकों को हराने के कारण चन्द्रगुप्त द्वितीय की एक अन्य उपाधि शाकारि भी है। |
207. भागवत सम्प्रदाय में भक्ति के रूपों की संख्या है (a) 7 (b) 8 (c) 9 (d) 10
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उत्तर-(c)व्याख्या – भागवत सम्प्रदाय में मोक्ष प्राप्ति के लिए नवधा भक्ति को मान्यता दी गई है। भागवत धर्म का उद्भव मौर्योत्तर काल में हुआ इस धर्म के विषय में प्रारम्भिक जानकारी उपनिषदों में मिलती है। |
208. किस मुगल बादशाह ने बलबन द्वारा प्रारम्भ किया गया, दरबारी रिवाज ‘सिजदा‘ समाप्त कर दिया था?
(a) अकबर (c) शाहजहाँ
(b) जहाँगीर (d) औरंगजेब
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उतर-(c) व्याख्या – शाहजहाँ ने अपने शासनकाल के प्रारम्भिक वर्षों में इस्लाम का पक्ष लिया, किन्तु कालान्तर में दारा और जहाँआरा के प्रभाव के कारण सहिष्णु बन गया था। शाहजहाँ ने 1636-37 में सिजदा एवं पायबोस प्रथा को समाप्त कर दिया तथा उसके स्थान पर (चहार-तस्लीम) की प्रथा शुरू करवाई। तथा पगड़ी में बादशाह की तस्वीर पहनने की मनाही कर दी।
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209. संघावो गुफा पुरास्थल है (a) निम्न पुरापाषाण काल का (b) मध्य पुरापाषाण काल का (c) नवपाषाण काल का (d) ताम्र पाषाण काल का
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उत्तर-(b) व्याख्या-संघावो गुफा पुरास्थल मध्य-पुरापाषाण काल का है। यह वर्तमान पाकिस्तान के पोतवार बेसिन में अवस्थित है। इसकी खुदाई अहमद हसन दानी ने करवाई थी। ये पेशावर विश्वविद्यालय से सम्बन्धित थे। रेडियो कार्बन डेटिंग के अनुसार इसकी अवधि 20000 से 40000 ई.पू. है। स्रोत- प्राचीन भारत का इतिहास एवं संस्कृति — के.सी. श्रीवास्तव |
210. निम्नलिखित में से किस शिलाश्रय से मानव शवाधान के प्रमाण मिले हैं ? (a) मोरहना (b) लेखहिया शिलाश्रय प्रथम (c) धुनही (d) घघरिया
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उत्तर-(b) व्याख्या- उपरोक्त में से मोरहना के नजदीक लेखनिया शिलाश्रय प्रथम के प्रमाण मिले हैं। यहाँ पर 17 मानव शवाधान प्राप्त हुए हैं। यह स्थल कैमूर की पहाड़ी में अवस्थित है। स्रोत- प्राचीन भारत का इतिहास एवं संस्कृति—के.सी. श्रीवास्तव
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211. हड्डी से निर्मित मातृदेवी की उच्च पुराप्रस्तर युगीन आकृति प्राप्त हुई है— (a) गोदावरी घाटी से (b) नर्मदा घाटी से (c) सोन घाटी से (d) बेलन घाटी से |
उत्तर- (d) व्याख्या- बेलन घाटी से हड्डी से निर्मित, मातृदेवी की उच्च पुराप्रस्तर युगीन आकृति प्राप्त हुई है। स्रोत- प्राचीन भारत का इतिहास एवं संस्कृति — के.सी. श्रीवास्तव |
212. निम्नलिखित में से कौन, भारत में प्राप्त सबसे बड़ा हड़प्पीय स्थल है ? (a) बनावली (b) कालीबंगा (c) लोथल (d) राखीगढ़ी
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उत्तर- (d)व्याख्या- भारत में प्राप्त सबसे बड़ा हड़प्पीय स्थल राखीगढ़ी है। हरियाणा राज्य के जीन्द जिले में स्थित इस पुरातात्विक स्थल की खोज सर्वप्रथम ‘प्रो. सूरजभान‘ और ‘आचार्य भगवानदेव‘ ने की थी । यहाँ से निचली सतह से पूर्व सिन्धु सभ्यता के तथा ऊपरी सतह से सिन्धु सभ्यता के अवशेष प्राप्त हुए हैं। राखीगढ़ी से प्राप्त साक्ष्य 1. मिट्टी का बना हल।2. मुद्रा, जिस पर सिन्धु लिपि का एक लेख अंकित है। स्त्रोत- प्राचीन भारत का इतिहास- |
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213. अष्टखण्डीय पुस्तक, ‘हिस्ट्री ऑफ इण्डिया ऐज टोल्ड बाई इट्स ओन हिस्टोरियन्स‘ निम्न में किसके द्वारा सम्पादित हुई थी ? (a) एलेक्जेन्डर कनिंघम (b) मान्टगोमरी मार्टिन एवं फ्रांसिस बुकनम (c) विलियम के. (d) एच.एम. इलियट एवं जान डॉनसन
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उत्तर—(d) ● व्याख्या- –‘हिस्ट्री ऑफ इण्डिया ऐज टोल्ड बाई इट्स हिस्टोरियन‘ नामक पुस्तक का सम्पादन एच. एम. इलियट एवं जॉन डॉनसन ने किया था। यह पुस्तक आठ खण्डों में विभाजित है। यह पुस्तक एच.एम. इलियट द्वारा लिखी गई है एवं जॉन डॉनसन द्वारा इसको सम्पादित किया गया है। यह पुस्तक 1867-77 ई. के बीच लन्दन में प्रकाशित हुई थी। यह पुस्तक मध्यकालीन भारत के लिए महत्त्वपूर्ण स्रोत का काम करती है। |
214. विवाह के किस प्रकार में कन्या- शुल्क की शर्त पूरी करनी होती थी ? (a) आसुर (b) ब्राह्म (c) दैव (d) गान्धर्व |
उत्तर- (a)व्याख्या-विवाह के आसुर प्रकार में कन्या शुल्क की शर्त पूरी करनी होती थी। विवाह के आठ प्रकार प्रचलित थे, जो इस प्रकार हैं- ब्रह्म विवाह — समान वर्ण में माता-पिता की अनुमति से दहेज के साथ विवाह । दैव विवाह-यज्ञ कर्म करने वाले के साथ कन्या का विवाह (दक्षिणा सहित) आर्ष विवाह- कन्या के पिता को एक जोड़ी बैल प्रदान किया जाता था। प्रजापत्य विवाह-बिना लेन-देन के योग्य वर से विवाह। असुर विवाह – कन्या को उसके माता-पिता से खरीद लिया जाता है। गान्धर्व विवाह – प्रेम सम्बन्धों के आधार पर विवाह । राक्षस विवाह- पराजित राजा की पुत्री, बहन या पत्नी से उसकी इच्छा के विरुद्ध विवाह। पैशाच विवाह—यह विवाह प्राय: विश्वासघात द्वारा किया जाता था। स्मृतियों में ब्रह्म विवाह, देव विवाह, आर्य विवाह, प्रजापत्य विवाह-ये चार विवाह ही मान्यता प्राप्त है।
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215. यजुर्वेद की निम्नलिखित संहिताओं में से किसमें केवल सूक्त हैं, गद्य नहीं है ? (a) कठ (b) मैत्रायवीय (c) तैत्तिरीय (d) वाजसनेयी
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उत्तर- (d) व्याख्या- यजुर्वेद की वाजसनेयी संहिता में केवल सूक्त है। इसमें गद्य नहीं है। यजुर्वेद में अनुष्ठानों से सम्बन्धित नियमों की जानकारी मिलती है। इससे राजनैतिक एवं सामाजिक परिस्थिति की भी जानकारी मिलती है। इसी ग्रन्थ में पहली बार राजसूय तथा वाजपेय जैसे दो राजकीय समारोह का उल्लेख मिलता है। यजुर्वेद की दो शाखाएं हैं- (i) कृष्ण यजुर्वेद (ii) शुक्ल यजुर्वेद – इसे वाजसनेयी संहिता भी कहते हैं।इसके दो पाठ हैं- (a) मध्याग्दिन संहिता (b) कण्व संहिता |
216. गंगा एवं यमुना नदियों का हमें सर्वप्रथम उल्लेख मिलता है-
(a) ऋग्वेद में (b) अथर्ववेद में
(c) शतपथ ब्राह्मण में (d) छान्दोग्य उपनिषद में
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उत्तर- (a) व्याख्या-गंगा एवं यमुना नदियों का हमें सर्वप्रथम उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है। ऋग्वेद में गंगा का उल्लेख एक बार एवं यमुना का उल्लेख तीन बार हुआ है। पूर्व वैदिक काल में आर्यों के भौगालिक विस्तार की जानकारी ऋग्वेद में उल्लेखित नदियों के उल्लेख से मिलती है। पूर्व वैदिक आर्यों ने मुख्य रूप से अफगानिस्तान की कुछ नदियों तथा सात सैन्धव (सप्त सैन्धव), गंगा एवं यमुना का वर्णन किया है, जो इस प्रकार है- 1. कुभा (काबुल) 2. सुवास्तु (स्वात) 3. कुर्मु (कुर्रम) 4. गोमति (गोमल) 5. सिन्धु (सिन्ध) 6. वितस्ता (ओमक) 7. अस्किनी (चेनाब)) 8. विपासा (व्यास) 9. शुतुद्रि (सतलज 10. यमुना 11. सरस्वती 12. दृष्टति 13. सरयू 14. गंगा। |
217. निम्नलिखित में से कौन एक ‘अनुलोम‘ प्रकार के विवाह का निदर्शन है ?
(a) ब्राह्मण लड़के का एक क्षत्रिय लड़की से विवाह (b) क्षत्रिय लड़की का एक क्षत्रिय लड़के से विवाह (c) ब्राह्मण लड़के का एक ब्राह्मण लड़की से विवाह (d) वैश्य लड़की का एक क्षत्रिय लड़के से विवाह
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उत्तर- (a) व्याख्या अनुलोम विवाह में उच्च वर्ण का व्यक्ति अपने ठीक नीचे के वर्ण की कन्या के साथ विवाह करता था जबकि प्रतिलोम विवाह के अन्तर्गत उच्च वर्ण की कन्या का विवाह निम्न वर्ग के व्यक्ति के साथ होता था। ब्राह्मण लड़की का एक क्षत्रिय लड़की के साथ विवाह एक अनुलोम प्रकार का विवाह है। विवाह प्राचीन काल से चला आ रहा हिन्दू समाज का सर्वाधिक महत्वपूर्ण संस्कार है। विवाह शब्द ” उपसर्ग पूर्वक वह धातु से बना है जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘व को वर के घर से ले जाना या पहुंचाना‘। हिन्दू समाज में इसे एक पवित्र संस्था के रूप में मान्यता दी गई है जिसका उद्देश्य पति और पत्नी के सहयोग से विभिन्न दायित्वों को पूरा करना है। स्त्रोत- प्राचीन भारत का इतिहास- एन.सी.ई.आर.टी.
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218. निम्नलिखित में से कौन ‘मनुस्मृति‘ पर लिखी गई अपनी टीका के लिए प्रसिद्ध है ?
(a) अपरार्क (b) मेधातिथि (c) विज्ञानेश्वर (d) विश्वरूप
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उत्तर-(b) व्याख्या- मनुस्मृति के प्रसिद्ध भाष्यकार मेधातिथि गोविन्दराज तथा कुल्लुक भट्ट है। धर्मसूत्र साहित्य से कालान्तर में स्मृति ग्रन्थों की रचना की गई जिसे ‘धर्मशास्त्र‘ भी कहा जाता है। ईसा पूर्व द्वितीय शताब्दी से लेकर पूर्व मध्यकाल तक विभिन्न स्मृति ग्रन्थों की रचना की गई। मनुस्मृति, याज्ञवल्क्य स्मृति, विष्णु स्मृति, कात्यायन स्मृति, बृहस्पति स्मृति, पाराशर स्मृति, गौतम स्मृति, वशिष्ठ स्मृति, नारद स्मृति, देवल स्मृति इत्यादि प्रमुख स्मृति ग्रन्थ हैं। इसमें मनुस्मृति सर्वाधिक प्राचीन तथा प्रामाणिक है जिसकी रचना द्वितीय शताब्दी ई.पू. में शुंग काल में की गई है। स्मृतियों में विभिन्न वर्णों, राजाओं और पदाधिकारियों के नाम भी दिए गए हैं। |
219. निम्नलिखित वक्तव्यों पर विचार कीजिए- कथन (A)– मिताक्षरा के अनुसार पिता अपने जीवन काल में अपने पुत्रों के मध्य अपनी सम्पत्ति का बंटवारा कर सकता था। कारण (R) – मिताक्षरा ने पैतृक सम्पत्ति में पुत्र का जन्मना स्वत्व स्वीकार नहीं किया। नीचे दिए गए कूट से आप सही उत्तर का चयन कीजिए- (a) A एवं R दोनों सही हैं तथा A की सही व्याख्या R है (b) A एवं R दोनों सही हैं किन्तु, A की सही व्याख्या R नहीं है। (c) A सही है, किन्तु R गलत है (d) A गलत है, किन्तु R सही है |
उतर(c)व्याख्या- मिताक्षरा (12वीं सदी) के अनुसार पिता अपने जीवन काल में अपने पुत्रों के मध्य अपनी सम्पत्ति का बँटवारा कर सकता था। मिताक्षरा के लेखक विज्ञानेश्वर है, जो कल्याणी के चालुक्य शासक विक्रमादित्य षष्ठ के दरबार में रहते थे। इस ग्रन्थ से पता चलता है कि पिता के जीवन काल में भी पुत्रों को सम्पत्ति का भाग मिल सकता था, जो आज बंगाल, असम तथा पूर्वी भारत के राज्यों को छोड़कर समस्त भारत में प्रचलित है। मिताक्षरा ने पैतृक सम्पत्ति में पुत्र का जन्मना स्वत्व स्वीकार नहीं किया था। इस प्रकार कथन (A) सही है एवं कारण (R) गलत है। अत: उत्तर विकल्प (c) होगा।
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220. ‘द्यूत क्रीड़ा‘ जिस कर्मकाण्ड का अंग थी, वह – (a) अग्निष्टोम (अग्निएटोम) (b) अश्वमेघ (c) राजसूय (d) वाजपेय |
२ व्याख्या द्यूत क्रिया राजसूय यज्ञ का अंग थी। इस आनुष्ठानिक यज्ञ से प्रजा में यह विश्वास पैदा हो जाता था कि इसके सम्राट को दिव्य शक्ति मिल गई है। यह यज्ञ राज्याभिषेक के समय सम्पन्न कराया जाता था। |
२२१ निम्नलिखित वक्तव्यों पर ध्यान दीजिए-
कथन (A) गौतम बुद्ध ने अपने सर्वाधिक वर्षावास श्रावस्ती में किए थे कारण (R)—कोसल के राजा प्रसेनजित तथा गौतम बुद्ध एक आयु के थे। कूट : (a) A एवं R दोनों सही हैं तथा A की सही व्याख्या R है (b) A एवं R दोनों सही हैं किन्तु, A की सही व्याख्या R नहीं है (c) A सही है, किन्तु R गलत है (d) A गलत है, किन्तु R सही है
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उत्तर-(b) व्याख्या- गौतम बुद्ध ने अपने सर्वाधिक वर्षावास श्रावस्ती में किए थे। प्रसेनजित महात्मा बुद्ध के अनुयायी थे। प्रसेनजित कोसल महाजनपद के प्रसिद्ध राजा थे। अंगुत्तरनिकाय में कोसल महाजनपद का उल्लेख मिलता है। इसकी पहली राजधानी अयोध्या या साकेत थी जो बाद में बदलकर श्रावस्ती हो गई। इस प्रकार कथन (A) एवं कारण (R) दोनों सही हैं किन्तु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है अतः उत्तर विकल्प (b) होगा।
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222. ‘तेवारम‘ किन शैव सन्तों के गानों (भजनों) का संग्रह है ?
1. अप्पर 2. सम्बन्दर 3. सुन्दरर 4. माणिक्वाचकर नीचे दिए गए कूट से आप अपना उत्तर निर्दिष्ट कीजिए— (a) केवल 1 (b) 1 एवं 2 (c) 1, 2 एवं 3 (d) 1, 2, 3 एवं 4
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उत्तर-(c) व्याख्या-तेवारम में अप्पर, सम्बन्दर एवं सुन्दरर शैव सन्तों के गानों का संग्रह है। ये सभी नयनार सन्त थे। द. भारत में शैव धर्म के उन्नायक नयनार सन्तों ने पल्लव शासन काल में इसका काफी प्रचार-प्रसार किया एवं समाज पर इस धर्म की काफी गहरी छाप छोड़ी। प्रसिद्ध 63 नयनार सन्तों में प्रमुख थे— सुन्दर मूर्ति, मणिक्क वाचगर, अय्यार, तिरुज्ञान सम्बन्दर इत्यादि । |
223. जैसा कि प्राप्ति-स्थलों से संकेत मिलता है, ‘बेंट-बार‘ प्रकार के सिक्के प्रचलित थे-
(a) गान्धार में (b) मत्स्य में (c) मगध में (d) कलिंग में |
उत्तर- (a)व्याख्या—बेंट-बार प्रकार के सिक्के गान्धार में प्रचलित थे। यह सिक्का पंचमार्क प्रकार का था। यह 450 ई.पू. के गान्धार में प्रचलन में था।
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224. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए-
सूची-1 (धर्म) सूची-II(आचार्य)
1. बौद्ध धर्म A. हरिभद्र 2. जैन धर्म B. लकुलीश 3. शैव धर्म C. नाथमुनि 4. वैष्णव धर्म D. वसुबन्धु कूट : A B C D (a) 1 2 3 4 (b) 2 3 4 1 (c) 3 4 2 1 (d) 4 3 2 1
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उत्तर-(b)व्याख्या-सही सुमेलन इस प्रकार है- सूची-1(धर्म) (आचार्य)
1. जैन धर्म A. हरिभद्र 2. सैव धर्म B. लकुलीश 3. वैष्णव धर्म C. नाथमुनि 4. बौद्ध धर्म D. वसुबन्धु
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225. निम्नलिखित में से सिक्कों के किस समुदाय में पृष्ठ भाग के प्रतीक पुरो भाग पर अंकित राजा के नाम से मेल खाते हैं ? (a) कुणिन्द (b) मालव (c) मघ (d) पांचाल
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उत्तर- (d) व्याख्या-सिक्के के पृष्ठ भाग के प्रतीक पुरो भाग पर अंकित राजा पांचाल के नाम से मेल खाते हैं।
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